हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज भी जारी रहेगी। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते है। कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज 58 साल से बढ़ाकर 59 वर्ष करने को लेकर चर्चा होगी। आय के संसाधान बढ़ाने और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी ने इसकी सिफारिश कर रखी है। इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट को करना है। सरकार यदि कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज एक साल बढ़ाती है तो इससे पेंशन की लगभग 3000 करोड़ रुपए की देनदारी एक साल तक डेफर हो जाएगी। आर्थिक संकट झेल रही सरकार के लिए यह बड़ी राहत हो सकती है। मगर, प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के लिए झटका होगा। इसलिए कैबिनेट सरकारी खजाना और युवाओं की नौकरी को देखते हुए इस मामले में फैसला लेगी। वीरभद्र सरकार भी यह फैसला ले चुकी पूर्व वीरभद्र सरकार भी एक बार आर्थिक संकट के बीच ऐसा कर चुकी है। इससे कर्मचारियों की देनदारी खत्म नहीं होंगी, लेकिन एक साल को टाली जा सकेगी। उल्टा एक साल बाद सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। कैबिनेट यदि रिटायरमेंट एज 59 साल नहीं करती तो शिक्षा विभाग में सभी कर्मचारियों को 31 मार्च को रिटायरमेंट देने का भी फैसला हो सकता है। इस फैसले से भी सरकार 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारी एक साल को टाल सकेगी। 40 प्रतिशत कम्युटेशन बंद करने पर भी हो सकता है फैसला इसी तरह 40 फीसदी कम्युटेशन बंद करने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। कैबिनेट सब कमेटी ने आर्थिक संकट को टालने के लिए रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली 40 प्रतिशत कम्युटेशन को बंद करने का सुझाव दिया है। ऐसा किया गया तो कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर पेंशन के तौर पर मिलने 40 प्रतिशत राशि एडवांस में नहीं ली जा सकेगी। इस पर भी कैबिनेट में चर्चा के बाद फैसला होना है। करुणामूलक नौकरी को लेकर हो सकती है चर्चा हिमाचल में करुणामूलक नौकरी के लंबित मामलों को एकमुश्त निपटाने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा संभावित है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा सत्र में भी करुणामूलक नौकरी के सभी मामले एकमुश्त निपटाने का भरोसा दिया था। इससे पहले भी उन्होंने कई बार यह बात कही है। लिहाजा करुणामूलक नौकरी को लेकर भी कैबिनेट में आज फैसला संभावित है। आज की मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की 2025-26 के बजट भाषण की कई घोषणाओं को भी मंजूरी के लिए लाया जा सकता है, ताकि इन घोषणाओं पर काम शुरू किया जा सके। हिमाचल कैबिनेट की मीटिंग आज भी जारी रहेगी। इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते है। कैबिनेट में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज 58 साल से बढ़ाकर 59 वर्ष करने को लेकर चर्चा होगी। आय के संसाधान बढ़ाने और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी ने इसकी सिफारिश कर रखी है। इस पर अंतिम फैसला कैबिनेट को करना है। सरकार यदि कर्मचारियों की रिटायरमेंट एज एक साल बढ़ाती है तो इससे पेंशन की लगभग 3000 करोड़ रुपए की देनदारी एक साल तक डेफर हो जाएगी। आर्थिक संकट झेल रही सरकार के लिए यह बड़ी राहत हो सकती है। मगर, प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवाओं के लिए झटका होगा। इसलिए कैबिनेट सरकारी खजाना और युवाओं की नौकरी को देखते हुए इस मामले में फैसला लेगी। वीरभद्र सरकार भी यह फैसला ले चुकी पूर्व वीरभद्र सरकार भी एक बार आर्थिक संकट के बीच ऐसा कर चुकी है। इससे कर्मचारियों की देनदारी खत्म नहीं होंगी, लेकिन एक साल को टाली जा सकेगी। उल्टा एक साल बाद सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ पड़ेगा। कैबिनेट यदि रिटायरमेंट एज 59 साल नहीं करती तो शिक्षा विभाग में सभी कर्मचारियों को 31 मार्च को रिटायरमेंट देने का भी फैसला हो सकता है। इस फैसले से भी सरकार 700 करोड़ रुपए से ज्यादा की देनदारी एक साल को टाल सकेगी। 40 प्रतिशत कम्युटेशन बंद करने पर भी हो सकता है फैसला इसी तरह 40 फीसदी कम्युटेशन बंद करने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा हो सकती है। कैबिनेट सब कमेटी ने आर्थिक संकट को टालने के लिए रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली 40 प्रतिशत कम्युटेशन को बंद करने का सुझाव दिया है। ऐसा किया गया तो कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर पेंशन के तौर पर मिलने 40 प्रतिशत राशि एडवांस में नहीं ली जा सकेगी। इस पर भी कैबिनेट में चर्चा के बाद फैसला होना है। करुणामूलक नौकरी को लेकर हो सकती है चर्चा हिमाचल में करुणामूलक नौकरी के लंबित मामलों को एकमुश्त निपटाने को लेकर भी कैबिनेट में चर्चा संभावित है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा सत्र में भी करुणामूलक नौकरी के सभी मामले एकमुश्त निपटाने का भरोसा दिया था। इससे पहले भी उन्होंने कई बार यह बात कही है। लिहाजा करुणामूलक नौकरी को लेकर भी कैबिनेट में आज फैसला संभावित है। आज की मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू की 2025-26 के बजट भाषण की कई घोषणाओं को भी मंजूरी के लिए लाया जा सकता है, ताकि इन घोषणाओं पर काम शुरू किया जा सके। हिमाचल | दैनिक भास्कर
