यूपी में बदलते मौसम के मिजाज से जानें भी जा रहीं हैं। 17 अप्रैल की दोपहर अचानक तेज आंधी तूफान आया था। अयोध्या में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। 30 मिनट के अंदर ही कच्चे घर ढह गए, पेड़ गिर गए और बिजली के खंभे उखड़ गए। खेतों में काम करने वाले लोग बचने के लिए भागे। मगर अचानक आई आफत ने 6 जानें ले लीं, 14 लोग घायल हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान सोहावल तहसील में हुआ। यहां 2 सगी बहनों समेत 3 महिलाओं की जान चली गई। सैदपुर के महोली गांव पहुंचने से पहले रास्तों पर कई पेड़ टूटे गिरे दिखे, बिजली के खंभे टूटे थे, उसके बीच से बचते हुए हमारी टीम गांव में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव में 5 दिन बाद भी मातम जैसा माहौल
गांव में एक साथ तीन लाशों का अंतिम संस्कार होने के बाद मातम जैसा माहौल था। गांव के लोगों ने बताया कि गुरुवार को गेहूं की कटाई के दौरान 10 से 12 ग्रामीण खेत में काम कर रहे थे। अचानक आए तूफान के बाद सभी लोग बचने के लिए भागे। दो सगी बहनें पूजा (16), ललिता (20) और कमला देवी (32) खेत में ही ट्राली के नीचे छिप गईं। मगर हवाएं इतनी तेज थीं कि ट्राली ही पलट गई, वह तीनों इसके नीचे दब गई। उनकी जान चली गई। आंधी में जान गंवाने वाली महिलाओं के घर का पता करते हुए हम राजेंद्र कुमार रावत के घर तक पहुंचे। राजेंद्र उस समय अपनी पत्नी कमला देवी के साथ खेत में मौजूद थे। आंसुओं के साथ भरे गले के साथ उन्होंने कहा- हम दोनों खेत पर काम कर रहे थे। बादल तो थे, मगर ये नहीं पता था कि तेज आंधी आ जाएगी। बिजली कड़कड़ाने के बाद हम लोग एक तरफ भागे। मैं और कमला खेत पर खड़ी एक ट्राली के पास छिप गए। तभी एक झोंका आया और ट्राली पलट गई। मेरा भी पैर दब गया था लेकिन जैसे-तैसे खुद को निकाला। तब देखा, मेरी पत्नी ट्राली के पहिए के नीचे दबी थी। राजेंद्र की हालत भी गंभीर है। उनके कंधे और पैर में चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी ट्राली को उठा नहीं सका, सभी जख्मी थे और तूफान का कहर जारी था। मैं किसी तरह गांव की ओर भागा और मदद लेकर वापस आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एक घंटा भटका, तब एम्बुलेंस मिली
तूफान आने के बाद बिजली के खंभे, पेड़ और मलबा रास्ते में बिखर गया था। राजेंद्र ने कहा- एक घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। किसी तरह हम लोग चारपाई पर घायलों को लादकर हाईवे तक लाए। वहां से 5 किलोमीटर दूर स्थित पांडेय के ढाबे पर पहुंचे। तब एम्बुलेंस आए और हम रुदौली सीएचसी गए। मगर तब तक कमला की मौत हो गई थी। राजेंद्र कहते हैं- मेरे दो बच्चे हैं, एक आठ साल का बेटा है, और एक चार साल की बेटी। अब दोनों अपनी मां के बारे में पूछते हैं, मेरे पास बताने के लिए कुछ नहीं है। जल्ला के घर से उठीं 2 बेटियों की अर्थी
महोली गांव के ही रहने वाले जल्ला के घर भी मातम पसरा था। उनके घर से दो बेटियों पूजा और ललिता की मौत हो गई थी। वह कहते हैं- मेरे घर में 5 बेटों के बाद ये 2 बेटियां हुईं थीं। दोनों घर की लाडली थीं। पिता जल्ला की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह कहते हैं- मैं बड़ी बेटी की शादी की तैयारी करने लगा था। घर में खुशी का माहौल था, मगर अब तो जीवन ही ठहर गया है। वह रोते हुए बोले- मेरी बेटियां खेत में गेहूं बांधने गई थीं, उनका भाई साथ में था, लेकिन वह पहले घर लौट आया। बहनों ने ट्राली के नीचे छिपकर तूफान से बचने की कोशिश की, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हाजीपुर बरसंडी छप्पर पर गिरा पेड़, पत्नी की मौत, पति गंभीर सोहावल के रौनाही इलाके के हाजीपुर बरसंडी गांव में भी ऐसा ही दर्दनाक हादसा हुआ था। 60 साल की गीता देवी और उनके पति सुशील कुमार छप्पर के नीचे भैंस बांधने गए थे, तभी एक भारी पेड़ छप्पर पर गिर पड़ा। गीता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुशील कुमार गंभीर रूप से घायल हैं और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। धन्नीपुर बुधौलिया दीवार गिरने से महिला की मौत, बिजली से महिला झुलसी
