पाकिस्तानी जासूस इलाही की रिमांड खत्म:11 दिन में पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क, ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा वॉयस नोट मिला; कोर्ट आज फैसला करेगी

पाकिस्तानी जासूस इलाही की रिमांड खत्म:11 दिन में पाकिस्तानी हैंडलर से संपर्क, ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ा वॉयस नोट मिला; कोर्ट आज फैसला करेगी

पानीपत में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही की आज रिमांड अवधि पूरी हो रही है। पुलिस आज फिर उसे कोर्ट में पेश करेगी। रिमांड बढ़ेगा या उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा, इसका फैसला कोर्ट करेगी। लेकिन पहले 7 और फिर 4 यानी कुल 11 दिन के रिमांड के दौरान नोमान के पाकिस्तानी ISI हैंडलर इकबाला काना के अलावा दूसरे हैंडलर के संपर्क में भी होने की बात का कबूलनामा किया है। इसमें हमीदा बानो भी शामिल है। इकबाल और हमीदा दोनों ही उत्तर प्रदेश के कैराना के रहने वाले है। पानीपत पुलिस नोमान को गिरफ्तारी के बाद उसके घर कैराना ले गई थी। जहां से कुछ दस्तावेज और 6 पासपोर्ट मिले थे। इन्हीं में पुलिस को इकबाल काना के पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने नोमान को इन्हें भेजा था ताकि इन्हें देखकर वह उसका इकबाल सिद्दीकी के नाम से पासपोर्ट बनवा सके। इकबाल काना भारत आना चाहता था पुलिस जासूसी के आरोपी नोमान से पूछताछ और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद संभावना जता रही है कि इकबाल काना भारत आना चाहता था। वह अपने घर कैराना आने के साथ यहां बनाए ISI एजेंट्स से मिलना चाहता था। पुलिस ने यह भी शक जताया कि वह भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच रहा था। जिसको अंजाम दिलाने के लिए वह पाकिस्तानी एजेंटों से सीधे मिलना चाहता था। हालांकि यह तैयारी भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक से पहले की थी। नोमान इलाही मामले में अब तक क्या खुलासे हुए, 6 पॉइंट्स.. 1. 2010 में खत्म हो चुका पासपोर्ट, फिर भी गया पाकिस्तान पुलिस सूत्रों के मुताबिक इलाही पर एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित आईएसआई जासूस होने का संदेह है। क्योंकि वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहा है और उचित जानकारी नहीं दे रहा है। सीआईए इकाई ने यूपी के कैराना में बेगमपुरा बाजार स्थित उसके घर से उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इस पासपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद टीम ने पाया कि उसकी वैधता 2010 में समाप्त हो चुकी थी। मगर, पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। अब ऐसे में सवाल उठता है तो जब उसके पासपोर्ट की वैधता 2010 में खत्म हो गई थी तो वह 2017 में किस दस्तावेज पर पाकिस्तान गया। पुलिस ​​2017 में उसकी पाकिस्तान यात्रा के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। 2. 5 साल की उम्र में बन गया था पासपोर्ट नोमान इलाही का पिता पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। 5 साल पहले जब पिता की मौत हुई तो नोमान ने धंधे को अपना लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नोमान इलाही का पांच साल की उम्र में ही पासपोर्ट बन गया था। पानीपत पुलिस की सीआईए-वन ने आरोपी नोमान इलाही का बचपन में बनवाया पासपोर्ट बरामद कर लिया है, जबकि उसका अभी तक कोई नवीकृत पासपोर्ट बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस उससे नए पासपोर्ट के बारे में भी पूछताछ कर रही है। 3. चार बार पाकिस्तान जा चुका नोमान यदि नोमान की 2017 की पाकिस्तान यात्रा करने की बात को सही माने तो वह कुल चार बार पाकिस्तान जा चुका है। 2010 तक ही तीन बार पाकिस्तान जा चुका था, जिसकी पुलिस जांच में पुष्टि हो चुकी है। पाकिस्तान में नोमान की बुआ और मौसी रहती हैं, लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इन यात्राओं की आड़ में नोमान आईएसआई हेंडलर्स इकबाल काना से मिलता रहा हो और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हो। वहीं, नोमान की बहन जीनत का कहना है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से डेढ़ माह पहले एक आमंत्रण को लेकर बात हुई थी। 4. नोमान के पास थे इकबाल काना के 4 मोबाइल नंबर पानीपत में इलाही पर दर्ज FIR से खुलासा हुआ था कि नोमान के पास 3 मोबाइल नंबर थे। इनमें एक नंबर से वह परिजनों और दोस्तों से बात करता। बाकी 2 नंबर उसने सिर्फ पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से बातचीत करने के लिए रखे थे। वह पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर इकबाल काना के टच में था। काना से उसकी 4 मोबाइल नंबरों पर बात होती थी। 5. मोबाइल में मिले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वॉयस नोट पुलिस सूत्रों के मुताबिक नोमान के मोबाइल में आतंकी काना का वॉयस नोट भी मिला, जिसमें पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद आतंकी उससे पठानकोट और गुरदासपुर से आने वाली फौज और फौज के सामान के बारे में जानकारी मांग रहा था। इसके अलावा नोमान को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे कि वह ऑपरेशन सिंदूर के तहत श्रीनगर जाए। उसके मोबाइल की वॉट्सऐप चैट में यह प्लान भी सामने आया है। मोबाइल चैट में कहा गया कि उसे श्रीनगर जाकर सेना की तैनाती, मूवमेंट और गतिविधियों की जानकारी साझा करनी है। एसपी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि यह सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स है, जिन्हें केवल कोर्ट में ही तथ्य के रूप में पेश किया जाएगा। 6. भारतीय खातों से की जाती थी पेमेंट नोमान इलाही ने ट्रेनों में जासूसी के वीडियो सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल काना को भेजे हैं, लेकिन उसे पाकिस्तान से कोई पेमेंट नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जासूस नोमान को हमेशा भारतीय खातों से पेमेंट किया जाता रहा है। कई लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। एसपी ने भी कहा कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर से सीधे अपने खातों में इतने पैसे नहीं मिले। वह किसी अन्य व्यक्ति के खाते में पैसे लाता था और उनसे नकद लेता था। अब उन लोगों का पता लगाया जा रहा है, जिनके खातों में यह पैसे मंगवाता था। पानीपत में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस नोमान इलाही की आज रिमांड अवधि पूरी हो रही है। पुलिस आज फिर उसे कोर्ट में पेश करेगी। रिमांड बढ़ेगा या उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा, इसका फैसला कोर्ट करेगी। लेकिन पहले 7 और फिर 4 यानी कुल 11 दिन के रिमांड के दौरान नोमान के पाकिस्तानी ISI हैंडलर इकबाला काना के अलावा दूसरे हैंडलर के संपर्क में भी होने की बात का कबूलनामा किया है। इसमें हमीदा बानो भी शामिल है। इकबाल और हमीदा दोनों ही उत्तर प्रदेश के कैराना के रहने वाले है। पानीपत पुलिस नोमान को गिरफ्तारी के बाद उसके घर कैराना ले गई थी। जहां से कुछ दस्तावेज और 6 पासपोर्ट मिले थे। इन्हीं में पुलिस को इकबाल काना के पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने नोमान को इन्हें भेजा था ताकि इन्हें देखकर वह उसका इकबाल सिद्दीकी के नाम से पासपोर्ट बनवा सके। इकबाल काना भारत आना चाहता था पुलिस जासूसी के आरोपी नोमान से पूछताछ और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद संभावना जता रही है कि इकबाल काना भारत आना चाहता था। वह अपने घर कैराना आने के साथ यहां बनाए ISI एजेंट्स से मिलना चाहता था। पुलिस ने यह भी शक जताया कि वह भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच रहा था। जिसको अंजाम दिलाने के लिए वह पाकिस्तानी एजेंटों से सीधे मिलना चाहता था। हालांकि यह तैयारी भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक से पहले की थी। नोमान इलाही मामले में अब तक क्या खुलासे हुए, 6 पॉइंट्स.. 1. 2010 में खत्म हो चुका पासपोर्ट, फिर भी गया पाकिस्तान पुलिस सूत्रों के मुताबिक इलाही पर एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित आईएसआई जासूस होने का संदेह है। क्योंकि वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहा है और उचित जानकारी नहीं दे रहा है। सीआईए इकाई ने यूपी के कैराना में बेगमपुरा बाजार स्थित उसके घर से उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इस पासपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद टीम ने पाया कि उसकी वैधता 2010 में समाप्त हो चुकी थी। मगर, पुलिस पूछताछ में उसने बताया था कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। अब ऐसे में सवाल उठता है तो जब उसके पासपोर्ट की वैधता 2010 में खत्म हो गई थी तो वह 2017 में किस दस्तावेज पर पाकिस्तान गया। पुलिस ​​2017 में उसकी पाकिस्तान यात्रा के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। 2. 5 साल की उम्र में बन गया था पासपोर्ट नोमान इलाही का पिता पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। 5 साल पहले जब पिता की मौत हुई तो नोमान ने धंधे को अपना लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नोमान इलाही का पांच साल की उम्र में ही पासपोर्ट बन गया था। पानीपत पुलिस की सीआईए-वन ने आरोपी नोमान इलाही का बचपन में बनवाया पासपोर्ट बरामद कर लिया है, जबकि उसका अभी तक कोई नवीकृत पासपोर्ट बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस उससे नए पासपोर्ट के बारे में भी पूछताछ कर रही है। 3. चार बार पाकिस्तान जा चुका नोमान यदि नोमान की 2017 की पाकिस्तान यात्रा करने की बात को सही माने तो वह कुल चार बार पाकिस्तान जा चुका है। 2010 तक ही तीन बार पाकिस्तान जा चुका था, जिसकी पुलिस जांच में पुष्टि हो चुकी है। पाकिस्तान में नोमान की बुआ और मौसी रहती हैं, लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इन यात्राओं की आड़ में नोमान आईएसआई हेंडलर्स इकबाल काना से मिलता रहा हो और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हो। वहीं, नोमान की बहन जीनत का कहना है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से डेढ़ माह पहले एक आमंत्रण को लेकर बात हुई थी। 4. नोमान के पास थे इकबाल काना के 4 मोबाइल नंबर पानीपत में इलाही पर दर्ज FIR से खुलासा हुआ था कि नोमान के पास 3 मोबाइल नंबर थे। इनमें एक नंबर से वह परिजनों और दोस्तों से बात करता। बाकी 2 नंबर उसने सिर्फ पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से बातचीत करने के लिए रखे थे। वह पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर इकबाल काना के टच में था। काना से उसकी 4 मोबाइल नंबरों पर बात होती थी। 5. मोबाइल में मिले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वॉयस नोट पुलिस सूत्रों के मुताबिक नोमान के मोबाइल में आतंकी काना का वॉयस नोट भी मिला, जिसमें पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद आतंकी उससे पठानकोट और गुरदासपुर से आने वाली फौज और फौज के सामान के बारे में जानकारी मांग रहा था। इसके अलावा नोमान को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे कि वह ऑपरेशन सिंदूर के तहत श्रीनगर जाए। उसके मोबाइल की वॉट्सऐप चैट में यह प्लान भी सामने आया है। मोबाइल चैट में कहा गया कि उसे श्रीनगर जाकर सेना की तैनाती, मूवमेंट और गतिविधियों की जानकारी साझा करनी है। एसपी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि यह सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स है, जिन्हें केवल कोर्ट में ही तथ्य के रूप में पेश किया जाएगा। 6. भारतीय खातों से की जाती थी पेमेंट नोमान इलाही ने ट्रेनों में जासूसी के वीडियो सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल काना को भेजे हैं, लेकिन उसे पाकिस्तान से कोई पेमेंट नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जासूस नोमान को हमेशा भारतीय खातों से पेमेंट किया जाता रहा है। कई लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। एसपी ने भी कहा कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर से सीधे अपने खातों में इतने पैसे नहीं मिले। वह किसी अन्य व्यक्ति के खाते में पैसे लाता था और उनसे नकद लेता था। अब उन लोगों का पता लगाया जा रहा है, जिनके खातों में यह पैसे मंगवाता था।   हरियाणा | दैनिक 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