ACS ओंकार की फैक्ट-फाइंडिंग जांच में खुलासा:विमल नेगी को ब्रेनलेस पर्सन बोला जाता, गालियां भी गई, छुट्टी मांगने पर एक्सप्लेनेशन काल की धमकी

ACS ओंकार की फैक्ट-फाइंडिंग जांच में खुलासा:विमल नेगी को ब्रेनलेस पर्सन बोला जाता, गालियां भी गई, छुट्टी मांगने पर एक्सप्लेनेशन काल की धमकी

फैक्ट फाइंडिंग जांच में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की पत्नी किरण द्वारा लगाए ज्यादातर आरोप सही पाए गए। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा द्वारा जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत में दी रिपोर्ट में कहा गया कि HPPCL दफ्तर में विमल नेगी के साथ साथ दूसरे कर्मचारी भी मानसिक दबाव व तनाव में है। ACS की रिपोर्ट के मुताबिक, HPPCL के सीनियर मैनेजर (इलैक्ट्रिक) बताया कि डायरेक्टर देसराज शर्मा ने विमल नेगी को कई ब्रेनलेस (बुद्धिहीन) पर्सन तक बोला। देसराज रोजाना 10 से 15 बार अपने दफ्तर में विमल नेगी को बुलाता। रिपोर्ट में कहा गया कि HPPCL के कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि MD हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देसराज का व्यवहार सही नहीं था। दफ्तर में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते थे। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और परिजनों ने HPPCL के पूर्व MD (IAS) हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर (IAS) शिवम प्रताप पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। 10 पॉइंट में समझे फैक्ट फाइंडिंग जांच.. मृतक की पत्नी व परिजनों ने जिन अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए, उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग जांच में क्या बोला? मीणा बोला- मुझे मालूम नहीं था कि देसराज गलत व्यवहार करता हैं MD हरिकेश मीणा ने ACS को बताया कि उन्हें पता नहीं था कि देसराज चीफ इंजीनियर विमल नेगी के साथ ऐसा व्यवहार करता था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि देसराज कर्मचारियों को चार्जशीट करने की धमकी देता था। उन्हें यह भी मालूम नहीं था कि विमल नेगी पर काम का बोझ था और मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेखुवाला प्रोजेक्ट की एक्सटेंशन को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। मीणा ने इस बात को भी नकारा की ऑफिसर लेट नाइट तक दफ्तर में बैठते थे। शिवम प्रताप बोला- विमल नेगी पर काम के बोझ की जानकारी नहीं ACS की रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि विमल नेगी किसी तनाव या चिंता से संबंधित दवाओं के प्रभाव में थे। उन्हें यह भी मालूम नहीं कि विमल नेगी लेट नाइट तक दफ्तर बैठते थे। उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं कि विमल नेगी पर काम का दबाव था। कभी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया डायरेक्टर देसराज ने बताया कि उन्होंने कभी भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। विमल नेगी से उनके अच्छे संबंध रहे हैं। देसराज ने कहा कि उन्होंने कभी भी गधा और ब्रेनलेस जैसे शब्द विमल नेगी को नहीं बोले। 18 मार्च को मिला था विमल नेगी का शव बता दें कि विमल नेगी की मौत मामले की जांच हिमाचल हाईकोर्ट ने अब CBI को सौंप दी है। CBI ने भी दिल्ली में मामला दर्ज कर दिया है। विमल नेगी बीते 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे। 18 मार्च को बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में उनका शव मिला। 19 को पोस्टमार्टम किया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के बाहर शव के साथ धरना दिया जो रात 10 बजे तक चलता रहा। परिजनों की शिकायत पर डायरेक्टर देसराज, एमडी व दूसरे डायरेक्टर के खिलाफ न्यू शिमला थाना में मामला दर्ज किया गया। इसी दिन ACS ओंकार शर्मा को भी इस केस की प्रशासनिक जांच के आदेश हुए। 