मुंबई: मीठी नदी घोटाले में कोर्ट ने केतन कदम और जय जोशी की जमानत अर्जी की खारिज, EOW की जांच जारी

मुंबई: मीठी नदी घोटाले में कोर्ट ने केतन कदम और जय जोशी की जमानत अर्जी की खारिज, EOW की जांच जारी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Mithi River Scam</strong>: <span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>मुंबई के मीठी नदी सफाई घोटाले में मुख्य आरोपियों केतन कदम और जय जोशी की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज की.</span>&nbsp;<span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.</span>&nbsp;<span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की विशेष जांच टीम (SIT) मामले की गहनता से जांच कर रही है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”> मीठी नदी सफाई परियोजना में हुए 65 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले में गिरफ्तार किए गए थे. आपको बता दें कि मामले की जांच कर रहे मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के अधिकारी संतोष तोरे ने दोनों की जमानत का विरोध किया था और कहा था कि दोनों आरोपी इस घोटाले में पूरी तरह से शामिल थे.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घोटाला में बीएमसी के अधिकारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों की मिलीभगत के साथ मिलकर निगम को करोड़ों का चूना लगाया हुआ था. साथ ही आरोप है कि इनकी सलाह पर बीएमसी ने सफाई में उपयोग होने वाली मशीनरी खरीदने के बजाय ठेकेदारों से किराए पर लेने का निर्णय लिया, जिससे निजी कंपनियों को बड़ा फायदा पहुंचाया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मशीनरी की आड़ में करोड़ों का कमीशन खाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं EOW ने मीठी नदी सफाई परियोजना में हुए करोड़ाें रुपये के घोटाले को लेकर मैटप्रॉप कंपनी के दीपक मोहन से भी पूछताछ शुरू कर दी है, जो देर रात तक जारी रही. दीपक मोहन से यह पूछा गया कि जब मशीनरी खरीदने का कोटेशन दिया गया था, तो उसे ठेकेदारों से किराए पर लेने की सिफारिश क्यों की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि कदम और जोशी ने इन मशीनों को दो साल के लिए आठ करोड़ रुपये में किराए पर देने की पेशकश की और बाद में चार करोड़ रुपये में समझौता कर लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>EOW की निजी कंपनियों से जांच जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारी के अनुसार अब तक की जांच में कई अहम सुराग और दस्तावेजी सबूत सामने आए हैं, जो आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बना रहे हैं. जांच अभी जारी है और घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और निजी कंपनियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Mumbai Mithi River Scam</strong>: <span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>मुंबई के मीठी नदी सफाई घोटाले में मुख्य आरोपियों केतन कदम और जय जोशी की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज की.</span>&nbsp;<span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.</span>&nbsp;<span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”>आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की विशेष जांच टीम (SIT) मामले की गहनता से जांच कर रही है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span class=”relative -mx-px my-[-0.2rem] rounded px-px py-[0.2rem] transition-colors duration-100 ease-in-out”> मीठी नदी सफाई परियोजना में हुए 65 करोड़ रुपये के बड़े घोटाले में गिरफ्तार किए गए थे. आपको बता दें कि मामले की जांच कर रहे मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) के अधिकारी संतोष तोरे ने दोनों की जमानत का विरोध किया था और कहा था कि दोनों आरोपी इस घोटाले में पूरी तरह से शामिल थे.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घोटाला में बीएमसी के अधिकारियों, ठेकेदारों और बिचौलियों की मिलीभगत के साथ मिलकर निगम को करोड़ों का चूना लगाया हुआ था. साथ ही आरोप है कि इनकी सलाह पर बीएमसी ने सफाई में उपयोग होने वाली मशीनरी खरीदने के बजाय ठेकेदारों से किराए पर लेने का निर्णय लिया, जिससे निजी कंपनियों को बड़ा फायदा पहुंचाया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मशीनरी की आड़ में करोड़ों का कमीशन खाया</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं EOW ने मीठी नदी सफाई परियोजना में हुए करोड़ाें रुपये के घोटाले को लेकर मैटप्रॉप कंपनी के दीपक मोहन से भी पूछताछ शुरू कर दी है, जो देर रात तक जारी रही. दीपक मोहन से यह पूछा गया कि जब मशीनरी खरीदने का कोटेशन दिया गया था, तो उसे ठेकेदारों से किराए पर लेने की सिफारिश क्यों की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ईओडब्ल्यू ने आरोप लगाया कि कदम और जोशी ने इन मशीनों को दो साल के लिए आठ करोड़ रुपये में किराए पर देने की पेशकश की और बाद में चार करोड़ रुपये में समझौता कर लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>EOW की निजी कंपनियों से जांच जारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आर्थिक अपराध शाखा के सूत्रों के मुताबिक, जांच अधिकारी के अनुसार अब तक की जांच में कई अहम सुराग और दस्तावेजी सबूत सामने आए हैं, जो आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बना रहे हैं. जांच अभी जारी है और घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों और निजी कंपनियों की भूमिका भी खंगाली जा रही है.</p>  महाराष्ट्र ज्योति मल्होत्रा पर संजय निरुपम का बड़ा बयान, ‘यूट्यूबर के नाम पर वो बहुत…’