पुलिसवाले मम्मी को ले गए, वो रो रही थी:बिजनौर में बेटी पूछ रही- मां कब आएगी; प्रेमी के साथ मिलकर पति की कराई थी हत्या

पुलिसवाले मम्मी को ले गए, वो रो रही थी:बिजनौर में बेटी पूछ रही- मां कब आएगी; प्रेमी के साथ मिलकर पति की कराई थी हत्या

पुलिस वाले मम्मी को ले गए। जाते-जाते मम्मी रो रही थी, लेकिन पुलिस वालों ने उनको नहीं छोड़ा। पापा को सब लोग कहीं पर छोड़ आए हैं। सब बता रहे हैं, पापा अब कभी वापस नहीं आएंगे। लेकिन, मम्मी तो हमारे पास आएंगी न? उनको पुलिस वाले कब लेकर आएंगे? ये बातें बिजनौर की अमरीन-फारुख की 5 साल की बेटी पलक रो-रोकर परिवार के लोगों से पूछ रही है। अमरीन ने अपने प्रेमी मेहरबान के साथ मिलकर पति फारुख की हत्या करा दी। पुलिस ने मेहरबान और उसके दोस्त उमर को पहले ही मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। अब आरोपी पत्नी अमरीन को भी हिरासत में ले लिया है। अमरीन अपने भांजे (फारुख) से प्यार करती थी। फारुख के साथ मिलकर उसने मर्डर का पूरा प्लान तैयार किया था। इस घटना के बाद दैनिक भास्कर की टीम बिजनौर से 20 किलोमीटर दूर मोहल्ला ढोल कियान फारुख के घर पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… दैनिक भास्कर की टीम फारुख के घर पहुंची। यहां सन्नाटा पसरा है। कुछ रिश्तेदार घर के बाहर कुर्सी पर बैठे थे। घर की महिलाएं आंगन में बैठी थीं। घर के बाहर मोहल्ले के लोग भी आपस में हत्या पर बात करते दिखे। परिवार वाले इस घटना के बाद से गमगीन हैं। उनका कहना है कि बेटा तो खोया ही, इज्जत भी चली गई। अमरीन का बेटा सो रहा था, बेटी घर के कोने में बैठी थी
अमरीन-फारुख के दोनों बच्चे घर के एक कोने में बैठे थे। अमरीन की बेटी फलक बड़ी है। बेटा 3 साल का है। बेटा एक रिश्तेदार की गोद में सो रहा था। उसे अभी ज्यादा समझ नहीं है, लेकिन फलक परेशान दिखी। वो घरवालों से बार-बार मां को लेकर सवाल करती है, जिसका जवाब वो लोग नहीं दे पा रहे। घर के बाकी सदस्यों में अमरीन के लिए गुस्सा दिखा। सब कह रहे थे, फारुख ने कोई कमी नहीं रखी, फिर भी उसको मार दिया। दो-दो बच्चे होने के बाद भी उसका अफेयर चल रहा था। हम लोगों को तो इसकी भनक तक नहीं लगी। हमारे बेटे को खा गई। उसके साथ रहना था तो बेटे को छोड़ देती, उसको मरवा क्यों दिया? उसने हमारी नाक कटवा दी। एक ही मोहल्ले में रहकर ऐसा काम किया, हमारी दुश्मनी अलग करवा दी। बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। अब कौन इनकी जिम्मेदारी उठाएगा? इन मासूमों को तो अभी कोई समझ भी नहीं। हम लोग इनकी देखभाल करेंगे, लेकिन मां-बाप की कमी कोई कहां पूरी कर पाता है? जेठानी बोली- मेहरबान अक्सर घर के बाहर आता था, लेकिन हमें शक नहीं हुआ
अमरीन की जेठानी नसरीन ने बताया- अमरीन हमेशा फोन पर लगी रहती थी। घर पर किसी से बात नहीं करती थी। लेकिन, हमें कभी शक नहीं हुआ। वो लड़का मेहरबान हमारे घर के पास ही रहता है। फेरी लगाकर कपड़े बेचता है। घर के बाहर अक्सर आता था। ये भी घर में लगे जाल से उसको देखती थी, लेकिन तब इस बात पर ध्यान नहीं गया। अब समझ में आता है कि ये दोनों ऐसा क्यों करते थे? मेरी देवरानी हमेशा बाजार अकेले जाती थी। कभी घर से किसी को साथ नहीं ले जाती थी। हम लोगों के सामने तो कभी भी मेहरबान को लेकर देवर-देवरानी में झगड़ा नहीं हुआ। जो काम मेरी देवरानी ने किया, उसको फांसी मिलनी चाहिए। हम लोगों को इंसाफ चाहिए। भतीजी बोली- चाची को बस चाचा के पैसों से मतलब था