20 मार्च को SP शिमला ने SIT गठित की गई। इस एसआईटी की जांच पर हिमाचल के डीजीपी ने ही सवाल खड़े कर दिए। फैक्ट फाइंडिंग जांच में हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की पत्नी किरण द्वारा लगाए ज्यादातर आरोप सही पाए गए। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा द्वारा जस्टिस अजय मोहन गोयल की अदालत में दी रिपोर्ट में कहा गया कि HPPCL दफ्तर में विमल नेगी के साथ साथ दूसरे कर्मचारी भी मानसिक दबाव व तनाव में है। ACS की रिपोर्ट के मुताबिक, HPPCL के सीनियर मैनेजर (इलैक्ट्रिक) बताया कि डायरेक्टर देसराज शर्मा ने विमल नेगी को कई ब्रेनलेस (बुद्धिहीन) पर्सन तक बोला। देसराज रोजाना 10 से 15 बार अपने दफ्तर में विमल नेगी को बुलाता। रिपोर्ट में कहा गया कि HPPCL के कई अधिकारियों व कर्मचारियों ने बताया कि MD हरिकेश मीणा और डायरेक्टर देसराज का व्यवहार सही नहीं था। दफ्तर में असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते थे। विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी और परिजनों ने HPPCL के पूर्व MD (IAS) हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर (IAS) शिवम प्रताप पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। 10 पॉइंट में समझे फैक्ट फाइंडिंग जांच.. मृतक की पत्नी व परिजनों ने जिन अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए, उन्होंने फैक्ट फाइंडिंग जांच में क्या बोला? मीणा बोला- मुझे मालूम नहीं था कि देसराज गलत व्यवहार करता हैं MD हरिकेश मीणा ने ACS को बताया कि उन्हें पता नहीं था कि देसराज चीफ इंजीनियर विमल नेगी के साथ ऐसा व्यवहार करता था। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि देसराज कर्मचारियों को चार्जशीट करने की धमकी देता था। उन्हें यह भी मालूम नहीं था कि विमल नेगी पर काम का बोझ था और मानसिक तौर पर प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेखुवाला प्रोजेक्ट की एक्सटेंशन को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं था। मीणा ने इस बात को भी नकारा की ऑफिसर लेट नाइट तक दफ्तर में बैठते थे। शिवम प्रताप बोला- विमल नेगी पर काम के बोझ की जानकारी नहीं ACS की रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह ने बताया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि विमल नेगी किसी तनाव या चिंता से संबंधित दवाओं के प्रभाव में थे। उन्हें यह भी मालूम नहीं कि विमल नेगी लेट नाइट तक दफ्तर बैठते थे। उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं कि विमल नेगी पर काम का दबाव था। कभी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया डायरेक्टर देसराज ने बताया कि उन्होंने कभी भी असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। विमल नेगी से उनके अच्छे संबंध रहे हैं। देसराज ने कहा कि उन्होंने कभी भी गधा और ब्रेनलेस जैसे शब्द विमल नेगी को नहीं बोले। 18 मार्च को मिला था विमल नेगी का शव बता दें कि विमल नेगी की मौत मामले की जांच हिमाचल हाईकोर्ट ने अब CBI को सौंप दी है। CBI ने भी दिल्ली में मामला दर्ज कर दिया है। विमल नेगी बीते 10 मार्च को अचानक लापता हो गए थे। 18 मार्च को बिलासपुर की गोबिंदसागर झील में उनका शव मिला। 19 को पोस्टमार्टम किया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के बाहर शव के साथ धरना दिया जो रात 10 बजे तक चलता रहा। परिजनों की शिकायत पर डायरेक्टर देसराज, एमडी व दूसरे डायरेक्टर के खिलाफ न्यू शिमला थाना में मामला दर्ज किया गया। इसी दिन ACS ओंकार शर्मा को भी इस केस की प्रशासनिक जांच के आदेश हुए। 20 मार्च को SP शिमला ने SIT गठित की गई। इस एसआईटी की जांच पर हिमाचल के डीजीपी ने ही सवाल खड़े कर दिए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर