<p style=”text-align: justify;”><strong>India Pakistan Ceasefire:</strong> भारत पाकिस्तान में सीजफायर लागू होने के बाद कई नेता केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं. इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार (11 मई) को केंद्र सरकार को याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर संसद का विशेष सत्र बुलाया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिग्विजय सिंह ने चार दिनों तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और साथ ही आश्चर्य जताया कि क्या भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संसद विशेष सत्र बुलाने की मांग</strong><br />पूर्व सीएम ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठकों में भाग लेना चाहिए और सरकार को संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए, जिसमें <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> आतंकी हमले, <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> और सीमा पार सैन्य टकराव के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति की जानकारी दी जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शनिवार को घोषित ‘संघर्षविराम’ का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत का यह रुख स्पष्ट है कि वह तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप (सीमा पार के मुद्दों पर) को कभी स्वीकार नहीं करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए. कांग्रेस नेता ने कहा, “वह (डोनाल्ड ट्रंप) कब और क्या कहेंगे, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती. लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी ने हमें परेशान कर दिया है. प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठकों में भी भाग नहीं लेते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पंडित नेहरू ने भी बुलाया था विशेष सत्र'</strong><br />उन्होंने कहा कि चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी की मांग पर एक संसदीय सत्र बुलाया था. उन्होंने कहा, ”हम मांग करते हैं कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए. कम से कम उन्हें (प्रधानमंत्री) सर्वदलीय बैठकों में भाग लेना चाहिए.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कश्मीर पर सिर्फ भारत का हक'</strong><br />यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है, दिग्विजय सिंह ने कहा कि कश्मीर पर एकमात्र अधिकार भारत का है. कांग्रेस सांसद ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय का फैसला रियासतों पर छोड़ दिया गया था. इसके बाद कश्मीर के तत्कालीन महाराजा ने भारत के साथ रहने का फैसला किया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत और पाकिस्तान चार दिनों के सैन्य टकराव के बाद शनिवार को जमीन, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमत हुए.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>India Pakistan Ceasefire:</strong> भारत पाकिस्तान में सीजफायर लागू होने के बाद कई नेता केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर चुके हैं. इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार (11 मई) को केंद्र सरकार को याद दिलाया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी के अनुरोध पर संसद का विशेष सत्र बुलाया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिग्विजय सिंह ने चार दिनों तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और साथ ही आश्चर्य जताया कि क्या भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार कर ली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>संसद विशेष सत्र बुलाने की मांग</strong><br />पूर्व सीएम ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी को सर्वदलीय बैठकों में भाग लेना चाहिए और सरकार को संसद का एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए, जिसमें <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> आतंकी हमले, <a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a> और सीमा पार सैन्य टकराव के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति की जानकारी दी जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शनिवार को घोषित ‘संघर्षविराम’ का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि भारत का यह रुख स्पष्ट है कि वह तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप (सीमा पार के मुद्दों पर) को कभी स्वीकार नहीं करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के बयानों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए. कांग्रेस नेता ने कहा, “वह (डोनाल्ड ट्रंप) कब और क्या कहेंगे, इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती. लेकिन प्रधानमंत्री की चुप्पी ने हमें परेशान कर दिया है. प्रधानमंत्री सर्वदलीय बैठकों में भी भाग नहीं लेते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पंडित नेहरू ने भी बुलाया था विशेष सत्र'</strong><br />उन्होंने कहा कि चीन के साथ 1962 के युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अटल बिहारी वाजपेयी की मांग पर एक संसदीय सत्र बुलाया था. उन्होंने कहा, ”हम मांग करते हैं कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए. कम से कम उन्हें (प्रधानमंत्री) सर्वदलीय बैठकों में भाग लेना चाहिए.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’कश्मीर पर सिर्फ भारत का हक'</strong><br />यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है, दिग्विजय सिंह ने कहा कि कश्मीर पर एकमात्र अधिकार भारत का है. कांग्रेस सांसद ने कहा, “जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय का फैसला रियासतों पर छोड़ दिया गया था. इसके बाद कश्मीर के तत्कालीन महाराजा ने भारत के साथ रहने का फैसला किया.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>भारत और पाकिस्तान चार दिनों के सैन्य टकराव के बाद शनिवार को जमीन, वायु और समुद्र में सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए सहमत हुए.</p> मध्य प्रदेश Maharashtra: नारायण राणे का नया ‘मिशन’, 70 एकड़ में ‘गोवर्धन गौशाला’ का उद्घाटन, जानें क्या है खास
दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार से की बड़ी मांग, बोले ‘भारत-चीन युद्ध के दौरान पंडित नेहरू ने भी…’
