हरियाणा में मुख्यमंत्री के ऑफिसर्स के वर्क डिस्ट्रीब्यूशन में संशोधन किया गया है। सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की ओर से इसको लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और दूसरे अधिकारियों के लिए डायरेक्शन जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के आदेशों को मुख्यमंत्री के साथ जुड़े अधिकारी फाइलों पर हस्ताक्षर जानकारी कर देंगे। मुख्यमंत्री चाहें तो हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह अलग बात है कि अभी भी मुख्यमंत्री के अफसर ही मुख्यमंत्री के फैसलों, आदेशों, सिफारिशों को फाइलों पर हस्ताक्षर कर संबंधित को भेजते हैं। मगर कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल में ज्यादा स्पष्टता नहीं थी, इसलिए यह संशोधन करना पड़ा है। आईएएस ने उठाया मुद्दा वैसे एक सीनियर आईएएस बार-बार यह मुद्दा उठा रहे थे कि मंत्रियों या अधिकारियों से जो फाइल मंजूरी के लिए या फैसले के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी जाती है, उस पर मुख्यमंत्री के ही हस्ताक्षर होने चाहिए। आईएएस अफसर की दलील है कि पूर्व में मुख्यमंत्री इस तरह फाइलों पर हस्ताक्षर करते रहे हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव (CPSCM) के बारे में कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल में उल्लेख नहीं था क्योंकि अभी तक इस पद पर पहले कोई नियुक्ति नहीं हुई थी। हरियाणा में पहले डीएस ढेसी को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया था। उनके बाद राजेश खुल्लर इस पद पर नियुक्त है। यहां पढ़िए पूरा ऑर्डर.. अब इसे नहीं मिल पाएगी चुनौती सरकार ने अब इसे स्पष्ट करते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने हरियाणा सरकार, सामान्य प्रशासन विभाग में, दिसम्बर, 2022 में प्रकाशित कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल (प्रथम संस्करण) भाग-1, 2022 के अध्याय 3 के पैरा 3.9 में संशोधन किया है। अब कोई इसे चुनौती नहीं दे सकेगा। इस संशोधन के बाद अब सीएमओ में नियंत्रण और सख्त हो गया है। मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत नियंत्रण पहले से ज़्यादा मजबूत हुआ है। यहां पढ़िए पहले के आदेशों और अब के आदेशों में क्या अंतर.. पहले के ये आदेश पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों के कार्य को काम निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होती है। इस उद्देश्य के लिए उन्हें, जहां आवश्यक हो, मुख्यमंत्री के उपयोग के लिए नियमित नोट्स लगाने होते है, जो सचिवालय फाइल का हिस्सा नाहीं होते हैं। अब नए आदेश सीपीएससीएम, पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों को कार्य निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होगी। इस उद्देश्य के लिए, उन्हें (सौंपे गए कार्य, विभाग के अनुसार) सचिवालय फाइलों पर मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश और राय दर्ज करनी होगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के पत्राचार, डाक को संभालेंगे और मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेशों वाले नोट भी अपने हस्ताक्षरों के तहत जारी करेंगे। पहले पीएससीएम या अपर पीएससीएम, उप पीएससीएम या उनका कोई अन्य स्टाफ अधिकारी जिसे मुख्यमंत्री समय-समय पर ऐसा करने के लिए अधिकृत करें, वह भी मुख्यमंत्री के आदेशों को संप्रेषित कर सकता है, जहां भी उसकी राय में या मुख्यमंत्री की राय में” यह आवश्यक नहीं है कि आदेश पर मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं हस्ताक्षर किए जाएं। अब जारी नए आदेश सीपीएससीएम, पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों को कार्य निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होगी। इस उद्देश्य के लिए उन्हें सचिवालय फाइलों पर मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश, राय दर्ज करनी होगी। उन्हें सौंपे गए कार्य और विभाग के अनुसार। