जगराओं नगर कौंसिल कर्मचारियों का प्रदर्शन:कार्यालय के बाहर दिया धरना, बोले- लंबित मांगों को नहीं किया जा रहा पूरा

जगराओं नगर कौंसिल कर्मचारियों का प्रदर्शन:कार्यालय के बाहर दिया धरना, बोले- लंबित मांगों को नहीं किया जा रहा पूरा

जगराओं नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारियों और अन्य विभागों के कर्मचारियों ने गुरुवार को काम बंद कर धरना दिया और नगर कौंसिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सफाई सेवक यूनियन के प्रधान अरुण गिल के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। प्रधान अरुण गिल ने बताया कि कुछ समय पहले नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी ने उनकी कई मांगें लिखित में स्वीकार की थीं। लेकिन उन मांगों को अधिकारी लागू नहीं कर रहे। उनकी मांगों में शहर के सेकेंडरी वेस्ट प्वाइंट्स को दोबारा खोलना और कचरे का नियमित पृथक्करण शामिल था। यह निर्णय 11 नवंबर 2024 की हाउस मीटिंग में लिया गया था। कौंसिल अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई कर्मचारी नेता के अनुसार, वार्डवार नगर पालिका परिषदों के खाली स्थानों का उपयोग कचरा पृथक्करण के लिए किया जा सकता है। लेकिन कौंसिल अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगों में नियुक्ति पत्र जारी करना और बकाया राशि का भुगतान शामिल है। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि कौंसिल अधिकारी धरने के दौरान मांगें मान लेते हैं। लेकिन जब तक कर्मचारी फिर से धरना नहीं देते, मांगें पूरी नहीं की जातीं। धरने के कारण नगर कौंसिल में आने वाले नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कार्यालय में रोजमर्रा के काम प्रभावित हुए। जगराओं नगर कौंसिल के सफाई कर्मचारियों और अन्य विभागों के कर्मचारियों ने गुरुवार को काम बंद कर धरना दिया और नगर कौंसिल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। सफाई सेवक यूनियन के प्रधान अरुण गिल के नेतृत्व में कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। प्रधान अरुण गिल ने बताया कि कुछ समय पहले नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी ने उनकी कई मांगें लिखित में स्वीकार की थीं। लेकिन उन मांगों को अधिकारी लागू नहीं कर रहे। उनकी मांगों में शहर के सेकेंडरी वेस्ट प्वाइंट्स को दोबारा खोलना और कचरे का नियमित पृथक्करण शामिल था। यह निर्णय 11 नवंबर 2024 की हाउस मीटिंग में लिया गया था। कौंसिल अधिकारी नहीं कर रहे कार्रवाई कर्मचारी नेता के अनुसार, वार्डवार नगर पालिका परिषदों के खाली स्थानों का उपयोग कचरा पृथक्करण के लिए किया जा सकता है। लेकिन कौंसिल अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कर्मचारियों की अन्य प्रमुख मांगों में नियुक्ति पत्र जारी करना और बकाया राशि का भुगतान शामिल है। कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि कौंसिल अधिकारी धरने के दौरान मांगें मान लेते हैं। लेकिन जब तक कर्मचारी फिर से धरना नहीं देते, मांगें पूरी नहीं की जातीं। धरने के कारण नगर कौंसिल में आने वाले नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। कार्यालय में रोजमर्रा के काम प्रभावित हुए।   पंजाब | दैनिक भास्कर