लाडकी बहिन योजना से जुड़ी बड़ी खबर, अब इन महिलाओं को स्कीम से किया जाएगा बाहर

लाडकी बहिन योजना से जुड़ी बड़ी खबर, अब इन महिलाओं को स्कीम से किया जाएगा बाहर

<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना जिसे एक ‘गेमचेंजर’ योजना माना गया था, पिछले कुछ दिनों से फिर से चर्चा में है. इस योजना के लिए विभिन्न विभागों के फंड्स को मोड़ा गया, इस पर लगातार शिकायतें आ रही थीं. अब इस योजना में करीब 2 लाख आवेदनों की जांच के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि लाभार्थी महिलाओं की संख्या काफी घट सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किन महिलाओं को किया जाएगा बाहर?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना में कई &lsquo;बोगस&rsquo; यानी फर्जी लाडकी बहनों की अब पोल खुलने वाली है. पूरे राज्य में इस योजना के लिए वास्तव में पात्र महिलाओं की संख्या कितनी है, यह अब इनकम टैक्स विभाग राज्य सरकार को बताएगा. इस जानकारी के लिए राज्य सरकार काफी समय से केंद्र सरकार से संपर्क कर रही थी. इस टैक्स डेटा के आधार पर अब जिन महिलाओं की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें इस योजना से बाहर किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री अदिती तटकरे ने क्या बताया था?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने बताया था कि इस योजना का लाभ 2200 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को भी मिला है, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थे. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना को लागू करने में लाभार्थियों की जांच एक सामान्य प्रक्रिया होती है, और यही प्रक्रिया अब इस योजना में अपनाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आयकर विभाग सरकार को देगा जानकारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब 2 लाख आवेदनों की जांच के बाद, यह पाया गया कि 2,282 सरकारी कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ लिया है. इसके बाद, जिन महिलाओं की आय 2.5 लाख से अधिक है, उन्हें योजना से बाहर किया जाएगा. अब पूरे राज्य में कितनी महिलाएं पात्र हैं और कितनी अपात्र, इसकी सारी जानकारी राज्य सरकार को आयकर विभाग देगा. इस डेटा से सरकार को बड़ी मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना में कुल 2 करोड़ 65 लाख महिलाओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से लगभग 2.5 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1500 रुपये जमा हो रहे हैं. लेकिन योजना की सभी शर्तों को देखने के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि पूरे राज्य में लगभग 1 करोड़ 20 लाख महिलाएं ही वास्तव में पात्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किन कारणों से महिलाओं को अपात्र ठहराया गया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&bull; 2.30 लाख महिलाएं &ndash; संजय गांधी निराधार योजना की लाभार्थी<br />&bull; 1.10 लाख महिलाएं &ndash; उम्र 65 वर्ष से अधिक होने के कारण<br />&bull; 1.60 लाख महिलाएं &ndash; चारपहिया वाहन होने के कारण<br />&bull; 7.70 लाख महिलाएं &ndash; नमो किसान योजना की लाभार्थी होने के कारण<br />&bull; 2,652 महिलाएं &ndash; सरकारी सेवा में कार्यरत होने के कारण</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाडकी बहिन योजना क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले, अगस्त 2024 में राज्य सरकार ने &lsquo;मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना&rsquo; शुरू की थी. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. जिन सरकारी कर्मचारियों की आय इस सीमा से अधिक है, उन्हें इस योजना के अंतर्गत भुगतान नहीं किया जाता.</p> <p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना जिसे एक ‘गेमचेंजर’ योजना माना गया था, पिछले कुछ दिनों से फिर से चर्चा में है. इस योजना के लिए विभिन्न विभागों के फंड्स को मोड़ा गया, इस पर लगातार शिकायतें आ रही थीं. अब इस योजना में करीब 2 लाख आवेदनों की जांच के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि लाभार्थी महिलाओं की संख्या काफी घट सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किन महिलाओं को किया जाएगा बाहर?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना में कई &lsquo;बोगस&rsquo; यानी फर्जी लाडकी बहनों की अब पोल खुलने वाली है. पूरे राज्य में इस योजना के लिए वास्तव में पात्र महिलाओं की संख्या कितनी है, यह अब इनकम टैक्स विभाग राज्य सरकार को बताएगा. इस जानकारी के लिए राज्य सरकार काफी समय से केंद्र सरकार से संपर्क कर रही थी. इस टैक्स डेटा के आधार पर अब जिन महिलाओं की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है, उन्हें इस योजना से बाहर किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंत्री अदिती तटकरे ने क्या बताया था?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र की महिला और बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने बताया था कि इस योजना का लाभ 2200 से अधिक सरकारी कर्मचारियों को भी मिला है, जबकि वे इसके लिए पात्र नहीं थे. उन्होंने कहा कि किसी भी योजना को लागू करने में लाभार्थियों की जांच एक सामान्य प्रक्रिया होती है, और यही प्रक्रिया अब इस योजना में अपनाई जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आयकर विभाग सरकार को देगा जानकारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>करीब 2 लाख आवेदनों की जांच के बाद, यह पाया गया कि 2,282 सरकारी कर्मचारियों ने इस योजना का लाभ लिया है. इसके बाद, जिन महिलाओं की आय 2.5 लाख से अधिक है, उन्हें योजना से बाहर किया जाएगा. अब पूरे राज्य में कितनी महिलाएं पात्र हैं और कितनी अपात्र, इसकी सारी जानकारी राज्य सरकार को आयकर विभाग देगा. इस डेटा से सरकार को बड़ी मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस योजना में कुल 2 करोड़ 65 लाख महिलाओं ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से लगभग 2.5 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1500 रुपये जमा हो रहे हैं. लेकिन योजना की सभी शर्तों को देखने के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि पूरे राज्य में लगभग 1 करोड़ 20 लाख महिलाएं ही वास्तव में पात्र हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>किन कारणों से महिलाओं को अपात्र ठहराया गया?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>&bull; 2.30 लाख महिलाएं &ndash; संजय गांधी निराधार योजना की लाभार्थी<br />&bull; 1.10 लाख महिलाएं &ndash; उम्र 65 वर्ष से अधिक होने के कारण<br />&bull; 1.60 लाख महिलाएं &ndash; चारपहिया वाहन होने के कारण<br />&bull; 7.70 लाख महिलाएं &ndash; नमो किसान योजना की लाभार्थी होने के कारण<br />&bull; 2,652 महिलाएं &ndash; सरकारी सेवा में कार्यरत होने के कारण</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लाडकी बहिन योजना क्या है?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले, अगस्त 2024 में राज्य सरकार ने &lsquo;मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना&rsquo; शुरू की थी. इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की आयु की उन महिलाओं को जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है, हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है. जिन सरकारी कर्मचारियों की आय इस सीमा से अधिक है, उन्हें इस योजना के अंतर्गत भुगतान नहीं किया जाता.</p>  महाराष्ट्र खीर भवानी का मेला शुरू, भय पर भारी पड़ रही आस्था, देशभर से जुट रहे कश्मीरी पंडित