गुरुग्राम के मानेसर में बुधवार को दोपहर तीन बजे झुग्गियों में भीषण आग लग गई। आग लगते ही भगदड़ मच गई और देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप ले लिया। आग में एलपीजी के सिलेंडर भी फटने लगे। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया। आग में लगभग 70 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। इस हादसे में दो कुत्तों की मौत भी हुई है। फायर ब्रिगेड को मौके से 60 गैस सिलेंडर पाए गए हैं, जिनमें से 5 सिलेंडर फट गए। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों को मौके पर तैनात किया गया, जिनमें 4 मानेसर फायर स्टेशन की और एक मारुति कंपनी की थी। तेजी से फैली आग यह घटना मानेसर के एक घनी आबादी वाले झुग्गी क्षेत्र में तीन बजे शुरू हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि स्थानीय निवासियों को अपने सामान बचाने का मौका तक नहीं मिला। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर तक दिखाई दे रहा था, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि वे दिन के वक्त आराम कर रहा था, तो अचानक चीख-पुकार मची। बाहर निकले तो सब कुछ जल रहा था। सिलेंडर फटने की आवाज से लोग और डर गए। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 5 टीमें आग की सूचना मिलते ही मानेसर फायर स्टेशन ने तुरंत 4 दमकल गाड़ियां भेजीं। इसके बाद मारुति कंपनी की एक दमकल गाड़ी भी सहायता के लिए पहुंची। फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में लगी हुई है। फायर अधिकारी के मुताबिक गैस सिलेंडरों के फटने से दमकल कर्मियों को भी जोखिम का सामना करना पड़ा। सिलेंडरों के कारण स्थिति और जटिल हो गई थी। हमारी प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालने और आग को फैलने से रोकने की थी। कई पालतू जानवर लापता हादसे में किसी मानव हताहत की खबर नहीं है, लेकिन दो कुत्तों की जली हुई बॉडी बरामद की गई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई पालतू जानवर इस हादसे में लापता हैं। आग से प्रभावित परिवारों ने अपना सारा सामान खो दिया है, जिसमें कपड़े, बर्तन, और अन्य जरूरी सामान शामिल हैं। प्रभावित लोगों में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं। घटना की जांच में जुटी पुलिस बताया जा रहा है कि झुग्गी क्षेत्रों में अवैध बिजली कनेक्शन और पुराने तारों का उपयोग इस तरह के हादसों का प्रमुख कारण है। पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीमें विस्तृत जांच कर रही हैं ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। इस हादसे से झुग्गी क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है। एक महीने के अंदर शहर में चौथी बार झुग्गियों में आग लगी है। नियमित निरीक्षण, सुरक्षित बिजली कनेक्शन, और जागरूकता अभियान इस तरह के हादसों को रोक सकते हैं। गुरुग्राम के मानेसर में बुधवार को दोपहर तीन बजे झुग्गियों में भीषण आग लग गई। आग लगते ही भगदड़ मच गई और देखते ही देखते आग ने भयंकर रूप ले लिया। आग में एलपीजी के सिलेंडर भी फटने लगे। सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया। आग में लगभग 70 झुग्गियां जलकर राख हो गईं। इस हादसे में दो कुत्तों की मौत भी हुई है। फायर ब्रिगेड को मौके से 60 गैस सिलेंडर पाए गए हैं, जिनमें से 5 सिलेंडर फट गए। प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों को मौके पर तैनात किया गया, जिनमें 4 मानेसर फायर स्टेशन की और एक मारुति कंपनी की थी। तेजी से फैली आग यह घटना मानेसर के एक घनी आबादी वाले झुग्गी क्षेत्र में तीन बजे शुरू हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि स्थानीय निवासियों को अपने सामान बचाने का मौका तक नहीं मिला। आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर तक दिखाई दे रहा था, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत फैल गई। स्थानीय निवासी रमेश कुमार ने बताया कि वे दिन के वक्त आराम कर रहा था, तो अचानक चीख-पुकार मची। बाहर निकले तो सब कुछ जल रहा था। सिलेंडर फटने की आवाज से लोग और डर गए। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की 5 टीमें आग की सूचना मिलते ही मानेसर फायर स्टेशन ने तुरंत 4 दमकल गाड़ियां भेजीं। इसके बाद मारुति कंपनी की एक दमकल गाड़ी भी सहायता के लिए पहुंची। फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में लगी हुई है। फायर अधिकारी के मुताबिक गैस सिलेंडरों के फटने से दमकल कर्मियों को भी जोखिम का सामना करना पड़ा। सिलेंडरों के कारण स्थिति और जटिल हो गई थी। हमारी प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालने और आग को फैलने से रोकने की थी। कई पालतू जानवर लापता हादसे में किसी मानव हताहत की खबर नहीं है, लेकिन दो कुत्तों की जली हुई बॉडी बरामद की गई। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कई पालतू जानवर इस हादसे में लापता हैं। आग से प्रभावित परिवारों ने अपना सारा सामान खो दिया है, जिसमें कपड़े, बर्तन, और अन्य जरूरी सामान शामिल हैं। प्रभावित लोगों में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं। घटना की जांच में जुटी पुलिस बताया जा रहा है कि झुग्गी क्षेत्रों में अवैध बिजली कनेक्शन और पुराने तारों का उपयोग इस तरह के हादसों का प्रमुख कारण है। पुलिस और फायर डिपार्टमेंट की टीमें विस्तृत जांच कर रही हैं ताकि हादसे के सटीक कारणों का पता लगाया जा सके। इस हादसे से झुग्गी क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की कमी को उजागर किया है। एक महीने के अंदर शहर में चौथी बार झुग्गियों में आग लगी है। नियमित निरीक्षण, सुरक्षित बिजली कनेक्शन, और जागरूकता अभियान इस तरह के हादसों को रोक सकते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
