मथुरा के वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज बुधवार को एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गए। उनकी पदयात्रा के दौरान स्वागत के लिए लगाए गए लोहे के भारी ट्रेस का एक हिस्सा अचानक भीड़ के दबाव में गिरने लगा। संत प्रेमानंद की पदयात्रा के दौरान उनके स्वागत के लिए रास्ते में कई जगहों पर सजावट और स्वागत द्वार बनाए गए थे। इन्हीं में एक जगह पर लोहे से बना एक भारी ट्रेस संत के स्वागत के लिए लगाया गया था। लेकिन, वजन के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह संत के बिल्कुल सामने गिरने लगा। 2 तस्वीरें देखिए हालांकि, गनीमत यह रही कि वहां मौजूद कुछ लोगों और आयोजकों ने गिरते हुए ट्रेस को सड़क पर गिरने से पहले ही पकड़ लिया। इससे संत प्रेमानंद महाराज और अन्य श्रद्धालुओं को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच पाया। घटना के बाद मची अफरा-तफरी
घटना के बाद कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। लेकिन, आयोजकों और सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया। संत प्रेमानंद महाराज ने भी सभी को शांत को शांत रहने का संदेश दिया। साथ ही अपनी पदयात्रा जारी रखी। प्रेमानंद महाराज के संदेश के बाद लोग शांत हो गए और यात्रा बिना किसी और बाधा के चलती रही। सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद से प्रशासन और पदयात्रा आयोजकों पर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर श्रद्धालुओं ने चिंता जताई की है। प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। 2 मई को केली कुंज आश्रम ने जारी की थी सूचना
2 मई को केली कुंज आश्रम ने यात्रा बंद किए जाने की सूचना दी। हालांकि, आश्रम की ओर से दी गई जानकारी में यह नहीं बताया गया कि यात्रा कब तक बंद रहेगी। केली कुंज आश्रम ने भक्तों से अपील की है कि प्रेमानंद महाराज ने रात्रिकालीन यात्रा बंद कर रखी है। इसलिए, दर्शन के लिए रास्ते में खड़े ना हों। सेवादारों ने भक्तों से कहा- आप लोग लौट जाइए
सेवादारों ने कहा था- प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य सही नहीं है। इसलिए पदयात्रा नहीं करेंगे। आप लोग लौट जाइए। यात्रा मार्ग पर कतार में खड़े सभी भक्त बिना दर्शन किए निराश होकर लौट गए। केली कुंज आश्रम ने भक्ति मार्ग चैनल पर एक पोस्ट डाली। लिखा- राधे राधे श्री हरिवंश। आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य की अनुकूलता को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से महाराज जी की रात्रिकालीन पदयात्रा बंद है। इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि कोई भी रात्रि में पूज्य महाराज जी के दर्शन के लिए रास्ते में खड़े न हों। 30 मार्च को मनाया था जन्मदिन
संत प्रेमानंद महाराज का 30 मार्च को हिंदू नववर्ष पर धूमधाम से जन्मदिन मनाया गया। उनकी पदयात्रा में देशभर से 2 लाख भक्त पहुंचे। हर कोई उनके दर्शन कर बधाई देने की चाहत लिए देर शाम से ही पदयात्रा के रास्ते में खड़ा था। भक्तों ने पदयात्रा का दो किलोमीटर रास्ता सजाया था। 10 क्विंटल गेंदा और गुलाब के फूलों से सड़क पर रंगोली बनाई गई थी। आतिशबाजी भी की जा रही थी। जगह-जगह भक्त राधा नाम का कीर्तन कर करते दिखे। प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन की श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से तड़के 2 बजे पदयात्रा शुरू की थी। दो किलोमीटर का सफर तय कर रमणरेती स्थित अपने आश्रम केली कुंज पहुंचे थे। जानिए प्रेमानंद महाराज को क्यों रोकनी पड़ती है पदयात्रा प्रेमानंद महाराज को 20 साल से किडनी की समस्या
केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया- प्रेमानंद महाराज को करीब 20 साल से किडनी की समस्या है। पहले हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती थी। लेकिन अब समस्या बढ़ गई तो हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होने के बाद वह फिर से पैदल यात्रा करेंगे। सोसाइटी में ही होती है डायलिसिस
संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं। इस सोसाइटी में उनके 2 फ्लैट हैं। HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212 उनके पास हैं। 2 BHK इन फ्लैट में से एक में वह रहते हैं जबकि दूसरे फ्लैट में डायलिसिस का इंतजाम किया हुआ है। इसी फ्लैट में उनका हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। ————————— ये खबर भी पढ़िए- योगी बोले-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वालों को खानदान खोना पड़ा, एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में रेड अलर्ट, रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ी पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में रेड अलर्ट है। 7 मई को डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसका ऐलान किया। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि आर्मी और एयरफोर्स के साथ समन्वय करके महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा मजबूत करें। वहीं, बुधवार शाम लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे सीएम योगी ने कहा- जिन्होंने भारत की बहन-बेटियों का सिंदूर उजाड़ने की कोशिश की, उन्हें अपना खानदान खोना पड़ा। ऑपरेशन सिंदूर बहन-बेटियों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी और देश की सेना की एक संवेदना है। पढ़ें पूरी खबर मथुरा के वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज बुधवार को एक बड़े हादसे से बाल-बाल बच गए। उनकी पदयात्रा के दौरान स्वागत के लिए लगाए गए लोहे के भारी ट्रेस का एक हिस्सा अचानक भीड़ के दबाव में गिरने लगा। संत प्रेमानंद की पदयात्रा के दौरान उनके स्वागत के लिए रास्ते में कई जगहों पर सजावट और स्वागत द्वार बनाए गए थे। इन्हीं में एक जगह पर लोहे से बना एक भारी ट्रेस संत के स्वागत के लिए लगाया गया था। लेकिन, वजन के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वह संत के बिल्कुल सामने गिरने लगा। 2 तस्वीरें देखिए हालांकि, गनीमत यह रही कि वहां मौजूद कुछ लोगों और आयोजकों ने गिरते हुए ट्रेस को सड़क पर गिरने से पहले ही पकड़ लिया। इससे संत प्रेमानंद महाराज और अन्य श्रद्धालुओं को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंच पाया। घटना के बाद मची अफरा-तफरी
घटना के बाद कुछ समय के लिए श्रद्धालुओं में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। लेकिन, आयोजकों और सुरक्षाकर्मियों ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया। संत प्रेमानंद महाराज ने भी सभी को शांत को शांत रहने का संदेश दिया। साथ ही अपनी पदयात्रा जारी रखी। प्रेमानंद महाराज के संदेश के बाद लोग शांत हो गए और यात्रा बिना किसी और बाधा के चलती रही। सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद से प्रशासन और पदयात्रा आयोजकों पर सवाल उठने लगे हैं। सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही को लेकर श्रद्धालुओं ने चिंता जताई की है। प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लेते हुए भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। 2 मई को केली कुंज आश्रम ने जारी की थी सूचना