धन्नीपुर बुधौलिया गांव में रहने वाली दीपा यादव पर तूफान के दौरान उनके घर की दीवार गिर गई और वो मलबे में दब गईं। अस्पताल ले जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं गोपालपुर की कंचन यादव पर आकाशीय बिजली गिरी, जिससे वो झुलस गईं। उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। हाईवे पर तबाही: 5 घंटे जाम, ढाबा उड़ा, छतें गिरीं
अयोध्या के लोहिया पुल से कीरत कांटा तक के नेशनल हाईवे पर पेड़ों की टहनियां गिरने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिस, एनएचएआई, और वन विभाग की 27 सदस्यीय टीमों ने जेसीबी से मलबा हटाया, तब जाकर रास्ता साफ हो पाया। एक ढाबा की छत हवा में उड़कर 500 मीटर दूर जा गिरी। ढाबा संचालक संजय सिंह ने बताया, “तूफान आया तो कुछ समझ नहीं आया। छत उड़ गई और दीवारें गिर गईं। कई लोग घायल हुए हैं। लोग बोले- ऐसा तूफान पहले कभी नहीं देखा
महोली, गंज, बरसंडी, सैदपुर और गोपालपुर जैसे गांवों में ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जीवन में ऐसा तूफान कभी नहीं देखा। घरों की छतें उड़ गईं, टीन के शेड मीलों दूर गिरे, जानवर मरे और लोगों की जिंदगी उजड़ गई। ग्राम प्रधान जयराम, कमलेश और रामसरन ने बताया कि दर्जनों मवेशी मारे गए, पेड़ों के गिरने से लोगों को चोटें आईं, और बिजली के खंभे उखड़ गए। 300 गांवों में बिजली व्यवस्था ठप सोहावल में 300 गांवों में आंधी आने के बाद बिजली सप्लाई ठप हो गई। करीब 300 खंभे और 40 ट्रांसफॉर्मर नष्ट हो गए हैं। 37 हजार उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। अब किसानों की बात गेहूं, मटर और केला की फसलों का नुकसान हुआ है। पक चुकी फसलें खेतों में बिछ गईं। केला पूरी तरह नष्ट हो गया। लागत भी नहीं निकल पाएगी। – गिरजेश त्रिपाठी, करेरू गांव मौसम विभाग की तरफ से ऐसा कोई अलर्ट नहीं था कि कट चुकी फसल को खेतों से हटा लेते। जो फसल कटी थी, वह भी बारिश-ओले में खराब हो गई। – चंद्रभान तिवारी, विद्यावनपुर गांव सियासी मूवमेंट
आंधी-तूफान की वजह से हुए नुकसान के बाद बीकापुर के विधायक डॉ. अमित सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार पांडे, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश सिंह चौहान, सपा नेता राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अनूप सिंह समेत कई नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्रशासन का एक्शन
प्रशासन ने आंधी-तूफान में मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दे रहा है। घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जा रहा है। तहसील की टीमें प्रभावित गांवों का सर्वे कर रहीं हैं। ——————- ये खबर भी पढ़िए-
यूपी में 11 जिलों के डीएम बदले..33 IAS के ट्रांसफर:योगी के खास शिशिर सिंह को हटाया; मोदी के भरोसेमंद कौशलराज सीएम के नए सचिव योगी सरकार ने सोमवार देर रात 33 IAS अफसरों के ट्रांसफर कर दिए। वाराणसी समेत 11 जिलों के डीएम बदले गए। योगी के खास अफसर शिशिर सिंह को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह भदोही के डीएम विशाल सिंह को सूचना निदेशक बनाया गया है। वहीं, मोदी के खास अफसर वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा को योगी का विशेष सचिव बनाया गया है। उनकी जगह वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव सत्येंद्र कुमार को वाराणसी का डीएम बनाया गया है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में बदलते मौसम के मिजाज से जानें भी जा रहीं हैं। 