<p style=”text-align: justify;”><strong>Engineer Rashid Bail Plea:</strong> लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्वाचित हुए निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद की मुश्किलें अभी खत्म होती नहीं दिख रही हैं. 2019 से तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब तलब किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा है, लिहाजा इसकी सुनवाई जरूरी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला ?</strong><br />इंजीनियर राशिद पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद पहुंचाई. यह मामला 2017 के टेरर फंडिंग केस से जुड़ा है, जिसमें NIA ने उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत गिरफ्तार किया था. वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं और वहीं से उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमानत याचिका पर क्यों हो रहा है विवाद?</strong><br />राशिद की ओर से ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसमें 21 मार्च को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. हालांकि, NIA ने याचिका पर तकनीकी आपत्ति उठाते हुए कहा कि अपील दाखिल करने में 1104 दिन की देरी हुई है, जबकि कानून के अनुसार अधिकतम 90 दिनों के भीतर ही अपील की अनुमति है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके जवाब में राशिद के वकील ने अदालत से कहा कि यह समयसीमा कठोर नहीं है और ऐसे मामलों में कोर्ट के पास देरी को माफ करने का अधिकार है, खासकर जब बात किसी व्यक्ति की “जीवन और स्वतंत्रता” से जुड़ी हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगली सुनवाई 29 जुलाई को</strong><br />अब सभी की निगाहें 29 जुलाई पर टिकी हैं, जब हाईकोर्ट यह तय करेगा कि राशिद की अपील पर आगे की सुनवाई हो सकेगी या नहीं. क्या जेल में बंद सांसद संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Engineer Rashid Bail Plea:</strong> लोकसभा चुनाव 2024 में जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्वाचित हुए निर्दलीय सांसद इंजीनियर राशिद की मुश्किलें अभी खत्म होती नहीं दिख रही हैं. 2019 से तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जवाब तलब किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने स्पष्ट किया कि यह मामला जीवन और स्वतंत्रता से जुड़ा है, लिहाजा इसकी सुनवाई जरूरी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा इस मामले की सुनवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला ?</strong><br />इंजीनियर राशिद पर आरोप है कि उन्होंने कथित रूप से आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद पहुंचाई. यह मामला 2017 के टेरर फंडिंग केस से जुड़ा है, जिसमें NIA ने उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत गिरफ्तार किया था. वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं और वहीं से उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जमानत याचिका पर क्यों हो रहा है विवाद?</strong><br />राशिद की ओर से ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है, जिसमें 21 मार्च को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी. हालांकि, NIA ने याचिका पर तकनीकी आपत्ति उठाते हुए कहा कि अपील दाखिल करने में 1104 दिन की देरी हुई है, जबकि कानून के अनुसार अधिकतम 90 दिनों के भीतर ही अपील की अनुमति है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके जवाब में राशिद के वकील ने अदालत से कहा कि यह समयसीमा कठोर नहीं है और ऐसे मामलों में कोर्ट के पास देरी को माफ करने का अधिकार है, खासकर जब बात किसी व्यक्ति की “जीवन और स्वतंत्रता” से जुड़ी हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अगली सुनवाई 29 जुलाई को</strong><br />अब सभी की निगाहें 29 जुलाई पर टिकी हैं, जब हाईकोर्ट यह तय करेगा कि राशिद की अपील पर आगे की सुनवाई हो सकेगी या नहीं. क्या जेल में बंद सांसद संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे.</p> जम्मू और कश्मीर Maharashtra: ठाणे की सोसाइटी में टेबल लगाने को लेकर हुआ झगड़ा, शख्स ने काट दी पड़ोसी की उंगली
इंजीनियर राशिद की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने NIA से मांगा जवाब, क्या है निर्दलीय सांसद की दलील?
