<p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> साल 2019 में अपने को कथित रूप से मृतक घोषित किए आरोपी को लखनऊ के आईआईएम के पास से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी अरविंद चौहान आजमगढ़ में एक निजी कंपनी में काम करता था. कंपनी लोगों से पैसा जमा कराती थी लेकिन इस कंपनी ने 2017 में अपना कार्यालय बंद कर दिया. इसके बाद जिन लोगों ने पैसा जमा किया था वह अपने पैसे के लिए दबाव बनाने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने अपने रिश्तेदारों और जनता का करोड़ों रुपया जमा कराया था. जब आम जनता और रिश्तेदारों का दबाव बढ़ने लगा तो आरोपी वर्ष 2019 को अपना मोबाइल अपने घर पर छोड़कर लखनऊ चला गया. इसके साथ ही लखनऊ में आईआईएम के पास किराए पर कमरा लेकर ऑटो चलाने लगा.आरोपी की पत्नी सुनीता ने जहानागंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरोपी की पत्नी ने दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा</strong><br />इसके साथ ही 2024 में आरोपी की पत्नी ने कोतवाली में न्यायालय के माध्यम से हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. इसके साथ ही इस मामले में वासुदेव चौहान और घरबारन चौहान को आरोपी बताया गया. हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना के दौरान पुलिस की सर्विलांस टीम ने यह पाया कि अरविंद चौहान मरा नहीं है वह व्हाट्सएप चैट के जरिए अपनी पत्नी से लगातार संपर्क में है. इस जानकारी के बाद पुलिस सक्रिय हुई और उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि जब पुलिस की सर्विलांस टीम ने अरविंद कुमार चौहान के परिजनों का मोबाइल नंबर प्राप्त करके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की जिसमें कुछ मोबाइल नंबर संदिग्ध पाए गए. इसके बाद जांच में यह बात सामने आई की कथित रूप से मृतक अरविंद चौहान लखनऊ के आईआईएम के पास रह रहा है. इसी सूचना के आधार पर आजमगढ़ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूछताछ में आरोपी ने उगले कई राज</strong><br />आरोपी अरविंद चौहान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह एक कंपनी में काम करता था और कंपनी 2017 में भाग गई. कंपनी में अपने रिश्तेदारों और आसपास के लोगों का करोड़ों रुपया जमा किया था. सभी लोग जब अपना पैसा वापस मांगने लगे. तो मैं अपना मोबाइल नंबर बंद करके लखनऊ चला गया. आरोपी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि मैं अपने रिश्तेदार वासुदेव चौहान से अपनी पत्नी के खाते में धोखाधड़ी करके चार लाख 42000 ट्रांसफर भी कर लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अदालत को गुमराह करने के लिए दर्ज कराया झूठा केस</strong><br />इस मामले में भी धोखाधड़ी का मुकदमा वासुदेव चौहान ने मेरे पिता मुसाफिर चौहान और पत्नी सुनीता चौहान के साथ मेरे विरुद्ध भी दर्ज कराया था. ऐसे में आरोपी की पत्नी सुनीता ने न्यायालय को गुमराह करके न्यायालय में झूठा शपथ पत्र देकर इस मामले में वासुदेव चौहान और घरबारन चौहान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/up-badaun-dogs-ate-an-unclaimed-body-outside-the-post-mortem-house-video-viral-ann-2926417″><strong>वाह रे सिस्टम! यूपी के बदायूं में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर लावारिस शव को कुत्ते ने नोच-नोचकर खाया</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Azamgarh News:</strong> साल 2019 में अपने को कथित रूप से मृतक घोषित किए आरोपी को लखनऊ के आईआईएम के पास से गिरफ्तार किया गया है. आरोपी अरविंद चौहान आजमगढ़ में एक निजी कंपनी में काम करता था. कंपनी लोगों से पैसा जमा कराती थी लेकिन इस कंपनी ने 2017 में अपना कार्यालय बंद कर दिया. इसके बाद जिन लोगों ने पैसा जमा किया था वह अपने पैसे के लिए दबाव बनाने लगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आरोपी ने अपने रिश्तेदारों और जनता का करोड़ों रुपया जमा कराया था. जब आम जनता और रिश्तेदारों का दबाव बढ़ने लगा तो आरोपी वर्ष 2019 को अपना मोबाइल अपने घर पर छोड़कर लखनऊ चला गया. इसके साथ ही लखनऊ में आईआईएम के पास किराए पर कमरा लेकर ऑटो चलाने लगा.आरोपी की पत्नी सुनीता ने जहानागंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरोपी की पत्नी ने दर्ज कराया था हत्या का मुकदमा</strong><br />इसके साथ ही 2024 में आरोपी की पत्नी ने कोतवाली में न्यायालय के माध्यम से हत्या का मुकदमा दर्ज कराया. इसके साथ ही इस मामले में वासुदेव चौहान और घरबारन चौहान को आरोपी बताया गया. हत्या का मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना के दौरान पुलिस की सर्विलांस टीम ने यह पाया कि अरविंद चौहान मरा नहीं है वह व्हाट्सएप चैट के जरिए अपनी पत्नी से लगातार संपर्क में है. इस जानकारी के बाद पुलिस सक्रिय हुई और उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि जब पुलिस की सर्विलांस टीम ने अरविंद कुमार चौहान के परिजनों का मोबाइल नंबर प्राप्त करके कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की जिसमें कुछ मोबाइल नंबर संदिग्ध पाए गए. इसके बाद जांच में यह बात सामने आई की कथित रूप से मृतक अरविंद चौहान लखनऊ के आईआईएम के पास रह रहा है. इसी सूचना के आधार पर आजमगढ़ पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पूछताछ में आरोपी ने उगले कई राज</strong><br />आरोपी अरविंद चौहान ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह एक कंपनी में काम करता था और कंपनी 2017 में भाग गई. कंपनी में अपने रिश्तेदारों और आसपास के लोगों का करोड़ों रुपया जमा किया था. सभी लोग जब अपना पैसा वापस मांगने लगे. तो मैं अपना मोबाइल नंबर बंद करके लखनऊ चला गया. आरोपी ने इस बात को भी स्वीकार किया कि मैं अपने रिश्तेदार वासुदेव चौहान से अपनी पत्नी के खाते में धोखाधड़ी करके चार लाख 42000 ट्रांसफर भी कर लिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अदालत को गुमराह करने के लिए दर्ज कराया झूठा केस</strong><br />इस मामले में भी धोखाधड़ी का मुकदमा वासुदेव चौहान ने मेरे पिता मुसाफिर चौहान और पत्नी सुनीता चौहान के साथ मेरे विरुद्ध भी दर्ज कराया था. ऐसे में आरोपी की पत्नी सुनीता ने न्यायालय को गुमराह करके न्यायालय में झूठा शपथ पत्र देकर इस मामले में वासुदेव चौहान और घरबारन चौहान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था.</p>
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