फारुख की हत्या की बात पता चलते ही चंडीगढ़ से उसकी भतीजी शाबान यहां आई। शाबान ने बताया- जब चाचा की शादी हुई थी तब हमने अमरीन से पूछा था, आपको हमारे चाचू पसंद हैं या नहीं? तब अमरीन ने बताया था, मुझे वो पसंद हैं। मुझे बस एक कमाने वाला पति चाहिए। मेरे चाचू सारा पैसा चाची को देते थे। चाचू उनके सारे शौक पूरे करते। उनको हीरे की अंगूठी दिलाई। सोने की चेन दिलाई। बाद में लंबी चेन मांगी, तो वो भी दिलाई। अभी ईद में 15 हजार का नया फोन दिलाया था। शॉपिंग करवाई थी। उससे बाद भी अगर चाचा कभी कुछ दिलाने से मना कर देते, तो ये उनको हाथ की नस काटने की धमकी देती थी। वो मेरे चाचा की बिल्कुल केयर नहीं करती थी। बस पैसे का मतलब रखती थी। चाची अमरीन यहां कम ही रुकती थी। वो अक्सर अपने मायके जाया करती थी। पुलिस जब चाची को लेकर गई, तो वो घर में किसी से नहीं मिली। बस बड़ी चाची से बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा। लेकिन, मेहरबान के घर में उसकी मम्मी से गले लगकर रोई। इसका मतलब यही है कि उसको हमारे परिवार से कोई मतलब नहीं। फारुख के घर से 50 मीटर की दूरी पर मेहरबान का घर है। हम उसके घर भी गए, लेकिन उसके मां-बाप ने हमसे बात करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि उनके लड़के को फंसाया गया है। उसका किसी से कोई चक्कर नहीं था। अब पढ़िए, आरोपी भांजे ने पुलिस को क्या बताया…
भांजे मेहरबान ने पुलिस को बताया- 7 साल पहले मामा फारुख की शादी अमरीन (30) से हुई थी। दोनों के 2 बच्चे हैं। फारुख सऊदी में रहकर नौकरी करता था। मेरा और रिश्ते के मामा फारुख का घर आमने-सामने है। मैं फेरी लगाता हूं। करीब 5 साल पहले मेरे और मामी अफरीन के बीच करीबियां बढ़ीं। हम लोग फोन पर बात करने लगे। इसके बाद हमारे बीच अफेयर शुरू हो गया। हम बाहर मिलने लगे। मैं फेरी लगाने के बहाने उसके घर की तरफ जाने लगा। इस बीच किसी ने मामा को हमारे अफेयर के बारे में बता दिया। पहले तो मामा अमरीन को सऊदी बुलाने लगे, लेकिन वो वहां जाने के लिए तैयार नहीं हुई। इस पर 3 साल पहले मामा ही वापस आ गए। यहां वो गाड़ी चलाने लगे। अफेयर की वजह से फारुख का पत्नी से रोजाना झगड़ा होता था। मामा अफरीन को मारते थे। यह मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। तभी उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इस मामले में एसपी सिटी संजीव बाजपेई ने बताया- आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है। प्रेम-प्रसंग में ये हत्या की गई है। आरोपी महिला अमरीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जांच कर तीनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेहरबान अपने घर का अकेला बेटा है। उसकी 4 बहनें हैं। दूसरा आरोपी उमर मजदूरी करता है। ————————- यह खबर भी पढ़ें- मामी से अफेयर, सऊदी से लौटे मामा की हत्या की, भांजे ने बियर पिलाई, पीठ पर 2 गोली मारी; बिजनौर में एनकाउंटर में गिरफ्तार मामा फारुख सऊदी से लौटकर बिजनौर में रहने लगे। अब हम और मामी मिल नहीं पाते थे। हमनें मामा की हत्या का प्लान बनाया। इसमें अपने एक दोस्त को भी शामिल किया। मामा