पादरी से मिलने पाकिस्तान पहुंची नागपुर की महिला:ऑनलाइन प्यार, अटारी से न जा पाई तो कारगिल से बॉर्डर क्रॉस किया; पाक रेंजर्स ने लौटाया

पादरी से मिलने पाकिस्तान पहुंची नागपुर की महिला:ऑनलाइन प्यार, अटारी से न जा पाई तो कारगिल से बॉर्डर क्रॉस किया; पाक रेंजर्स ने लौटाया

नागपुर की रहने वाली 43 वर्षीय सुनीता जांगड़े को पाकिस्तानी रेंजर्स ने अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर BSF को सौंपा दिया है। नागपुर की महिला ने पाकिस्तानी पादरी के प्यार में पड़कर 14 मई, 2025 को कारगिल के हुंडरमान गांव से नियंत्रण रेखा पार की थी। यहां से वह गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में पहुंची। जानकारी के अनुसार सुनीता अपने 14 वर्षीय बेटे के साथ लद्दाख में छुट्टियां मनाने गई थी, लेकिन वहां से अचानक लापता हो गई, जबकि बेटा होटल में छोड़ गई। जांच में सामने आया कि सुनीता की बातचीत दो पाकिस्तानी नागरिकों से हो रही थी। इनमें एक पादरी और दूसरा जुल्फिकार नामक युवक था। उसके फोन रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया गतिविधियों और एप से पता चला है कि इससे पहले भी वह दो बार अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन तब सुरक्षा एजेंसियों ने उसे रोक दिया था। स्थानीय मदद की भी आशंका
सूत्रों के मुताबिक, महिला ने कारगिल के जिस सीमावर्ती गांव से पाकिस्तान में प्रवेश किया। यह गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। जांच एजेंसियों को शक है कि कुछ स्थानीय लोगों ने भी महिला को सीमा पार करने में मदद पहुंचाई है। इसके बारे में पुलिस उससे पूछताछ कर रह है। जांच में जुटी भारतीय एजेंसियां
गिलगित-बाल्टिस्तान में घुसपैठ के बाद पाकिस्तानी एजेंसियों ने महिला को हिरासत में ले लिया था और उससे पूछताछ की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों देशों के बीच संपर्क हुआ। पाकिस्तानी अधिकारियों ने महिला को “ गलती से भटकी भारतीय नागरिक” के रूप में पेश किया और मानवीय आधार पर वापस लौटाया। उसे शुक्रवार को अटारी सीमा पर बीएसएफ के हवाले किया गया था। फिलहाल सुनीता अब अमृतसर रूरल के थाना घरिंडा की कस्टडी में है। परिवार बोला-मानसिक तनाव में थी सुनीता
सुनीता के परिवार ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थी और इलाज चल रहा था। उनका बेटा, जो उस दिन होटल में अकेला रह गया था, उसे अब बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा गया है। उसे नागपुर में एक आश्रय गृह में भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है। नागपुर की रहने वाली 43 वर्षीय सुनीता जांगड़े को पाकिस्तानी रेंजर्स ने अमृतसर के अटारी बॉर्डर पर BSF को सौंपा दिया है। नागपुर की महिला ने पाकिस्तानी पादरी के प्यार में पड़कर 14 मई, 2025 को कारगिल के हुंडरमान गांव से नियंत्रण रेखा पार की थी। यहां से वह गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में पहुंची। जानकारी के अनुसार सुनीता अपने 14 वर्षीय बेटे के साथ लद्दाख में छुट्टियां मनाने गई थी, लेकिन वहां से अचानक लापता हो गई, जबकि बेटा होटल में छोड़ गई। जांच में सामने आया कि सुनीता की बातचीत दो पाकिस्तानी नागरिकों से हो रही थी। इनमें एक पादरी और दूसरा जुल्फिकार नामक युवक था। उसके फोन रिकॉर्ड्स, सोशल मीडिया गतिविधियों और एप से पता चला है कि इससे पहले भी वह दो बार अटारी-वाघा बॉर्डर से पाकिस्तान जाने की कोशिश कर चुकी है, लेकिन तब सुरक्षा एजेंसियों ने उसे रोक दिया था। स्थानीय मदद की भी आशंका
सूत्रों के मुताबिक, महिला ने कारगिल के जिस सीमावर्ती गांव से पाकिस्तान में प्रवेश किया। यह गांव अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। जांच एजेंसियों को शक है कि कुछ स्थानीय लोगों ने भी महिला को सीमा पार करने में मदद पहुंचाई है। इसके बारे में पुलिस उससे पूछताछ कर रह है। जांच में जुटी भारतीय एजेंसियां
गिलगित-बाल्टिस्तान में घुसपैठ के बाद पाकिस्तानी एजेंसियों ने महिला को हिरासत में ले लिया था और उससे पूछताछ की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों देशों के बीच संपर्क हुआ। पाकिस्तानी अधिकारियों ने महिला को “ गलती से भटकी भारतीय नागरिक” के रूप में पेश किया और मानवीय आधार पर वापस लौटाया। उसे शुक्रवार को अटारी सीमा पर बीएसएफ के हवाले किया गया था। फिलहाल सुनीता अब अमृतसर रूरल के थाना घरिंडा की कस्टडी में है। परिवार बोला-मानसिक तनाव में थी सुनीता
सुनीता के परिवार ने बताया कि वह पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में थी और इलाज चल रहा था। उनका बेटा, जो उस दिन होटल में अकेला रह गया था, उसे अब बाल कल्याण समिति की निगरानी में रखा गया है। उसे नागपुर में एक आश्रय गृह में भेजे जाने की प्रक्रिया चल रही है।   पंजाब | दैनिक भास्कर