<p style=”text-align: justify;”><strong>Farooq Abdullah On Murshidabad Violence:</strong> पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हिंसा इसलिए भड़की क्योंकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन और नफरत पैदा करने की कोशिश की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, “बुलडोजर चलाए गए, जिससे मुसलमानों की मस्जिदें, स्कूल और घर ढहा दिए गए लेकिन उनका क्या दोष था? क्या उनके खिलाफ कुछ साबित हुआ? नहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कानून सबके लिए समान नहीं है- फारूक अब्दुल्ला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे जिक्र करते हुए कहा, ”सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक के बावजूद, अधिकारियों ने बिना परवाह किए काम जारी रखा.” उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या कानून सबके लिए समान नहीं है?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटना हुई. आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई दो याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होने वाली है. दरअसल, मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं ने हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की है. साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टता की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दाखिल की है. मामले में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी. इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (19 अप्रैल) को प्रदेशवासियों के नाम शांति पत्र लिखा. इसमें उन्होंने लिखा, विरोधी कभी नहीं चाहते कि कुछ सकारात्मक और अच्छा काम किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Farooq Abdullah On Murshidabad Violence:</strong> पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हिंसा इसलिए भड़की क्योंकि हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन और नफरत पैदा करने की कोशिश की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, “बुलडोजर चलाए गए, जिससे मुसलमानों की मस्जिदें, स्कूल और घर ढहा दिए गए लेकिन उनका क्या दोष था? क्या उनके खिलाफ कुछ साबित हुआ? नहीं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या कानून सबके लिए समान नहीं है- फारूक अब्दुल्ला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे जिक्र करते हुए कहा, ”सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक के बावजूद, अधिकारियों ने बिना परवाह किए काम जारी रखा.” उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या कानून सबके लिए समान नहीं है?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वक्फ एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हिंसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मुर्शिदाबाद में हिंसा की घटना हुई. आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में डाली गई दो याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होने वाली है. दरअसल, मुर्शिदाबाद हिंसा की अदालत की निगरानी में जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT के गठन की मांग</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ताओं ने हिंसा की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की है. साथ ही राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए भी पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टता की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट के वकील वकील शशांक शेखर झा और विशाल तिवारी ने यह जनहित याचिका दाखिल की है. मामले में सुप्रीम कोर्ट में डाली गई याचिकाओं पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी. इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच सुनवाई करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार (19 अप्रैल) को प्रदेशवासियों के नाम शांति पत्र लिखा. इसमें उन्होंने लिखा, विरोधी कभी नहीं चाहते कि कुछ सकारात्मक और अच्छा काम किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> जम्मू और कश्मीर लखनऊ को मिलेगा फैंटसी का नया संसार, आशियाना में बनेगा थीमेटिक फैंटसी पार्क
मुर्शिदाबाद में बुल्डोजर एक्शन पर भड़के फारूक अब्दुल्ला, बोले- ‘हिंसा इसलिए भड़की क्योंकि…’
