हरियाणा में करनाल के रिंग रोड पर इंटरचेंज मार्ग की मांग को लेकर सोमवार को ग्रामीणों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। भाकियू के बैनर तले बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त उत्तम सिंह को ज्ञापन सौंपा और 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर तय समय सीमा में उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे रिंग रोड का निर्माण कार्य ठप कर देंगे। उन्होंने साफ कहा कि निर्माण रुकवाने की जिम्मेदारी प्रशासन और निर्माण कंपनी की होगी। शोरगुल और नारेबाजी के साथ ग्रामीणों ने दी चेतावनी डीसी को ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव सुहाना के पास रिंग रोड का काम जोरों पर चल रहा है, लेकिन इंटरचेंज मार्ग की मांग को अनदेखा किया जा रहा है। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो सभी ग्रामीण एकजुट होकर निर्माण रुकवाने के लिए मजबूर होंगे। इस मौके पर भाकियू संगठन सचिव श्याम सिंह मान, कोर कमेटी चेयरमेन यशपाल राणा, उत्तर हरियाणा प्रभारी महताब कादियान और महासचिव भूपिंदर सिंह लाडी भी मौके पर मौजूद रहे। 18+00 किमी प्वाइंट पर इंटरचेंज की है मांग भाकियू के जिला प्रधान सुरेन्द्र घुम्मन ने बताया कि कुटेल से दादुपुर खुर्द तक रिंग रोड का निर्माण हो रहा है। इसके 18+00 किलोमीटर प्वाइंट पर इंटरचेंज मार्ग नहीं बनाया जा रहा है, जबकि ग्रामीणों की लंबे समय से मांग है कि यहीं पर इंटरचेंज बनाया जाए। यह मार्ग शेखपुरा और सोहाना गांव से होते हुए रसूलपुर कलां तक जाता है। अगर इंटरचेंज नहीं बनाया गया तो दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को दिल्ली और चंडीगढ़ की तरफ जाने में भारी परेशानी होगी। डीसी ने दिया आश्वासन, कहा- जल्द कराएंगे बैठक ज्ञापन सौंपने के बाद भाकियू प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान ने बताया कि डीसी उत्तम सिंह ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि जल्द ही निर्माण कंपनी के अधिकारियों और भाकियू प्रतिनिधियों की बैठक कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा, ताकि किसी को भी असुविधा न हो। बात नहीं बनी तो होगा बड़ा आंदोलन प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि अगर 72 घंटे में उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो वे भाकियू के नेतृत्व में बड़े आंदोलन की राह पकड़ेंगे। साथ ही आंदोलन के दौरान अगर कोई नुकसान हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी निर्माण कंपनी और हरियाणा सरकार की होगी। हरियाणा में करनाल के रिंग रोड पर इंटरचेंज मार्ग की मांग को लेकर सोमवार को ग्रामीणों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। भाकियू के बैनर तले बड़ी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पहुंचकर उपायुक्त उत्तम सिंह को ज्ञापन सौंपा और 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर तय समय सीमा में उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे रिंग रोड का निर्माण कार्य ठप कर देंगे। उन्होंने साफ कहा कि निर्माण रुकवाने की जिम्मेदारी प्रशासन और निर्माण कंपनी की होगी। शोरगुल और नारेबाजी के साथ ग्रामीणों ने दी चेतावनी डीसी को ज्ञापन देने पहुंचे ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। ग्रामीणों ने कहा कि गांव सुहाना के पास रिंग रोड का काम जोरों पर चल रहा है, लेकिन इंटरचेंज मार्ग की मांग को अनदेखा किया जा रहा है। अगर उनकी बात नहीं मानी गई तो सभी ग्रामीण एकजुट होकर निर्माण रुकवाने के लिए मजबूर होंगे। इस मौके पर भाकियू संगठन सचिव श्याम सिंह मान, कोर कमेटी चेयरमेन यशपाल राणा, उत्तर हरियाणा प्रभारी महताब कादियान और महासचिव भूपिंदर सिंह लाडी भी मौके पर मौजूद रहे। 18+00 किमी प्वाइंट पर इंटरचेंज की है मांग भाकियू के जिला प्रधान सुरेन्द्र घुम्मन ने बताया कि कुटेल से दादुपुर खुर्द तक रिंग रोड का निर्माण हो रहा है। इसके 18+00 किलोमीटर प्वाइंट पर इंटरचेंज मार्ग नहीं बनाया जा रहा है, जबकि ग्रामीणों की लंबे समय से मांग है कि यहीं पर इंटरचेंज बनाया जाए। यह मार्ग शेखपुरा और सोहाना गांव से होते हुए रसूलपुर कलां तक जाता है। अगर इंटरचेंज नहीं बनाया गया तो दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को दिल्ली और चंडीगढ़ की तरफ जाने में भारी परेशानी होगी। डीसी ने दिया आश्वासन, कहा- जल्द कराएंगे बैठक ज्ञापन सौंपने के बाद भाकियू प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान ने बताया कि डीसी उत्तम सिंह ने ग्रामीणों की बातों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि जल्द ही निर्माण कंपनी के अधिकारियों और भाकियू प्रतिनिधियों की बैठक कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा, ताकि किसी को भी असुविधा न हो। बात नहीं बनी तो होगा बड़ा आंदोलन प्रदर्शन में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि अगर 72 घंटे में उनकी मांग पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो वे भाकियू के नेतृत्व में बड़े आंदोलन की राह पकड़ेंगे। साथ ही आंदोलन के दौरान अगर कोई नुकसान हुआ तो उसकी पूरी जिम्मेदारी निर्माण कंपनी और हरियाणा सरकार की होगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