को असरगरपुर के जंगल ले जाकर बीयर पिलाई। फिर उनकी पीठ पर 2 गोली मारी। सिर को ईंट से कूचा और गला दबाया। यहां पढ़ें पूरी खबर पुलिस वाले मम्मी को ले गए। जाते-जाते मम्मी रो रही थी, लेकिन पुलिस वालों ने उनको नहीं छोड़ा। पापा को सब लोग कहीं पर छोड़ आए हैं। सब बता रहे हैं, पापा अब कभी वापस नहीं आएंगे। लेकिन, मम्मी तो हमारे पास आएंगी न? उनको पुलिस वाले कब लेकर आएंगे? ये बातें बिजनौर की अमरीन-फारुख की 5 साल की बेटी पलक रो-रोकर परिवार के लोगों से पूछ रही है। अमरीन ने अपने प्रेमी मेहरबान के साथ मिलकर पति फारुख की हत्या करा दी। पुलिस ने मेहरबान और उसके दोस्त उमर को पहले ही मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया था। अब आरोपी पत्नी अमरीन को भी हिरासत में ले लिया है। अमरीन अपने भांजे (फारुख) से प्यार करती थी। फारुख के साथ मिलकर उसने मर्डर का पूरा प्लान तैयार किया था। इस घटना के बाद दैनिक भास्कर की टीम बिजनौर से 20 किलोमीटर दूर मोहल्ला ढोल कियान फारुख के घर पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… दैनिक भास्कर की टीम फारुख के घर पहुंची। यहां सन्नाटा पसरा है। कुछ रिश्तेदार घर के बाहर कुर्सी पर बैठे थे। घर की महिलाएं आंगन में बैठी थीं। घर के बाहर मोहल्ले के लोग भी आपस में हत्या पर बात करते दिखे। परिवार वाले इस घटना के बाद से गमगीन हैं। उनका कहना है कि बेटा तो खोया ही, इज्जत भी चली गई। अमरीन का बेटा सो रहा था, बेटी घर के कोने में बैठी थी
अमरीन-फारुख के दोनों बच्चे घर के एक कोने में बैठे थे। अमरीन की बेटी फलक बड़ी है। बेटा 3 साल का है। बेटा एक रिश्तेदार की गोद में सो रहा था। उसे अभी ज्यादा समझ नहीं है, लेकिन फलक परेशान दिखी। वो घरवालों से बार-बार मां को लेकर सवाल करती है, जिसका जवाब वो लोग नहीं दे पा रहे। घर के बाकी सदस्यों में अमरीन के लिए गुस्सा दिखा। सब कह रहे थे, फारुख ने कोई कमी नहीं रखी, फिर भी उसको मार दिया। दो-दो बच्चे होने के बाद भी उसका अफेयर चल रहा था। हम लोगों को तो इसकी भनक तक नहीं लगी। हमारे बेटे को खा गई। उसके साथ रहना था तो बेटे को छोड़ देती, उसको मरवा क्यों दिया? उसने हमारी नाक कटवा दी। एक ही मोहल्ले में रहकर ऐसा काम किया, हमारी दुश्मनी अलग करवा दी। बच्चों के सिर से बाप का साया उठ गया। अब कौन इनकी जिम्मेदारी उठाएगा? इन मासूमों को तो अभी कोई समझ भी नहीं। हम लोग इनकी देखभाल करेंगे, लेकिन मां-बाप की कमी कोई कहां पूरी कर पाता है? जेठानी बोली- मेहरबान अक्सर घर के बाहर आता था, लेकिन हमें शक नहीं हुआ
अमरीन की जेठानी नसरीन ने बताया- अमरीन हमेशा फोन पर लगी रहती थी। घर पर किसी से बात नहीं करती थी। लेकिन, हमें कभी शक नहीं हुआ। वो लड़का मेहरबान हमारे घर के पास ही रहता है। फेरी लगाकर कपड़े बेचता है। घर के बाहर अक्सर आता था। ये भी घर में लगे जाल से उसको देखती थी, लेकिन तब इस बात पर ध्यान नहीं गया। अब समझ में आता है कि ये दोनों ऐसा क्यों करते थे? मेरी देवरानी हमेशा बाजार अकेले जाती थी। कभी घर से किसी को साथ नहीं ले जाती थी। हम लोगों के सामने तो कभी भी मेहरबान को लेकर देवर-देवरानी में झगड़ा नहीं हुआ। जो काम मेरी देवरानी ने किया, उसको फांसी मिलनी चाहिए। हम लोगों को इंसाफ चाहिए। भतीजी बोली- चाची को बस चाचा के पैसों से मतलब था
