देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे ठेकेदार! लंबे अरसे से कर रहे 89000 करोड़ बकाए की मांग

देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे ठेकेदार! लंबे अरसे से कर रहे 89000 करोड़ बकाए की मांग

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<p><strong>Maharashtra Latest News:</strong> महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए काम के बिलों का भुगतान न होने पर प्रदेश के ठेकेदारों महायुति सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाराष्ट्र के नाराज ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है. ठेकेदारों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने आधारभूत ढांचा परियोजनाओं के लिए किए गए कार्यों के 89 हजार करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है.<br /><br />महाराष्ट्र के ठेकेदारों के प्रतिनिधि निकाय ने मुंबई, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर स्थित हाईकोर्ट की पीठों में याचिका दायर करने की घोषणा की है.<br /><br />महाराष्ट्र ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंग भोसले ने ठाणे में बैठक के बाद कहा कि सरकार से हमारा बकाया भुगतान लगभग 89,000 करोड़ रुपये है. जबकि राज्य सरकार केवल 4,000 करोड़ रुपये जारी कर रही है. यही वजह है कि ठेकेदारों ने सरकार को अदालत में घसीटने का फैसला लिया है. <br /><br />दरअसल, महाराष्ट्र के ठेकेदार संघों की ओर से पिछले साल से ही बकाए की मांग की जा रही है. फरवरी में उन्होंने राज्य के शीर्ष नेताओं को एक पत्र लिखा था, जिसमें सभी चल रहे बुनियादी ढांचे के कामों को रोकने की चेतावनी दी गई थी. जुलाई 2024 से कथित तौर पर विभिन्न विभागों से 89 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से काम रोकने के बावजूद ठेकेदारों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. <br /><br /><strong>सबसे ज्यादा PWD विभाग का बकाया</strong> <br /><br />ठेकेदारों के कुल 89 हजार करोड़ रुपये के बकाए में राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से 46,000 करोड़ रुपये, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के तहत जल जीवन मिशन से 18,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग से 8,600 करोड़ रुपये, सिंचाई विभाग से 19,700 करोड़ रुपये और डीपीडीसी, विधायक निधि और सांसद निधि के तहत किए गए कार्यों के लिए 1,700 करोड़ रुपये शामिल हैं. <br /><br /><strong>बकाया राशि जारी न होने पर काम करना मुश्किल</strong> <br /><br />महाराष्ट्र ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंग भोसले ने कहा, “मार्च में जारी किए गए 4,000 करोड़ रुपये कुल बकाया राशि का मात्र 5 प्रतिशत थे और ठेकेदारों के लिए इतनी कम राशि पर काम जारी रखना असंभव है.” मिलिंग भोसले ने आगे कहा, “यदि बकाए बिल राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो कोई भी ठेकेदार काम नहीं कर पाएगा. इससे निश्चित रूप से राज्य में विकास कार्य ठप हो जाएंगे.” <br /><br />ठेकेदारों का आरोप है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री सहित कोई भी मंत्री बात करने को तैयार नहीं है. फरवरी में राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा था कि उन्होंने बकाया राशि को लेकर एक सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे ठेकेदारों के लिए जल्द से जल्द 10,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है.</p>
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<p><strong>Maharashtra Latest News:</strong> महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए काम के बिलों का भुगतान न होने पर प्रदेश के ठेकेदारों महायुति सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महाराष्ट्र के नाराज ठेकेदारों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है. ठेकेदारों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने आधारभूत ढांचा परियोजनाओं के लिए किए गए कार्यों के 89 हजार करोड़ रुपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है.<br /><br />महाराष्ट्र के ठेकेदारों के प्रतिनिधि निकाय ने मुंबई, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर स्थित हाईकोर्ट की पीठों में याचिका दायर करने की घोषणा की है.<br /><br />महाराष्ट्र ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंग भोसले ने ठाणे में बैठक के बाद कहा कि सरकार से हमारा बकाया भुगतान लगभग 89,000 करोड़ रुपये है. जबकि राज्य सरकार केवल 4,000 करोड़ रुपये जारी कर रही है. यही वजह है कि ठेकेदारों ने सरकार को अदालत में घसीटने का फैसला लिया है. <br /><br />दरअसल, महाराष्ट्र के ठेकेदार संघों की ओर से पिछले साल से ही बकाए की मांग की जा रही है. फरवरी में उन्होंने राज्य के शीर्ष नेताओं को एक पत्र लिखा था, जिसमें सभी चल रहे बुनियादी ढांचे के कामों को रोकने की चेतावनी दी गई थी. जुलाई 2024 से कथित तौर पर विभिन्न विभागों से 89 हजार करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया है. राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से काम रोकने के बावजूद ठेकेदारों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है. <br /><br /><strong>सबसे ज्यादा PWD विभाग का बकाया</strong> <br /><br />ठेकेदारों के कुल 89 हजार करोड़ रुपये के बकाए में राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से 46,000 करोड़ रुपये, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के तहत जल जीवन मिशन से 18,000 करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास विभाग से 8,600 करोड़ रुपये, सिंचाई विभाग से 19,700 करोड़ रुपये और डीपीडीसी, विधायक निधि और सांसद निधि के तहत किए गए कार्यों के लिए 1,700 करोड़ रुपये शामिल हैं. <br /><br /><strong>बकाया राशि जारी न होने पर काम करना मुश्किल</strong> <br /><br />महाराष्ट्र ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष मिलिंग भोसले ने कहा, “मार्च में जारी किए गए 4,000 करोड़ रुपये कुल बकाया राशि का मात्र 5 प्रतिशत थे और ठेकेदारों के लिए इतनी कम राशि पर काम जारी रखना असंभव है.” मिलिंग भोसले ने आगे कहा, “यदि बकाए बिल राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो कोई भी ठेकेदार काम नहीं कर पाएगा. इससे निश्चित रूप से राज्य में विकास कार्य ठप हो जाएंगे.” <br /><br />ठेकेदारों का आरोप है कि इस मसले पर मुख्यमंत्री सहित कोई भी मंत्री बात करने को तैयार नहीं है. फरवरी में राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले ने कहा था कि उन्होंने बकाया राशि को लेकर एक सप्ताह से हड़ताल पर चल रहे ठेकेदारों के लिए जल्द से जल्द 10,000 करोड़ रुपये जारी करने की मांग की है.</p>
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