17 अप्रैल की दोपहर अचानक तेज आंधी तूफान आया था। अयोध्या में तेज बारिश के साथ ओले गिरे। 30 मिनट के अंदर ही कच्चे घर ढह गए, पेड़ गिर गए और बिजली के खंभे उखड़ गए। खेतों में काम करने वाले लोग बचने के लिए भागे। मगर अचानक आई आफत ने 6 जानें ले लीं, 14 लोग घायल हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान सोहावल तहसील में हुआ। यहां 2 सगी बहनों समेत 3 महिलाओं की जान चली गई। सैदपुर के महोली गांव पहुंचने से पहले रास्तों पर कई पेड़ टूटे गिरे दिखे, बिजली के खंभे टूटे थे, उसके बीच से बचते हुए हमारी टीम गांव में पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… गांव में 5 दिन बाद भी मातम जैसा माहौल
गांव में एक साथ तीन लाशों का अंतिम संस्कार होने के बाद मातम जैसा माहौल था। गांव के लोगों ने बताया कि गुरुवार को गेहूं की कटाई के दौरान 10 से 12 ग्रामीण खेत में काम कर रहे थे। अचानक आए तूफान के बाद सभी लोग बचने के लिए भागे। दो सगी बहनें पूजा (16), ललिता (20) और कमला देवी (32) खेत में ही ट्राली के नीचे छिप गईं। मगर हवाएं इतनी तेज थीं कि ट्राली ही पलट गई, वह तीनों इसके नीचे दब गई। उनकी जान चली गई। आंधी में जान गंवाने वाली महिलाओं के घर का पता करते हुए हम राजेंद्र कुमार रावत के घर तक पहुंचे। राजेंद्र उस समय अपनी पत्नी कमला देवी के साथ खेत में मौजूद थे। आंसुओं के साथ भरे गले के साथ उन्होंने कहा- हम दोनों खेत पर काम कर रहे थे। बादल तो थे, मगर ये नहीं पता था कि तेज आंधी आ जाएगी। बिजली कड़कड़ाने के बाद हम लोग एक तरफ भागे। मैं और कमला खेत पर खड़ी एक ट्राली के पास छिप गए। तभी एक झोंका आया और ट्राली पलट गई। मेरा भी पैर दब गया था लेकिन जैसे-तैसे खुद को निकाला। तब देखा, मेरी पत्नी ट्राली के पहिए के नीचे दबी थी। राजेंद्र की हालत भी गंभीर है। उनके कंधे और पैर में चोटें आई हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी ट्राली को उठा नहीं सका, सभी जख्मी थे और तूफान का कहर जारी था। मैं किसी तरह गांव की ओर भागा और मदद लेकर वापस आया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। एक घंटा भटका, तब एम्बुलेंस मिली
तूफान आने के बाद बिजली के खंभे, पेड़ और मलबा रास्ते में बिखर गया था। राजेंद्र ने कहा- एक घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। किसी तरह हम लोग चारपाई पर घायलों को लादकर हाईवे तक लाए। वहां से 5 किलोमीटर दूर स्थित पांडेय के ढाबे पर पहुंचे। तब एम्बुलेंस आए और हम रुदौली सीएचसी गए। मगर तब तक कमला की मौत हो गई थी। राजेंद्र कहते हैं- मेरे दो बच्चे हैं, एक आठ साल का बेटा है, और एक चार साल की बेटी। अब दोनों अपनी मां के बारे में पूछते हैं, मेरे पास बताने के लिए कुछ नहीं है। जल्ला के घर से उठीं 2 बेटियों की अर्थी
महोली गांव के ही रहने वाले जल्ला के घर भी मातम पसरा था। उनके घर से दो बेटियों पूजा और ललिता की मौत हो गई थी। वह कहते हैं- मेरे घर में 5 बेटों के बाद ये 2 बेटियां हुईं थीं। दोनों घर की लाडली थीं। पिता जल्ला की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वह कहते हैं- मैं बड़ी बेटी की शादी की तैयारी करने लगा था। घर में खुशी का माहौल था, मगर अब तो जीवन ही ठहर गया है। वह रोते हुए बोले- मेरी बेटियां खेत में गेहूं बांधने गई थीं, उनका भाई साथ में था, लेकिन वह पहले घर लौट आया। बहनों ने ट्राली के नीचे छिपकर तूफान से बचने की कोशिश की, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हाजीपुर बरसंडी छप्पर पर गिरा पेड़, पत्नी की मौत, पति गंभीर सोहावल के रौनाही इलाके के हाजीपुर बरसंडी गांव में भी ऐसा ही दर्दनाक हादसा हुआ था। 60 साल की गीता देवी और उनके पति सुशील कुमार छप्पर के नीचे भैंस बांधने गए थे, तभी एक भारी पेड़ छप्पर पर गिर पड़ा। गीता देवी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सुशील कुमार गंभीर रूप से घायल हैं और ट्रॉमा सेंटर में भर्ती हैं। धन्नीपुर बुधौलिया दीवार गिरने से महिला की मौत, बिजली से महिला झुलसी
