Maharashtra: ‘मंदिर और वक्फ बोर्ड की…’, संजय निरुपम का बड़ा बयान, MNS नेताओं पर क्यों किया तंज?

Maharashtra: ‘मंदिर और वक्फ बोर्ड की…’, संजय निरुपम का बड़ा बयान, MNS नेताओं पर क्यों किया तंज?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Politics: </strong>शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने एक प्रेस वार्ता में कई संवेदनशील और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. चाहे वो वक्फ कानून का विवाद हो, मराठी स्कूलों में हिंदी अनिवार्यता का मुद्दा या फिर बालासाहेब ठाकरे की आवाज का AI से इस्तेमाल.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरुपम ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह सवाल कि ‘क्या मंदिर प्रबंधन में कोई गैर-हिंदू हो सकता है?’ मंदिर और वक्फ बोर्ड की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है, जिसे सरकार बनाती है और उसे अनुदान भी देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी जोड़ा कि मस्जिद प्रबंधन में भी किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करने की मांग नहीं की जाती, इसलिए मंदिर और वक्फ की तुलना करना अनुचित है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं और सरकार को यह तथ्य कोर्ट में स्पष्ट रूप से रखने चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदी सीखना गुनाह नहीं- संजय निरुपम</strong><br />नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) में हिंदी को मराठी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक अनिवार्य किए जाने के मुद्दे पर निरुपम ने कहा कि इससे मराठी की अनिवार्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बच्चों को मराठी, हिंदी और अंग्रेजी इन तीनों भाषाओं को सीखनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने सवाल उठाया कि जब अंग्रेजी जैसी परदेशी भाषा को अपनाने में किसी को आपत्ति नहीं होती, तो हिंदी जैसी देश की भाषा को लेकर राजनीति क्यों हो रही है? उन्होंने MNS नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उनके अपने बच्चे मराठी के साथ-साथ जर्मन और फ्रेंच जैसी भाषाएं सीखते हैं, लेकिन हिंदी सीखने से परहेज करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना</strong><br />वहीं उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की आवाज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से फिर से जीवित करने के प्रयास पर संजय निरुपम ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, “अब उद्धव ठाकरे को AI से भाषण करवाना पड़ रहा है, जिससे साफ है कि पूरी पार्टी ही अब आर्टिफिशियल हो चुकी है.” उन्होंने कहा कि अब ये दिन आ गए कि उद्धव ठाकरे को अब AI से भाषण करने की ज़रूरत पड़ रही रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरुपम ने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी (UBT) अब बालासाहेब के मूल विचारों से बहुत दूर जा चुकी है और यही ‘गद्दारी’ है उनके आदर्शों के साथ. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के चलते हुए कथित सांप्रदायिक तनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुओं को वहां मार दिया गया और पलायन करना पड़ा, लेकिन शिवसेना UBT ऐसे दंगाइयों का समर्थन कर रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Politics: </strong>शिवसेना के प्रवक्ता संजय निरुपम ने एक प्रेस वार्ता में कई संवेदनशील और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. चाहे वो वक्फ कानून का विवाद हो, मराठी स्कूलों में हिंदी अनिवार्यता का मुद्दा या फिर बालासाहेब ठाकरे की आवाज का AI से इस्तेमाल.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरुपम ने वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई को लेकर अपनी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह सवाल कि ‘क्या मंदिर प्रबंधन में कोई गैर-हिंदू हो सकता है?’ मंदिर और वक्फ बोर्ड की तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि वक्फ बोर्ड एक वैधानिक संस्था है, जिसे सरकार बनाती है और उसे अनुदान भी देती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी जोड़ा कि मस्जिद प्रबंधन में भी किसी गैर-मुस्लिम को शामिल करने की मांग नहीं की जाती, इसलिए मंदिर और वक्फ की तुलना करना अनुचित है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसका फायदा उठा रहे हैं और सरकार को यह तथ्य कोर्ट में स्पष्ट रूप से रखने चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदी सीखना गुनाह नहीं- संजय निरुपम</strong><br />नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) में हिंदी को मराठी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक अनिवार्य किए जाने के मुद्दे पर निरुपम ने कहा कि इससे मराठी की अनिवार्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बच्चों को मराठी, हिंदी और अंग्रेजी इन तीनों भाषाओं को सीखनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने सवाल उठाया कि जब अंग्रेजी जैसी परदेशी भाषा को अपनाने में किसी को आपत्ति नहीं होती, तो हिंदी जैसी देश की भाषा को लेकर राजनीति क्यों हो रही है? उन्होंने MNS नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि उनके अपने बच्चे मराठी के साथ-साथ जर्मन और फ्रेंच जैसी भाषाएं सीखते हैं, लेकिन हिंदी सीखने से परहेज करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना</strong><br />वहीं उन्होंने बालासाहेब ठाकरे की आवाज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से फिर से जीवित करने के प्रयास पर संजय निरुपम ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, “अब उद्धव ठाकरे को AI से भाषण करवाना पड़ रहा है, जिससे साफ है कि पूरी पार्टी ही अब आर्टिफिशियल हो चुकी है.” उन्होंने कहा कि अब ये दिन आ गए कि उद्धव ठाकरे को अब AI से भाषण करने की ज़रूरत पड़ रही रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निरुपम ने यह भी आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी (UBT) अब बालासाहेब के मूल विचारों से बहुत दूर जा चुकी है और यही ‘गद्दारी’ है उनके आदर्शों के साथ. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के चलते हुए कथित सांप्रदायिक तनावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हिंदुओं को वहां मार दिया गया और पलायन करना पड़ा, लेकिन शिवसेना UBT ऐसे दंगाइयों का समर्थन कर रही है.</p>  महाराष्ट्र Mumbai: मुंबई में चलती BEST बस में महिला के साथ छेड़छाड़, आरोप को पुलिस ने कैसे पकड़ा?