2 मई को केली कुंज आश्रम ने यात्रा बंद किए जाने की सूचना दी। हालांकि, आश्रम की ओर से दी गई जानकारी में यह नहीं बताया गया कि यात्रा कब तक बंद रहेगी। केली कुंज आश्रम ने भक्तों से अपील की है कि प्रेमानंद महाराज ने रात्रिकालीन यात्रा बंद कर रखी है। इसलिए, दर्शन के लिए रास्ते में खड़े ना हों। सेवादारों ने भक्तों से कहा- आप लोग लौट जाइए
सेवादारों ने कहा था- प्रेमानंद महाराज का स्वास्थ्य सही नहीं है। इसलिए पदयात्रा नहीं करेंगे। आप लोग लौट जाइए। यात्रा मार्ग पर कतार में खड़े सभी भक्त बिना दर्शन किए निराश होकर लौट गए। केली कुंज आश्रम ने भक्ति मार्ग चैनल पर एक पोस्ट डाली। लिखा- राधे राधे श्री हरिवंश। आप सभी को सूचित किया जाता है कि पूज्य महाराज जी के स्वास्थ्य की अनुकूलता को देखते हुए पिछले कुछ दिनों से महाराज जी की रात्रिकालीन पदयात्रा बंद है। इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि कोई भी रात्रि में पूज्य महाराज जी के दर्शन के लिए रास्ते में खड़े न हों। 30 मार्च को मनाया था जन्मदिन
संत प्रेमानंद महाराज का 30 मार्च को हिंदू नववर्ष पर धूमधाम से जन्मदिन मनाया गया। उनकी पदयात्रा में देशभर से 2 लाख भक्त पहुंचे। हर कोई उनके दर्शन कर बधाई देने की चाहत लिए देर शाम से ही पदयात्रा के रास्ते में खड़ा था। भक्तों ने पदयात्रा का दो किलोमीटर रास्ता सजाया था। 10 क्विंटल गेंदा और गुलाब के फूलों से सड़क पर रंगोली बनाई गई थी। आतिशबाजी भी की जा रही थी। जगह-जगह भक्त राधा नाम का कीर्तन कर करते दिखे। प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन की श्री कृष्णम शरणम् सोसाइटी से तड़के 2 बजे पदयात्रा शुरू की थी। दो किलोमीटर का सफर तय कर रमणरेती स्थित अपने आश्रम केली कुंज पहुंचे थे। जानिए प्रेमानंद महाराज को क्यों रोकनी पड़ती है पदयात्रा प्रेमानंद महाराज को 20 साल से किडनी की समस्या
केलि कुंज आश्रम के संत नवल नागरी दास महाराज ने बताया- प्रेमानंद महाराज को करीब 20 साल से किडनी की समस्या है। पहले हफ्ते में 3 बार डायलिसिस होती थी। लेकिन अब समस्या बढ़ गई तो हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी समस्या दूर होने के बाद वह फिर से पैदल यात्रा करेंगे। सोसाइटी में ही होती है डायलिसिस
संत प्रेमानंद महाराज श्री कृष्ण शरणम् सोसाइटी में रहते हैं। इस सोसाइटी में उनके 2 फ्लैट हैं। HR 1 ब्लॉक के फ्लैट नंबर 209 और 212 उनके पास हैं। 2 BHK इन फ्लैट में से एक में वह रहते हैं जबकि दूसरे फ्लैट में डायलिसिस का इंतजाम किया हुआ है। इसी फ्लैट में उनका हफ्ते में 4 से 5 बार डायलिसिस की जा रही है। ————————— ये खबर भी पढ़िए- योगी बोले-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वालों को खानदान खोना पड़ा, एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में रेड अलर्ट, रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ी पाकिस्तान पर भारत की एयर स्ट्राइक के बाद यूपी में रेड अलर्ट है। 7 मई को डीजीपी प्रशांत कुमार ने इसका ऐलान किया। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि आर्मी और एयरफोर्स के साथ समन्वय करके महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा मजबूत करें। वहीं, बुधवार शाम लखनऊ पुलिस लाइन पहुंचे सीएम योगी ने कहा- जिन्होंने भारत की बहन-बेटियों का सिंदूर उजाड़ने की कोशिश की, उन्हें अपना खानदान खोना पड़ा। ऑपरेशन सिंदूर बहन-बेटियों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी और देश की सेना की एक संवेदना है। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मथुरा में बाल-बाल बचे प्रेमानंद महाराज:पदयात्रा के दौरान गिरने लगा लोहे का भारी ट्रेस; श्रद्धालुओं ने बमुश्किल संभाला