फारुख की हत्या की बात पता चलते ही चंडीगढ़ से उसकी भतीजी शाबान यहां आई। शाबान ने बताया- जब चाचा की शादी हुई थी तब हमने अमरीन से पूछा था, आपको हमारे चाचू पसंद हैं या नहीं? तब अमरीन ने बताया था, मुझे वो पसंद हैं। मुझे बस एक कमाने वाला पति चाहिए। मेरे चाचू सारा पैसा चाची को देते थे। चाचू उनके सारे शौक पूरे करते। उनको हीरे की अंगूठी दिलाई। सोने की चेन दिलाई। बाद में लंबी चेन मांगी, तो वो भी दिलाई। अभी ईद में 15 हजार का नया फोन दिलाया था। शॉपिंग करवाई थी। उससे बाद भी अगर चाचा कभी कुछ दिलाने से मना कर देते, तो ये उनको हाथ की नस काटने की धमकी देती थी। वो मेरे चाचा की बिल्कुल केयर नहीं करती थी। बस पैसे का मतलब रखती थी। चाची अमरीन यहां कम ही रुकती थी। वो अक्सर अपने मायके जाया करती थी। पुलिस जब चाची को लेकर गई, तो वो घर में किसी से नहीं मिली। बस बड़ी चाची से बच्चों का ध्यान रखने के लिए कहा। लेकिन, मेहरबान के घर में उसकी मम्मी से गले लगकर रोई। इसका मतलब यही है कि उसको हमारे परिवार से कोई मतलब नहीं। फारुख के घर से 50 मीटर की दूरी पर मेहरबान का घर है। हम उसके घर भी गए, लेकिन उसके मां-बाप ने हमसे बात करने से मना कर दिया। उनका कहना है कि उनके लड़के को फंसाया गया है। उसका किसी से कोई चक्कर नहीं था। अब पढ़िए, आरोपी भांजे ने पुलिस को क्या बताया…
भांजे मेहरबान ने पुलिस को बताया- 7 साल पहले मामा फारुख की शादी अमरीन (30) से हुई थी। दोनों के 2 बच्चे हैं। फारुख सऊदी में रहकर नौकरी करता था। मेरा और रिश्ते के मामा फारुख का घर आमने-सामने है। मैं फेरी लगाता हूं। करीब 5 साल पहले मेरे और मामी अफरीन के बीच करीबियां बढ़ीं। हम लोग फोन पर बात करने लगे। इसके बाद हमारे बीच अफेयर शुरू हो गया। हम बाहर मिलने लगे। मैं फेरी लगाने के बहाने उसके घर की तरफ जाने लगा। इस बीच किसी ने मामा को हमारे अफेयर के बारे में बता दिया। पहले तो मामा अमरीन को सऊदी बुलाने लगे, लेकिन वो वहां जाने के लिए तैयार नहीं हुई। इस पर 3 साल पहले मामा ही वापस आ गए। यहां वो गाड़ी चलाने लगे। अफेयर की वजह से फारुख का पत्नी से रोजाना झगड़ा होता था। मामा अफरीन को मारते थे। यह मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता था। तभी उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। इस मामले में एसपी सिटी संजीव बाजपेई ने बताया- आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है। प्रेम-प्रसंग में ये हत्या की गई है। आरोपी महिला अमरीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में जांच कर तीनों आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मेहरबान अपने घर का अकेला बेटा है। उसकी 4 बहनें हैं। दूसरा आरोपी उमर मजदूरी करता है। ————————- यह खबर भी पढ़ें- मामी से अफेयर, सऊदी से लौटे मामा की हत्या की, भांजे ने बियर पिलाई, पीठ पर 2 गोली मारी; बिजनौर में एनकाउंटर में गिरफ्तार मामा फारुख सऊदी से लौटकर बिजनौर में रहने लगे। अब हम और मामी मिल नहीं पाते थे। हमनें मामा की हत्या का प्लान बनाया। इसमें अपने एक दोस्त को भी शामिल किया। मामा को असरगरपुर के जंगल ले जाकर बीयर पिलाई। फिर उनकी पीठ पर 2 गोली मारी। सिर को ईंट से कूचा और गला दबाया। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर