<p style=”text-align: justify;”><strong>JEE Mains 2025:</strong> देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मेन) 2025 इस समय विवादों के घेरे में है. परीक्षा में शामिल दो छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गंभीर आरोप लगाए हैं कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा जारी किए गए स्कोरकार्ड में गंभीर गड़बड़ी की गई है और अंकों के साथ हेराफेरी हुई है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और इसकी फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख, CFSL को सौंपी जांच</strong><br />हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति नियुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में सत्य को उजागर करना अत्यंत आवश्यक है. कोर्ट ने इस मामले की जांच सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) को सौंपते हुए इसके निदेशक को निर्देश दिया कि वे 22 मई तक एक सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों के आरोप – स्कोरकार्ड में बदलाव, सवालों की संख्या भी गलत</strong><br />याचिका में कहा गया है कि जब छात्रों ने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड किया, तो उसमें अंक कुछ और थे, लेकिन जब NTA ने आधिकारिक रूप से कंपोज़िट स्कोरकार्ड जारी किया तो उसमें अंक अलग थे. एक छात्र ने यह भी दावा किया कि उसके प्रयास किए गए प्रश्नों की संख्या तक गलत दर्ज की गई है, जिससे उसका कुल स्कोर प्रभावित हुआ. छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक जैन ने अदालत में तर्क दिया कि यह कोई तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि संभावित डेटा टेम्परिंग का मामला है, जिसकी निष्पक्ष और विशेषज्ञ जांच आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>NTA का बचाव- स्कोर प्रक्रिया ऑटोमेटिक</strong><br />दूसरी ओर, NTA की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेश कुमार ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और अदालत को जानकारी दी कि स्कोरकार्ड तैयार करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटिक है और इसमें NIC (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) की भूमिका होती है. उन्होंने कहा हमारे पास पूरा ऑडिट ट्रेल और लॉग उपलब्ध है, और NIC ने स्पष्ट किया है कि स्कोरकार्ड या उत्तर पत्रकों में किसी प्रकार की मानवीय छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने दी अंतरिम राहत, पर लगाई परिणाम पर रोक</strong><br />मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने एक याचिकाकर्ता को जेईई (एडवांस्ड) के लिए आवेदन करने की अंतरिम अनुमति भी दी. छात्र ने अपने सही माने गए परसेंटाइल के आधार पर आवेदन की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अनुमति कोई विशेष अधिकार प्रदान नहीं करती, और छात्र का JEE (Advanced) का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा जब तक कि मामला पूरी तरह से स्पष्ट न हो जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 मई के लिए सूचीबद्ध की है. इस दिन CFSL द्वारा जमा की गई रिपोर्ट को देखा जाएगा, जिसके बाद ही यह तय होगा कि स्कोरकार्ड में हेराफेरी हुई है या नहीं. यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला केवल कुछ छात्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे देश की परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा करेगा.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>JEE Mains 2025:</strong> देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई (मेन) 2025 इस समय विवादों के घेरे में है. परीक्षा में शामिल दो छात्रों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गंभीर आरोप लगाए हैं कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा जारी किए गए स्कोरकार्ड में गंभीर गड़बड़ी की गई है और अंकों के साथ हेराफेरी हुई है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है और इसकी फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली हाई कोर्ट का सख्त रुख, CFSL को सौंपी जांच</strong><br />हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति नियुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में सत्य को उजागर करना अत्यंत आवश्यक है. कोर्ट ने इस मामले की जांच सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) को सौंपते हुए इसके निदेशक को निर्देश दिया कि वे 22 मई तक एक सीलबंद लिफाफे में जांच रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों के आरोप – स्कोरकार्ड में बदलाव, सवालों की संख्या भी गलत</strong><br />याचिका में कहा गया है कि जब छात्रों ने अपना स्कोरकार्ड डाउनलोड किया, तो उसमें अंक कुछ और थे, लेकिन जब NTA ने आधिकारिक रूप से कंपोज़िट स्कोरकार्ड जारी किया तो उसमें अंक अलग थे. एक छात्र ने यह भी दावा किया कि उसके प्रयास किए गए प्रश्नों की संख्या तक गलत दर्ज की गई है, जिससे उसका कुल स्कोर प्रभावित हुआ. छात्रों की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक जैन ने अदालत में तर्क दिया कि यह कोई तकनीकी त्रुटि नहीं बल्कि संभावित डेटा टेम्परिंग का मामला है, जिसकी निष्पक्ष और विशेषज्ञ जांच आवश्यक है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>NTA का बचाव- स्कोर प्रक्रिया ऑटोमेटिक</strong><br />दूसरी ओर, NTA की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रूपेश कुमार ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया और अदालत को जानकारी दी कि स्कोरकार्ड तैयार करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटिक है और इसमें NIC (नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर) की भूमिका होती है. उन्होंने कहा हमारे पास पूरा ऑडिट ट्रेल और लॉग उपलब्ध है, और NIC ने स्पष्ट किया है कि स्कोरकार्ड या उत्तर पत्रकों में किसी प्रकार की मानवीय छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट ने दी अंतरिम राहत, पर लगाई परिणाम पर रोक</strong><br />मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने एक याचिकाकर्ता को जेईई (एडवांस्ड) के लिए आवेदन करने की अंतरिम अनुमति भी दी. छात्र ने अपने सही माने गए परसेंटाइल के आधार पर आवेदन की मांग की थी. हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अनुमति कोई विशेष अधिकार प्रदान नहीं करती, और छात्र का JEE (Advanced) का परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा जब तक कि मामला पूरी तरह से स्पष्ट न हो जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 23 मई के लिए सूचीबद्ध की है. इस दिन CFSL द्वारा जमा की गई रिपोर्ट को देखा जाएगा, जिसके बाद ही यह तय होगा कि स्कोरकार्ड में हेराफेरी हुई है या नहीं. यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला केवल कुछ छात्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे देश की परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़ा करेगा.</p> दिल्ली NCR पानी के प्रोजेक्ट पर उमर अब्दुल्ला के बयान से भड़कीं महबूबा मुफ्ती, ‘भारत-पाक तनाव के बीच…’
जेईई (मेन) 2025 स्कोरकार्ड में गड़बड़ी का दावा, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा आदेश, छात्रों का NTA पर क्या है आरोप?
