सोनीपत डिपो में 129 बसें, कंडक्टर सिर्फ 160:220 की जरूरत, कंडक्टरों की कमी से रूट प्रभावित, लंबे समय से नहीं हुई भर्ती

सोनीपत डिपो में 129 बसें, कंडक्टर सिर्फ 160:220 की जरूरत, कंडक्टरों की कमी से रूट प्रभावित, लंबे समय से नहीं हुई भर्ती

सोनीपत बस डिपो में लगातार नई बसें जुड़ती जा रही हैं, लेकिन कंडक्टरों की भारी कमी के कारण बसों का सुचारू संचालन बाधित हो रहा है। वर्तमान में डिपो में कुल 129 बसें हैं, जिनमें रोडवेज और किलोमीटर स्कीम की बसें शामिल हैं, लेकिन कंडक्टरों की संख्या जरूरत से काफी कम है। जानकारी के अनुसार बसों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद कंडक्टरों की भर्ती नहीं की गई है। डिपो को कम से कम 220 कंडक्टरों की जरूरत है, ताकि सभी बसों को रूटों पर सुचारू रूप से चलाया जा सके, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 160 कंडक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं। इस स्थिति का डिपो के संचालन पर असर पड़ रहा है। कंडक्टर 8 घंटे ड्यूटी करते हैं। लंबे रूटों में दिन-रात बसें दूसरे रूटों पर चलती हैं। जिसके कारण कंडक्टरों की कम संख्या के कारण कई रूट प्रभावित होते हैं। किलोमीटर स्कीम की बसों में भी रोडवेज कंडक्टर अनिवार्य सोनीपत बस डिपो में रोडवेज की बसों के साथ-साथ किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसें भी शामिल हैं। इन बसों में ड्राइवर प्राइवेट संस्था का होता है, लेकिन कंडक्टर रोडवेज का ही तैनात किया जाता है। ऐसे में स्कीम के तहत बढ़ रही बसों के साथ कंडक्टरों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। डिपो में कुल 129 बसें मौजूद हैं, जिनमें 92 रोडवेज विभाग की और 37 बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाई जा रही हैं। इनमें 9 एसी बसें भी शामिल हैं। सोनीपत से दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड के प्रमुख शहरों तक सीधी बस सेवा उपलब्ध है। नई एसी बसों का इंतजार जारी रोडवेज विभाग को 50 नई एसी बसें मिलने की योजना थी, लेकिन अभी तक मात्र 5 बसें ही डिपो में पहुंच पाई हैं। गर्मी के मौसम में एसी बसों की मांग अधिक है और यदि ये बसें डिपो में समय पर शामिल हो जाएं तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और लोकल रूट्स पर भी सेवा बेहतर की जा सकेगी। रोडवेज अधिकारी का बयान इस संबंध में ओमप्रकाश, डी.आई. सोनीपत ने बताया, सोनीपत बस डिपो में बसों का संचालन बेहतर ढंग से किया जा रहा है। हाल ही में पांच नई बसें भी शामिल की गई हैं, जिन्हें कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लंबे रूट्स पर चलाया जाएगा। हालांकि, अभी कुछ परिचालकों की कमी जरूर है, लेकिन इस पर विभाग गंभीरता से काम कर रहा है। सोनीपत बस डिपो में लगातार नई बसें जुड़ती जा रही हैं, लेकिन कंडक्टरों की भारी कमी के कारण बसों का सुचारू संचालन बाधित हो रहा है। वर्तमान में डिपो में कुल 129 बसें हैं, जिनमें रोडवेज और किलोमीटर स्कीम की बसें शामिल हैं, लेकिन कंडक्टरों की संख्या जरूरत से काफी कम है। जानकारी के अनुसार बसों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद कंडक्टरों की भर्ती नहीं की गई है। डिपो को कम से कम 220 कंडक्टरों की जरूरत है, ताकि सभी बसों को रूटों पर सुचारू रूप से चलाया जा सके, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 160 कंडक्टर ही सेवाएं दे रहे हैं। इस स्थिति का डिपो के संचालन पर असर पड़ रहा है। कंडक्टर 8 घंटे ड्यूटी करते हैं। लंबे रूटों में दिन-रात बसें दूसरे रूटों पर चलती हैं। जिसके कारण कंडक्टरों की कम संख्या के कारण कई रूट प्रभावित होते हैं। किलोमीटर स्कीम की बसों में भी रोडवेज कंडक्टर अनिवार्य सोनीपत बस डिपो में रोडवेज की बसों के साथ-साथ किलोमीटर स्कीम के तहत चलने वाली बसें भी शामिल हैं। इन बसों में ड्राइवर प्राइवेट संस्था का होता है, लेकिन कंडक्टर रोडवेज का ही तैनात किया जाता है। ऐसे में स्कीम के तहत बढ़ रही बसों के साथ कंडक्टरों की डिमांड भी बढ़ती जा रही है। डिपो में कुल 129 बसें मौजूद हैं, जिनमें 92 रोडवेज विभाग की और 37 बसें किलोमीटर स्कीम के तहत चलाई जा रही हैं। इनमें 9 एसी बसें भी शामिल हैं। सोनीपत से दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और उत्तराखंड के प्रमुख शहरों तक सीधी बस सेवा उपलब्ध है। नई एसी बसों का इंतजार जारी रोडवेज विभाग को 50 नई एसी बसें मिलने की योजना थी, लेकिन अभी तक मात्र 5 बसें ही डिपो में पहुंच पाई हैं। गर्मी के मौसम में एसी बसों की मांग अधिक है और यदि ये बसें डिपो में समय पर शामिल हो जाएं तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी और लोकल रूट्स पर भी सेवा बेहतर की जा सकेगी। रोडवेज अधिकारी का बयान इस संबंध में ओमप्रकाश, डी.आई. सोनीपत ने बताया, सोनीपत बस डिपो में बसों का संचालन बेहतर ढंग से किया जा रहा है। हाल ही में पांच नई बसें भी शामिल की गई हैं, जिन्हें कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद लंबे रूट्स पर चलाया जाएगा। हालांकि, अभी कुछ परिचालकों की कमी जरूर है, लेकिन इस पर विभाग गंभीरता से काम कर रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर