<p style=”text-align: justify;”><strong>INDIA Alliance Meeting:</strong> <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> की प्रक्रिया एक जून को खत्म हो रही है. जिसे देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन की अहम बैठक बुलाई है. जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीआरएस नेता केसीआर शामिल नहीं हो रहे हैं. ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक खास जिम्मेदारी दी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले चरण के बाद जिस तरह से चुनाव बदला उसके बाद इंडिया गठबंधन के हौसले बुलंद हैं. विपक्षी दलों को भरोसा है कि इस बार केंद्र वो सरकार बनाने के स्थिति में होंगे. माना जा रहा है एक जून को होने वाली बैठक में इसी को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जून को वोटिंग का हवाला देकर इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखिलेश यादव को मिली बड़ी जिम्मेदारी</strong><br />ये तो सब जानते हैं कि ममता बनर्जी और केसीआर के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कितने अच्छे संबंध हैं. इंडिया गठबंधन से अलग होने के बावजूद अखिलेश ने यूपी में टीएमसी को एक सीट दी है. इसके साथ ही सपा अध्यक्ष कई मंचों पर केसीआर के साथ भी दिखाई दिए हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपना प्रचार रथ भी केसीआर के लिए भेजा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के मुताबिक अगर इंडिया गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में आता है तो ममता बनर्जी और केसीआर को साथ लाने की बड़ी जिम्मेदारी अखिलेश यादव को दी गई है. वो लगातार दोनों नेताओं के साथ संपर्क में भी बने हुए हैं. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भी अखिलेश पर इस मामले में भरोसा जताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल इंडिया गठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि इस बार चुनावों में उन्हें उम्मीद से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है. यूपी में इसका खासा असर देखा गया. जिस तरह से सपा-कांग्रेस की जनसभाओं में लोगों का जनसैलाब दिखाई दिया उसके बाद विपक्ष का स्थिति काफी मजबूत हुई है. विपक्ष का दावा है कि यूपी में उन्हें 30-35 सीटें मिल सकती है. इसी तरह दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी बढ़त मिल सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस चुनाव में जो सबसे दिलचस्प बात देखी गई वो ये थी कि जो बीजेपी विपक्षी दलों को धर्म और मंदिर की पिच पर चुनाव ले जाती थी वो इस बार संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर सफाई देती दिखी. विपक्ष अपने मुद्दों से कभी भटकता हुआ नहीं दिखाई दिया और लगातार महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरता रहा, जिससे विपक्ष के साथ युवा बड़ी संख्या में जुड़ते चले गए. यही वजह है कि इंडिया गठबंधन ने पहले से ही आगे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lok-sabha-elections-2024-up-prashant-kishor-yogendra-yadav-dr-laxman-yadav-predictions-2702175″>यूपी पर तीन विशेषज्ञों के अलग-अलग दावे, बीजेपी से लेकर सपा तक की बढ़ी टेंशन, जानें- किसने क्या कहा?</a></strong><br /><br /></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>INDIA Alliance Meeting:</strong> <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> की प्रक्रिया एक जून को खत्म हो रही है. जिसे देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन की अहम बैठक बुलाई है. जिसमें आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और बीआरएस नेता केसीआर शामिल नहीं हो रहे हैं. ऐसे में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक खास जिम्मेदारी दी गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पहले चरण के बाद जिस तरह से चुनाव बदला उसके बाद इंडिया गठबंधन के हौसले बुलंद हैं. विपक्षी दलों को भरोसा है कि इस बार केंद्र वो सरकार बनाने के स्थिति में होंगे. माना जा रहा है एक जून को होने वाली बैठक में इसी को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हो सकती है लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक जून को वोटिंग का हवाला देकर इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अखिलेश यादव को मिली बड़ी जिम्मेदारी</strong><br />ये तो सब जानते हैं कि ममता बनर्जी और केसीआर के साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कितने अच्छे संबंध हैं. इंडिया गठबंधन से अलग होने के बावजूद अखिलेश ने यूपी में टीएमसी को एक सीट दी है. इसके साथ ही सपा अध्यक्ष कई मंचों पर केसीआर के साथ भी दिखाई दिए हैं. तेलंगाना विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपना प्रचार रथ भी केसीआर के लिए भेजा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सूत्रों के मुताबिक अगर इंडिया गठबंधन सरकार बनाने की स्थिति में आता है तो ममता बनर्जी और केसीआर को साथ लाने की बड़ी जिम्मेदारी अखिलेश यादव को दी गई है. वो लगातार दोनों नेताओं के साथ संपर्क में भी बने हुए हैं. कांग्रेस समेत अन्य दलों ने भी अखिलेश पर इस मामले में भरोसा जताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल इंडिया गठबंधन के रणनीतिकारों का मानना है कि इस बार चुनावों में उन्हें उम्मीद से ज्यादा लोगों का समर्थन मिला है. यूपी में इसका खासा असर देखा गया. जिस तरह से सपा-कांग्रेस की जनसभाओं में लोगों का जनसैलाब दिखाई दिया उसके बाद विपक्ष का स्थिति काफी मजबूत हुई है. विपक्ष का दावा है कि यूपी में उन्हें 30-35 सीटें मिल सकती है. इसी तरह दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक जैसे राज्यों में भी बढ़त मिल सकती है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस चुनाव में जो सबसे दिलचस्प बात देखी गई वो ये थी कि जो बीजेपी विपक्षी दलों को धर्म और मंदिर की पिच पर चुनाव ले जाती थी वो इस बार संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर सफाई देती दिखी. विपक्ष अपने मुद्दों से कभी भटकता हुआ नहीं दिखाई दिया और लगातार महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरता रहा, जिससे विपक्ष के साथ युवा बड़ी संख्या में जुड़ते चले गए. यही वजह है कि इंडिया गठबंधन ने पहले से ही आगे की रणनीति पर मंथन शुरू कर दिया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lok-sabha-elections-2024-up-prashant-kishor-yogendra-yadav-dr-laxman-yadav-predictions-2702175″>यूपी पर तीन विशेषज्ञों के अलग-अलग दावे, बीजेपी से लेकर सपा तक की बढ़ी टेंशन, जानें- किसने क्या कहा?</a></strong><br /><br /></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड Arvind Kejriwal: ‘RSS से पूछना चाहता हूं कि…’, अरविंद केजरीवाल का PM मोदी पर निशाना