संकट मोचन संगीत समारोह के अंतिम दिन भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा को सुनने के लिए मंदिर परिसर खचाखच भक्तों से भरा रहा। मंच पर पहुंचते ही श्रोताओं ने हर-हर महादेव के जयघोष से उनका स्वागत किया। उन्होंने श्रोताओं से कहा मैं इस मंच पर अपनी बैटरी चार्ज करने आता हूं। पद्मश्री अनूप जलोटा ने भजन गायन की शुरुआत ‘काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है, राम खड़े हैं धनुष लिए अब बंसी बजने वाली है।’ इस भजन के साथ ही श्रोता दीर्घा में करतल की थाप शुरू हो गई। इस भजन के बीच-बीच में सियाराम जय राम जय जय राम का संकीर्तन भी श्रोताओं से कराते रहे। दैनिक भास्कर से पद्मश्री अनूप जलोटा ने खासबात की। पेश है रिपोर्ट… सवाल : हर वर्ष आप संकटमोचन संगीत समारोह में आते हैं क्या नया रहा इस वर्ष ? जवाब : हम पिछले 25 वर्षों से संकट मोचन संगीत समारोह में शामिल हो रहा हूं इस बार संकल्प ले रहा हूं कि अगले 25 वर्ष और यहां आने के बाद मैं चार्ज हो जाता हूं। सवाल : बनारस और मिर्जापुर में अपने एक मंदिर को गोद लिया है उस पर आगे क्या करना है? जवाब : सरकार की तरफ से हमको आदेश दिया गया इस स्थान को अच्छी तरह से डेवलप करिए हम लोग वही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा सिर्फ बनारस में नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी काम जारी है। उन्होंने कहा कि भक्ति आगे बढ़े और लोग ईश्वर को पहचाने बड़े-बड़े संत कवियों के रचनाओं को जाने गाये यही मेरा प्रयास है और उसके लिए मैंने यह जीवन समर्पित किया है। पिछले 50 वर्षों से वही काम कर रहा। सवाल : मंदिर की बात कर रहे हैं लेकिन सनातन पर सवाल खड़ा क्या करेंगे? जवाब : जिसका चर्चा होता है इस पर सवाल खड़ा होता है जिसकी चर्चा ही नहीं होती उसे पर सवाल क्या खड़ा है। सनातन वहीं पर है जहां वर्षों और युगों से रहा है। उसको कुछ नहीं होने वाला है। सवाल : नये पीढ़ी के कलाकारों को क्या कहेंगे ? जवाब : नए पीढ़ी के लोग शास्त्रीय संगीत को सीखें। ऐसा नहीं है कि सीखने के बाद वही है, लेकिन उसे सिखाना जरूर चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं छोटा और बड़ा ख्याल नहीं गाता, चतुरंगी गाना नहीं गाता हूं। मगर हम उसको सीख रहे हैं, इसलिए हमारे भजन में उसका असर दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखना काफी आवश्यक है। सवाल: बहुत से गाने आ रहे हैं जिस पर विवाद खड़ा हो जा रहा है उस पर आपका क्या मत है? जवाब: सरकार की तरफ से गलत गाना गाने वालों के खिलाफ सजा घोषित कर देनी चाहिए। जो गाने में गाली- गलौज करेगा, उसको पकड़ के 6 महीने के लिए बंद कर दें। जो गाना गाएगा, बनाएगा और रिलीज करेगा उन पर भी सजा घोषित होनी चाहिए। संकटमोचन जिसे बुलाते हैं वहीं आता है- अनूप जलोटा “ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन” भजन से भजनों की दुनिया में अपनी बादशाहत कायम करने वाले अनूप जलोटा ने कहा है कि यहां वही आ सकता है जिसे संकटमोचन भगवान बुलाते हैं। मेरा सौभाग्य है कि विगत कुछ वर्षों से मुझे लगातार इस समारोह में आने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि संकटमोचन मंदिर सिद्ध स्थान है जहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर स्वीकार होती है। उन्होंने कहा जब तक मेरी सांस रहेगी संकटमोचन के दरबार में हाजिरी लगाने आएंगे। संकट मोचन संगीत समारोह के अंतिम दिन भजन सम्राट पद्मश्री अनूप जलोटा को सुनने के लिए मंदिर परिसर खचाखच भक्तों से भरा रहा। मंच पर पहुंचते ही श्रोताओं ने हर-हर महादेव के जयघोष से उनका स्वागत किया। उन्होंने श्रोताओं से कहा मैं इस मंच पर अपनी बैटरी चार्ज करने आता हूं। पद्मश्री अनूप जलोटा ने भजन गायन की शुरुआत ‘काशी बदली अयोध्या बदली अब मथुरा की बारी है, राम खड़े हैं धनुष लिए अब बंसी बजने वाली है।’ इस भजन के साथ ही श्रोता दीर्घा में करतल की थाप शुरू हो गई। इस भजन के बीच-बीच में सियाराम जय राम जय जय राम का संकीर्तन भी श्रोताओं से कराते रहे। दैनिक भास्कर से पद्मश्री अनूप जलोटा ने खासबात की। पेश है रिपोर्ट… सवाल : हर वर्ष आप संकटमोचन संगीत समारोह में आते हैं क्या नया रहा इस वर्ष ? जवाब : हम पिछले 25 वर्षों से संकट मोचन संगीत समारोह में शामिल हो रहा हूं इस बार संकल्प ले रहा हूं कि अगले 25 वर्ष और यहां आने के बाद मैं चार्ज हो जाता हूं। सवाल : बनारस और मिर्जापुर में अपने एक मंदिर को गोद लिया है उस पर आगे क्या करना है? जवाब : सरकार की तरफ से हमको आदेश दिया गया इस स्थान को अच्छी तरह से डेवलप करिए हम लोग वही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा सिर्फ बनारस में नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी काम जारी है। उन्होंने कहा कि भक्ति आगे बढ़े और लोग ईश्वर को पहचाने बड़े-बड़े संत कवियों के रचनाओं को जाने गाये यही मेरा प्रयास है और उसके लिए मैंने यह जीवन समर्पित किया है। पिछले 50 वर्षों से वही काम कर रहा। सवाल : मंदिर की बात कर रहे हैं लेकिन सनातन पर सवाल खड़ा क्या करेंगे? जवाब : जिसका चर्चा होता है इस पर सवाल खड़ा होता है जिसकी चर्चा ही नहीं होती उसे पर सवाल क्या खड़ा है। सनातन वहीं पर है जहां वर्षों और युगों से रहा है। उसको कुछ नहीं होने वाला है। सवाल : नये पीढ़ी के कलाकारों को क्या कहेंगे ? जवाब : नए पीढ़ी के लोग शास्त्रीय संगीत को सीखें। ऐसा नहीं है कि सीखने के बाद वही है, लेकिन उसे सिखाना जरूर चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं छोटा और बड़ा ख्याल नहीं गाता, चतुरंगी गाना नहीं गाता हूं। मगर हम उसको सीख रहे हैं, इसलिए हमारे भजन में उसका असर दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखना काफी आवश्यक है। सवाल: बहुत से गाने आ रहे हैं जिस पर विवाद खड़ा हो जा रहा है उस पर आपका क्या मत है? जवाब: सरकार की तरफ से गलत गाना गाने वालों के खिलाफ सजा घोषित कर देनी चाहिए। जो गाने में गाली- गलौज करेगा, उसको पकड़ के 6 महीने के लिए बंद कर दें। जो गाना गाएगा, बनाएगा और रिलीज करेगा उन पर भी सजा घोषित होनी चाहिए। संकटमोचन जिसे बुलाते हैं वहीं आता है- अनूप जलोटा “ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन” भजन से भजनों की दुनिया में अपनी बादशाहत कायम करने वाले अनूप जलोटा ने कहा है कि यहां वही आ सकता है जिसे संकटमोचन भगवान बुलाते हैं। मेरा सौभाग्य है कि विगत कुछ वर्षों से मुझे लगातार इस समारोह में आने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि संकटमोचन मंदिर सिद्ध स्थान है जहां सच्चे मन से की गई प्रार्थना जरूर स्वीकार होती है। उन्होंने कहा जब तक मेरी सांस रहेगी संकटमोचन के दरबार में हाजिरी लगाने आएंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
गानों में गाली-गलौज गाने वालों को मिले सजा:अनूप जलोटा बोले- 6 माह के लिए जेल में कर देना चाहिए बंद, संकटमोचन संगीत समारोह में पहुंचे थे
