<p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दलित नेता टीका राम जूली (Tika Ram Jully) ने मंदिर शुद्धिकरण मामले पर बयान दिया है. शनिवार (12 अप्रैल) को उन्होंने पूर्व BJP विधायक ज्ञान देव आहूजा (Gyan Dev Ahuja) द्वारा उनके अलवर मंदिर दौरे के बाद ‘शुद्धिकरण’ करने पर गहरी नाराज़गी जताते हुए बताया कि वे कई दिन तक ठीक से सो नहीं पाए और परेशान रहे. वहीं इस घटना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित AICC बैठक में चिंता जताई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जूली ने बताया कि जब उन्होंने यह वीडियो देखा तो उन्हें बेहद दुख हुआ. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा, “सोच नहीं सकता कोई ऐसा कैसे सोच सकता है. 2 दिन तक ठीक से सो नहीं पाया, बेचैनी में रहा. मैं 66 कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधित्व करता हूं, एक सौ साल पुरानी पार्टी का नेता हूं. जब मेरे साथ ऐसा हुआ तो आम आदमी का क्या होता होगा?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राहुल गांधी का हाथ लगा अपनापन- टीका राम जूली</strong><br />पूर्व BJP विधायक आहूजा ने कहा था कि जूली के ‘अशुद्ध’ हाथों और पैरों से मंदिर अपवित्र हो गया, जिस पर जूली ने कहा कि इससे जातिगत भेदभाव की गंभीरता सामने आई है. “राहुल गांधी ने जब कंधे पर हाथ रखा, तो लगा कि पार्टी मेरे साथ खड़ी है. एक अपनापन महसूस हुआ,” जूली ने बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>AICC मंच से इस मुद्दे को उठाए जाने से उन्हें भरोसा मिला कि समाज में आज भी मौजूद छुआछूत के खिलाफ लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं. उन्होंने कहा, “इससे जागरूकता फैली है और जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उन्हें भी सीमा समझ में आएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीका राम जूली का राजनीतिक इतिहास</strong><br />राजनीतिक यात्रा की बात करें तो टीका राम जूली ने राजनीति में कदम ‘संयोगवश’ रखा. उनके पिता लेखराम सरपंच थे, लेकिन राजनीति में खुद उतरने की योजना नहीं थी. 2005 में जिला प्रमुख बने और फिर 2008 में आरक्षित सीट से विधायक चुने गए. 2018 में फिर जीत हासिल कर सामाजिक न्याय मंत्री बने और बाद में कैबिनेट मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर से माफी मांगने को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और उनके बीच मतभेद की अटकलें भी उड़ीं. लेकिन जूली ने इसे बीजेपी की बनाई गई “छवि” करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं जूली ने भी साफ कहा, “हम बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के दायरे में रहकर काम करेंगे, चाहे कोई कितना भी भड़काने की कोशिश करे.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Rajasthan Politics:</strong> राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दलित नेता टीका राम जूली (Tika Ram Jully) ने मंदिर शुद्धिकरण मामले पर बयान दिया है. शनिवार (12 अप्रैल) को उन्होंने पूर्व BJP विधायक ज्ञान देव आहूजा (Gyan Dev Ahuja) द्वारा उनके अलवर मंदिर दौरे के बाद ‘शुद्धिकरण’ करने पर गहरी नाराज़गी जताते हुए बताया कि वे कई दिन तक ठीक से सो नहीं पाए और परेशान रहे. वहीं इस घटना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी हाल ही में अहमदाबाद में आयोजित AICC बैठक में चिंता जताई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जूली ने बताया कि जब उन्होंने यह वीडियो देखा तो उन्हें बेहद दुख हुआ. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा, “सोच नहीं सकता कोई ऐसा कैसे सोच सकता है. 2 दिन तक ठीक से सो नहीं पाया, बेचैनी में रहा. मैं 66 कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधित्व करता हूं, एक सौ साल पुरानी पार्टी का नेता हूं. जब मेरे साथ ऐसा हुआ तो आम आदमी का क्या होता होगा?”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राहुल गांधी का हाथ लगा अपनापन- टीका राम जूली</strong><br />पूर्व BJP विधायक आहूजा ने कहा था कि जूली के ‘अशुद्ध’ हाथों और पैरों से मंदिर अपवित्र हो गया, जिस पर जूली ने कहा कि इससे जातिगत भेदभाव की गंभीरता सामने आई है. “राहुल गांधी ने जब कंधे पर हाथ रखा, तो लगा कि पार्टी मेरे साथ खड़ी है. एक अपनापन महसूस हुआ,” जूली ने बताया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>AICC मंच से इस मुद्दे को उठाए जाने से उन्हें भरोसा मिला कि समाज में आज भी मौजूद छुआछूत के खिलाफ लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं. उन्होंने कहा, “इससे जागरूकता फैली है और जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उन्हें भी सीमा समझ में आएगी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीका राम जूली का राजनीतिक इतिहास</strong><br />राजनीतिक यात्रा की बात करें तो टीका राम जूली ने राजनीति में कदम ‘संयोगवश’ रखा. उनके पिता लेखराम सरपंच थे, लेकिन राजनीति में खुद उतरने की योजना नहीं थी. 2005 में जिला प्रमुख बने और फिर 2008 में आरक्षित सीट से विधायक चुने गए. 2018 में फिर जीत हासिल कर सामाजिक न्याय मंत्री बने और बाद में कैबिनेट मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान स्पीकर से माफी मांगने को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और उनके बीच मतभेद की अटकलें भी उड़ीं. लेकिन जूली ने इसे बीजेपी की बनाई गई “छवि” करार दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं जूली ने भी साफ कहा, “हम बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान के दायरे में रहकर काम करेंगे, चाहे कोई कितना भी भड़काने की कोशिश करे.”</p> राजस्थान दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी को लिखा ‘OPEN LETTER’ , मांगे इन 6 सवालों के जवाब
टीकाराम जूली के मंदिर जाने पर BJP विधायक ने कही शुद्धिकरण की बात, आहत दलित नेता बोले- ‘कई दिन तक सो नहीं पाया’
