मर्दों से नफरत है…बोलकर 2 लड़कियों ने शादी की:बदायूं के मंदिर में मांग में सिंदूर भरा; हिंदू बनकर मुस्लिम युवकों ने धोखा दिया था

मर्दों से नफरत है…बोलकर 2 लड़कियों ने शादी की:बदायूं के मंदिर में मांग में सिंदूर भरा; हिंदू बनकर मुस्लिम युवकों ने धोखा दिया था

बदायूं में मंगलवार को दो युवतियों ने शादी कर ली। दोनों ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित मंदिर में एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। शादी के बाद लड़कियों ने कहा, मुस्लिम युवकों ने हिंदू बनकर उनके साथ दोस्ती की थी। जब इस धोखे का पता चला तो टूट गए। तब से मर्दों से नफरत है। इसीलिए हमने एक दूसरे से शादी करने का निर्णय लिया। अब हम पति-पत्नी की तरह साथ रहेंगे। अब जानिए पूरा मामला… तीन पहले एक-दूसरे से हुई थी मुलाकात
अलापुर कस्बे की रहने वाली आशा ने शादी में पति की भूमिका निभाई और अब उसने अपना नाम बदलकर गोलू रख लिया है। आशा दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित एक बेबी केयर सेंटर में काम करती हैं। पांच भाइयों और पांच बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, ज्योति सिविल लाइंस की रहने वाली हैं और वर्तमान में उत्तराखंड के देहरादून में एक सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं। वह दो बहनों में बड़ी हैं। बताया, उनकी मुलाकात करीब तीन महीने पहले कचहरी परिसर में हुई थी। बातचीत के दौरान उन्हें एक-दूसरे के विचार पसंद आए। दोनों फोन पर बात करने लगे। फिर जीवनभर साथ रहने का निर्णय ले लिया। मर्दों से नफरत, इसलिए किया साथ रहने का फैसला
दोनों ने बताया, उन्हें पुरुषों से नफरत है। पहले मुस्लिम युवकों ने उनसे हिंदू बनकर दोस्ती की और प्रेम संबंध बनाए। जब सच्चाई सामने आई तो दोनों ने उन संबंधों को खत्म कर दिया। इसके बाद उन्होंने तय किया कि अब वे एक-दूसरे के साथ ही जीवन बिताएंगी। दोनों युवतियों का कहना है कि अगर उनके परिवार वाले इस रिश्ते को स्वीकार कर लेते हैं तो अच्छा है, वरना वे दिल्ली जाकर साथ काम करेंगी और जीवन बिताएंगी। सुख-दुख में साथ निभाएंगे
पत्नी बनी ज्योति ने कहा, हम लड़कों से नफरत करते हैं। अब हमारा भरोसा उनसे उठ चुका है। हम दोनों तीन महीने से एक-दूसरे को जानते हैं। जब लगा कि हम एक-दूसरे को समझते हैं, तो हमने शादी का फैसला लिया। अभी हमारे घरवाले इस रिश्ते से अनजान हैं, लेकिन अब हम उन्हें बताएंगे। हम मिलकर काम करेंगे और एक-दूसरे का साथ देंगे। पहले घर जाएंगे, फिर दिल्ली जाकर काम करेंगे। जॉब करेंगे, घर बनाएंगे
पति बनी आशा उर्फ गोलू ने कहा, पुरुषों ने हमारे साथ बहुत गलत किया। इसलिए हमने यह कदम उठाया है। अगर घरवाले साथ देंगे तो ठीक, वरना हम दिल्ली में साथ रहेंगे। हम दोनों साथ में अच्छे से रह सकते हैं, काम करेंगे और जब बजट होगा, तो अपना घर बनाएंगे। मैं इस शादी से बहुत खुश हूं। अधिवक्ता बोले – संविधान में है अधिकार
अधिवक्ता दिवाकर वर्मा शादी के वक्त मौजूद थे। उन्होंने बताया, ये दोनों लड़कियां मेरे पास आई थीं और कहा कि वे लड़कों से नफरत करती हैं तथा शादी करना चाहती हैं। संविधान उन्हें यह अधिकार देता है। हमने सभी औपचारिकताएं पूरी कराईं। पहले वे दोस्त बनीं, फिर साथ रहने लगीं और अब मंदिर में विधिवत शादी कर ली है। यह शादी वैध है या नहीं, यह अदालत तय करेगी। दस्तावेजों में उनके वही नाम रहेंगे जो पहले से हैं, लेकिन आपस में वे एक-दूसरे को जो चाहे वह कह सकती हैं। इन युवतियों को मुस्लिम युवकों द्वारा धोखा दिया गया था, जिससे आहत होकर उन्होंने यह फैसला लिया। ———————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- हम ड्यूटी पर थे, पत्नी पड़ोसी से मिलती थी:गीता की वजह से बेटियों को मारना पड़ा; उन्नाव के अमित के आखिरी शब्द जीतू भैया माफ कर देना। निधि की मम्मी (पत्नी गीता) बगल में रहने वाले अनुज से मिलती है। एक महीने से हम ड्यूटी पर थे। वो रोज पत्नी से मिल रहा था। वो घर भी आता था। हम बहुत तड़पे हैं। उसकी वजह से अपनी दोनों बेटियों को