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री के पत्राचार, डाक को संभालेंगे और अपने हस्ताक्षर से मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश युक्त नोट भी जारी करेंगे। हरियाणा में मुख्यमंत्री के ऑफिसर्स के वर्क डिस्ट्रीब्यूशन में संशोधन किया गया है। सरकार के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की ओर से इसको लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और दूसरे अधिकारियों के लिए डायरेक्शन जारी किए गए हैं। जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री के आदेशों को मुख्यमंत्री के साथ जुड़े अधिकारी फाइलों पर हस्ताक्षर जानकारी कर देंगे। मुख्यमंत्री चाहें तो हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह अलग बात है कि अभी भी मुख्यमंत्री के अफसर ही मुख्यमंत्री के फैसलों, आदेशों, सिफारिशों को फाइलों पर हस्ताक्षर कर संबंधित को भेजते हैं। मगर कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल में ज्यादा स्पष्टता नहीं थी, इसलिए यह संशोधन करना पड़ा है। आईएएस ने उठाया मुद्दा वैसे एक सीनियर आईएएस बार-बार यह मुद्दा उठा रहे थे कि मंत्रियों या अधिकारियों से जो फाइल मंजूरी के लिए या फैसले के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी जाती है, उस पर मुख्यमंत्री के ही हस्ताक्षर होने चाहिए। आईएएस अफसर की दलील है कि पूर्व में मुख्यमंत्री इस तरह फाइलों पर हस्ताक्षर करते रहे हैं। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव (CPSCM) के बारे में कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल में उल्लेख नहीं था क्योंकि अभी तक इस पद पर पहले कोई नियुक्ति नहीं हुई थी। हरियाणा में पहले डीएस ढेसी को मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया था। उनके बाद राजेश खुल्लर इस पद पर नियुक्त है। यहां पढ़िए पूरा ऑर्डर.. अब इसे नहीं मिल पाएगी चुनौती सरकार ने अब इसे स्पष्ट करते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने हरियाणा सरकार, सामान्य प्रशासन विभाग में, दिसम्बर, 2022 में प्रकाशित कार्यालय प्रक्रिया मैनुअल (प्रथम संस्करण) भाग-1, 2022 के अध्याय 3 के पैरा 3.9 में संशोधन किया है। अब कोई इसे चुनौती नहीं दे सकेगा। इस संशोधन के बाद अब सीएमओ में नियंत्रण और सख्त हो गया है। मुख्यमंत्री का व्यक्तिगत नियंत्रण पहले से ज़्यादा मजबूत हुआ है। यहां पढ़िए पहले के आदेशों और अब के आदेशों में क्या अंतर.. पहले के ये आदेश पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों के कार्य को काम निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होती है। इस उद्देश्य के लिए उन्हें, जहां आवश्यक हो, मुख्यमंत्री के उपयोग के लिए नियमित नोट्स लगाने होते है, जो सचिवालय फाइल का हिस्सा नाहीं होते हैं। अब नए आदेश सीपीएससीएम, पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों को कार्य निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होगी। इस उद्देश्य के लिए, उन्हें (सौंपे गए कार्य, विभाग के अनुसार) सचिवालय फाइलों पर मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश और राय दर्ज करनी होगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के पत्राचार, डाक को संभालेंगे और मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेशों वाले नोट भी अपने हस्ताक्षरों के तहत जारी करेंगे। पहले पीएससीएम या अपर पीएससीएम, उप पीएससीएम या उनका कोई अन्य स्टाफ अधिकारी जिसे मुख्यमंत्री समय-समय पर ऐसा करने के लिए अधिकृत करें, वह भी मुख्यमंत्री के आदेशों को संप्रेषित कर सकता है, जहां भी उसकी राय में या मुख्यमंत्री की राय में” यह आवश्यक नहीं है कि आदेश पर मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं हस्ताक्षर किए जाएं। अब जारी नए आदेश सीपीएससीएम, पीएससीएम, एडिशनल पीएससीएम, डिप्टी पीएससीएम और मुख्यमंत्री के अन्य अधिकारियों को कार्य निपटाने में मुख्यमंत्री की सहायता करनी होगी। इस उद्देश्य के लिए उन्हें सचिवालय फाइलों पर मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश, राय दर्ज करनी होगी। उन्हें सौंपे गए कार्य और विभाग के अनुसार। इसके अलावा वे मुख्यमंत्री के पत्राचार, डाक को संभालेंगे और अपने हस्ताक्षर से मुख्यमंत्री के निर्देश, निर्णय, आदेश युक्त नोट भी जारी करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