धन्नीपुर बुधौलिया गांव में रहने वाली दीपा यादव पर तूफान के दौरान उनके घर की दीवार गिर गई और वो मलबे में दब गईं। अस्पताल ले जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। वहीं गोपालपुर की कंचन यादव पर आकाशीय बिजली गिरी, जिससे वो झुलस गईं। उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। हाईवे पर तबाही: 5 घंटे जाम, ढाबा उड़ा, छतें गिरीं
अयोध्या के लोहिया पुल से कीरत कांटा तक के नेशनल हाईवे पर पेड़ों की टहनियां गिरने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। पुलिस, एनएचएआई, और वन विभाग की 27 सदस्यीय टीमों ने जेसीबी से मलबा हटाया, तब जाकर रास्ता साफ हो पाया। एक ढाबा की छत हवा में उड़कर 500 मीटर दूर जा गिरी। ढाबा संचालक संजय सिंह ने बताया, “तूफान आया तो कुछ समझ नहीं आया। छत उड़ गई और दीवारें गिर गईं। कई लोग घायल हुए हैं। लोग बोले- ऐसा तूफान पहले कभी नहीं देखा
महोली, गंज, बरसंडी, सैदपुर और गोपालपुर जैसे गांवों में ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जीवन में ऐसा तूफान कभी नहीं देखा। घरों की छतें उड़ गईं, टीन के शेड मीलों दूर गिरे, जानवर मरे और लोगों की जिंदगी उजड़ गई। ग्राम प्रधान जयराम, कमलेश और रामसरन ने बताया कि दर्जनों मवेशी मारे गए, पेड़ों के गिरने से लोगों को चोटें आईं, और बिजली के खंभे उखड़ गए। 300 गांवों में बिजली व्यवस्था ठप सोहावल में 300 गांवों में आंधी आने के बाद बिजली सप्लाई ठप हो गई। करीब 300 खंभे और 40 ट्रांसफॉर्मर नष्ट हो गए हैं। 37 हजार उपभोक्ता प्रभावित हुए हैं। अब किसानों की बात गेहूं, मटर और केला की फसलों का नुकसान हुआ है। पक चुकी फसलें खेतों में बिछ गईं। केला पूरी तरह नष्ट हो गया। लागत भी नहीं निकल पाएगी। – गिरजेश त्रिपाठी, करेरू गांव मौसम विभाग की तरफ से ऐसा कोई अलर्ट नहीं था कि कट चुकी फसल को खेतों से हटा लेते। जो फसल कटी थी, वह भी बारिश-ओले में खराब हो गई। – चंद्रभान तिवारी, विद्यावनपुर गांव सियासी मूवमेंट
आंधी-तूफान की वजह से हुए नुकसान के बाद बीकापुर के विधायक डॉ. अमित सिंह चौहान, जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार पांडे, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सर्वेश सिंह चौहान, सपा नेता राघवेन्द्र प्रताप सिंह, अनूप सिंह समेत कई नेताओं ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्रशासन का एक्शन
प्रशासन ने आंधी-तूफान में मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दे रहा है। घायलों का सरकारी खर्च पर इलाज कराया जा रहा है। तहसील की टीमें प्रभावित गांवों का सर्वे कर रहीं हैं। ——————- ये खबर भी पढ़िए-
यूपी में 11 जिलों के डीएम बदले..33 IAS के ट्रांसफर:योगी के खास शिशिर सिंह को हटाया; मोदी के भरोसेमंद कौशलराज सीएम के नए सचिव योगी सरकार ने सोमवार देर रात 33 IAS अफसरों के ट्रांसफर कर दिए। वाराणसी समेत 11 जिलों के डीएम बदले गए। योगी के खास अफसर शिशिर सिंह को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह भदोही के डीएम विशाल सिंह को सूचना निदेशक बनाया गया है। वहीं, मोदी के खास अफसर वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा को योगी का विशेष सचिव बनाया गया है। उनकी जगह वाराणसी के डीएम एस राजलिंगम को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री के विशेष सचिव सत्येंद्र कुमार को वाराणसी का डीएम बनाया गया है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अयोध्या में तेज हवाओं ने ली 3 जानें:परिवार बोला- तूफान ने ट्राली पलटा दी, लोग नीचे दब गए, रास्ते में टूटे पेड़-खंभे, एम्बुलेंस 1 घंटा लेट आई