मारना पड़ा। दोनों हमारे कलेजे का टुकड़ा हैं। बहुत परेशानी हो रही है। तभी अपने साथ सभी को ले जा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर… बदायूं में मंगलवार को दो युवतियों ने शादी कर ली। दोनों ने कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित मंदिर में एक-दूसरे को जयमाला पहनाई और साथ जीने-मरने की कसमें खाईं। शादी के बाद लड़कियों ने कहा, मुस्लिम युवकों ने हिंदू बनकर उनके साथ दोस्ती की थी। जब इस धोखे का पता चला तो टूट गए। तब से मर्दों से नफरत है। इसीलिए हमने एक दूसरे से शादी करने का निर्णय लिया। अब हम पति-पत्नी की तरह साथ रहेंगे। अब जानिए पूरा मामला… तीन पहले एक-दूसरे से हुई थी मुलाकात
अलापुर कस्बे की रहने वाली आशा ने शादी में पति की भूमिका निभाई और अब उसने अपना नाम बदलकर गोलू रख लिया है। आशा दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित एक बेबी केयर सेंटर में काम करती हैं। पांच भाइयों और पांच बहनों में दूसरे नंबर पर हैं। वहीं, ज्योति सिविल लाइंस की रहने वाली हैं और वर्तमान में उत्तराखंड के देहरादून में एक सिक्योरिटी एजेंसी में गार्ड हैं। वह दो बहनों में बड़ी हैं। बताया, उनकी मुलाकात करीब तीन महीने पहले कचहरी परिसर में हुई थी। बातचीत के दौरान उन्हें एक-दूसरे के विचार पसंद आए। दोनों फोन पर बात करने लगे। फिर जीवनभर साथ रहने का निर्णय ले लिया। मर्दों से नफरत, इसलिए किया साथ रहने का फैसला
दोनों ने बताया, उन्हें पुरुषों से नफरत है। पहले मुस्लिम युवकों ने उनसे हिंदू बनकर दोस्ती की और प्रेम संबंध बनाए। जब सच्चाई सामने आई तो दोनों ने उन संबंधों को खत्म कर दिया। इसके बाद उन्होंने तय किया कि अब वे एक-दूसरे के साथ ही जीवन बिताएंगी। दोनों युवतियों का कहना है कि अगर उनके परिवार वाले इस रिश्ते को स्वीकार कर लेते हैं तो अच्छा है, वरना वे दिल्ली जाकर साथ काम करेंगी और जीवन बिताएंगी। सुख-दुख में साथ निभाएंगे
पत्नी बनी ज्योति ने कहा, हम लड़कों से नफरत करते हैं। अब हमारा भरोसा उनसे उठ चुका है। हम दोनों तीन महीने से एक-दूसरे को जानते हैं। जब लगा कि हम एक-दूसरे को समझते हैं, तो हमने शादी का फैसला लिया। अभी हमारे घरवाले इस रिश्ते से अनजान हैं, लेकिन अब हम उन्हें बताएंगे। हम मिलकर काम करेंगे और एक-दूसरे का साथ देंगे। पहले घर जाएंगे, फिर दिल्ली जाकर काम करेंगे। जॉब करेंगे, घर बनाएंगे
पति बनी आशा उर्फ गोलू ने कहा, पुरुषों ने हमारे साथ बहुत गलत किया। इसलिए हमने यह कदम उठाया है। अगर घरवाले साथ देंगे तो ठीक, वरना हम दिल्ली में साथ रहेंगे। हम दोनों साथ में अच्छे से रह सकते हैं, काम करेंगे और जब बजट होगा, तो अपना घर बनाएंगे। मैं इस शादी से बहुत खुश हूं। अधिवक्ता बोले – संविधान में है अधिकार
अधिवक्ता दिवाकर वर्मा शादी के वक्त मौजूद थे। उन्होंने बताया, ये दोनों लड़कियां मेरे पास आई थीं और कहा कि वे लड़कों से नफरत करती हैं तथा शादी करना चाहती हैं। संविधान उन्हें यह अधिकार देता है। हमने सभी औपचारिकताएं पूरी कराईं। पहले वे दोस्त बनीं, फिर साथ रहने लगीं और अब मंदिर में विधिवत शादी कर ली है। यह शादी वैध है या नहीं, यह अदालत तय करेगी। दस्तावेजों में उनके वही नाम रहेंगे जो पहले से हैं, लेकिन आपस में वे एक-दूसरे को जो चाहे वह कह सकती हैं। इन युवतियों को मुस्लिम युवकों द्वारा धोखा दिया गया था, जिससे आहत होकर उन्होंने यह फैसला लिया। ———————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- हम ड्यूटी पर थे, पत्नी पड़ोसी से मिलती थी:गीता की वजह से बेटियों को मारना पड़ा; उन्नाव के अमित के आखिरी शब्द जीतू भैया माफ कर देना। निधि की मम्मी (पत्नी गीता) बगल में रहने वाले अनुज से मिलती है। एक महीने से हम ड्यूटी पर थे। वो रोज पत्नी से मिल रहा था। वो घर भी आता था। हम बहुत तड़पे हैं। उसकी वजह से अपनी दोनों बेटियों को मारना पड़ा। दोनों हमारे कलेजे का टुकड़ा हैं। बहुत परेशानी हो रही है। तभी अपने साथ सभी को ले जा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर