पानीपत निगम में टैक्स घोटाला:9.72 लाख की संपत्ति पर मात्र 12 हजार का टैक्स, नई ID बनाकर की धोखाधड़ी, प्लॉट मालिक भी शामिल

पानीपत निगम में टैक्स घोटाला:9.72 लाख की संपत्ति पर मात्र 12 हजार का टैक्स, नई ID बनाकर की धोखाधड़ी, प्लॉट मालिक भी शामिल

पानीपत नगर निगम के एक कर्मचारी का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक जमीन मालिक से मिलीभगत कर उसकी व्यवसायिक जमीन की प्रॉपर्टी आईडी बदल दी गई। जिससे लाखों रुपए का टैक्स घटकर मात्र 12 हजार रुपए रह गया। इतना ही नहीं फायर टैक्स भी हजारों में था। जिसे भी घटाकर नाममात्र कर दिया गया। सीएम फ्लाइंग को जब इसकी भनक लगी तो वर्ष 2023 में मामले की जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कर्मचारी व जमीन मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 9.72 लाख के टैक्स को किया 12 हजार
सिटी थाना पुलिस को दी शिकायत में करनाल सीएम फ्लाइंग के राज सिंह ने बताया कि उन्हें एक सूचना प्राप्त हुई थी कि दिलबाग निवासी गांव महमदपुर का ज्योति कॉलोनी बरसत रोड पर 160 वर्गगज का कमर्शियल प्लॉट है। जिसकी नगर निगम द्वारा नई प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई। जबकि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी पर प्रॉपर्टी टैक्स 9 लाख 72 हजार रुपए बकाया था। नगर निगम में सहायक के पद पर तैनात सोनू ने प्लाट मालिक दिलबाग से मिलकर कर इसकी माह जुलाई 2023 में नई प्रॉपर्टी बना दी। प्रॉपर्टी आईडी पर बकाया टैक्स 9.72 लाख को खत्म करके केवल प्रॉपर्टी टैक्स 12 हजार 672 रुपए रख दिया। इस प्रकार सोनू सहायक द्वारा भूमि मालिक दिलबाग से मिलीभगत करके निगम को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। जांच के दौरान ये तथ्य आए सामने इस आरोप की उच्च अधिकारियों से अनुमति उपरांत जांच मुख्यमंत्री उडनदस्ता करनाल द्वारा अमल में लाई गई। आरोप की जांच के संबंध में नगर निगम आयुक्त द्वारा कुलदीप राणा क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, धर्मपाल कर अधीक्षक, विनोद कुमार लेखाकार, यतिन जूनियर प्रोग्रामर व रिंकू जेई भवन निरीक्षक की टीम गठित की गई। जांच के दौरान टीम द्वारा रिकार्ड का अवलोकन किया गया। रिकॉर्ड के निरीक्षण व जांच के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों, दस्तावेज के आधार पर पाया गया कि नगर निगम के अनधिकृत क्षेत्र ज्योति कॉलोनी में स्थित 611.10 वर्गगज क्षेत्र की प्रोपर्टी आईडी दिलबाग सिंह की थी। जबकि मौके पर दिलबाग की 160 वर्गगज में दुकानें हैं। जिस पर संपत्ति कर 9.72 लाख बकाया रिकार्ड में अंकित था। सरकार द्वारा निर्धारित याशी कम्पनी द्वारा नगर निगम क्षेत्र की सभी संपत्तियों का सर्वे किया गया था। सर्वे उपरांत याशी कम्पनी द्वारा वर्ष 2022-23 में दिलबाग सिंह के नाम प्रोपर्टी स्टेटस अनधिकृत भूमि एरिया 199.560 वर्गगज अंकित किया गया। जांच के लिए गठित टीम द्वारा दिलबाग सिंह की दुकानों का वास्तविक क्षेत्रफल 160 वर्गगज ग्रांउड फ्लोर कॉमर्शियल रैंटेड प्रोपर्टी के हिसाब से गणना करने पर वर्ष 2010-11 से वर्ष 2023-24 तक 1 लाख 95 हजार 120 रुपए बनता था। जैसे ही कम हुआ टैक्स, तुरंत भर दिया सोनू सहायक यूएलवी (चैकर, एडमिन) द्वारा प्रॉपर्टी मालिक से मिलीभगत करके वर्ष 2022-23 का (प्रॉपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) व 2023-24 का (प्रोपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) 2 वर्ष का कुल राशि 12 हजार 672 रुपए दिखाया गया। जिसको प्रॉपर्टी मालिक द्वारा नगर निगम में जमा कराया जाना पाया गया। साल 2011 से वर्ष 2021-22 तक का बकाया संपत्ति कर 182448 रुपए रिकॉर्ड से हटा दिए गए। सोनू सहायक द्वारा नगर निगम के रिकार्ड में अंकित अनधिकृत क्षेत्र को अधिकृत क्षेत्र करके व वर्ष 2023 में उपरोक्त संपत्ति का केवल 2 वर्ष का संपत्ति कर लेकर नगर निगम पानीपत को 1 लाख 82 हजार 448 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया। पानीपत नगर निगम के एक कर्मचारी का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक जमीन मालिक से मिलीभगत कर उसकी व्यवसायिक जमीन की प्रॉपर्टी आईडी बदल दी गई। जिससे लाखों रुपए का टैक्स घटकर मात्र 12 हजार रुपए रह गया। इतना ही नहीं फायर टैक्स भी हजारों में था। जिसे भी घटाकर नाममात्र कर दिया गया। सीएम फ्लाइंग को जब इसकी भनक लगी तो वर्ष 2023 में मामले की जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर कर्मचारी व जमीन मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 9.72 लाख के टैक्स को किया 12 हजार
सिटी थाना पुलिस को दी शिकायत में करनाल सीएम फ्लाइंग के राज सिंह ने बताया कि उन्हें एक सूचना प्राप्त हुई थी कि दिलबाग निवासी गांव महमदपुर का ज्योति कॉलोनी बरसत रोड पर 160 वर्गगज का कमर्शियल प्लॉट है। जिसकी नगर निगम द्वारा नई प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई। जबकि पुरानी प्रॉपर्टी आईडी पर प्रॉपर्टी टैक्स 9 लाख 72 हजार रुपए बकाया था। नगर निगम में सहायक के पद पर तैनात सोनू ने प्लाट मालिक दिलबाग से मिलकर कर इसकी माह जुलाई 2023 में नई प्रॉपर्टी बना दी। प्रॉपर्टी आईडी पर बकाया टैक्स 9.72 लाख को खत्म करके केवल प्रॉपर्टी टैक्स 12 हजार 672 रुपए रख दिया। इस प्रकार सोनू सहायक द्वारा भूमि मालिक दिलबाग से मिलीभगत करके निगम को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। जांच के दौरान ये तथ्य आए सामने इस आरोप की उच्च अधिकारियों से अनुमति उपरांत जांच मुख्यमंत्री उडनदस्ता करनाल द्वारा अमल में लाई गई। आरोप की जांच के संबंध में नगर निगम आयुक्त द्वारा कुलदीप राणा क्षेत्रीय कराधान अधिकारी, धर्मपाल कर अधीक्षक, विनोद कुमार लेखाकार, यतिन जूनियर प्रोग्रामर व रिंकू जेई भवन निरीक्षक की टीम गठित की गई। जांच के दौरान टीम द्वारा रिकार्ड का अवलोकन किया गया। रिकॉर्ड के निरीक्षण व जांच के दौरान उपलब्ध साक्ष्यों, दस्तावेज के आधार पर पाया गया कि नगर निगम के अनधिकृत क्षेत्र ज्योति कॉलोनी में स्थित 611.10 वर्गगज क्षेत्र की प्रोपर्टी आईडी दिलबाग सिंह की थी। जबकि मौके पर दिलबाग की 160 वर्गगज में दुकानें हैं। जिस पर संपत्ति कर 9.72 लाख बकाया रिकार्ड में अंकित था। सरकार द्वारा निर्धारित याशी कम्पनी द्वारा नगर निगम क्षेत्र की सभी संपत्तियों का सर्वे किया गया था। सर्वे उपरांत याशी कम्पनी द्वारा वर्ष 2022-23 में दिलबाग सिंह के नाम प्रोपर्टी स्टेटस अनधिकृत भूमि एरिया 199.560 वर्गगज अंकित किया गया। जांच के लिए गठित टीम द्वारा दिलबाग सिंह की दुकानों का वास्तविक क्षेत्रफल 160 वर्गगज ग्रांउड फ्लोर कॉमर्शियल रैंटेड प्रोपर्टी के हिसाब से गणना करने पर वर्ष 2010-11 से वर्ष 2023-24 तक 1 लाख 95 हजार 120 रुपए बनता था। जैसे ही कम हुआ टैक्स, तुरंत भर दिया सोनू सहायक यूएलवी (चैकर, एडमिन) द्वारा प्रॉपर्टी मालिक से मिलीभगत करके वर्ष 2022-23 का (प्रॉपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) व 2023-24 का (प्रोपर्टी टैक्स 5760, फायर टैक्स 576 रुपए) 2 वर्ष का कुल राशि 12 हजार 672 रुपए दिखाया गया। जिसको प्रॉपर्टी मालिक द्वारा नगर निगम में जमा कराया जाना पाया गया। साल 2011 से वर्ष 2021-22 तक का बकाया संपत्ति कर 182448 रुपए रिकॉर्ड से हटा दिए गए। सोनू सहायक द्वारा नगर निगम के रिकार्ड में अंकित अनधिकृत क्षेत्र को अधिकृत क्षेत्र करके व वर्ष 2023 में उपरोक्त संपत्ति का केवल 2 वर्ष का संपत्ति कर लेकर नगर निगम पानीपत को 1 लाख 82 हजार 448 रुपए का नुकसान पहुंचाया गया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर