हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में 10 रुपए में बनेगी पर्ची:स्वास्थ्य सचिव ने जारी किए आदेश, एक्स-रे और टेस्ट के भी पैसे देने होंगे

हिमाचल के सरकारी अस्पतालों में 10 रुपए में बनेगी पर्ची:स्वास्थ्य सचिव ने जारी किए आदेश, एक्स-रे और टेस्ट के भी पैसे देने होंगे

हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए 10 रुपए की पर्ची अनिवार्य कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने इसे लेकर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, स्वास्थ्य निदेशक और डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को निर्देश जारी कर दिए हैa। यह शुल्क रोगी कल्याण समिति द्वारा वसूला जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने अपने आदेशों में कहा कि कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। अब तक सभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची मुफ्त में बनाई जाती थी। मगर, वर्तमान सरकार ने सालों पुरानी इस व्यवस्था को बदल दिया है। इसी तरह मरीजों को अब एक्स-रे और टेस्ट के भी भी पैसे देने होंगे। शुल्क के पीछे मंत्री का तर्क इसके पीछे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बीते माह तर्क दिया था कि मुफ्त पर्ची को लोग संभालकर नहीं रखते, इससे डॉक्टरों को भी परेशानी होती है। पर्ची बनाने के 10 रुपए लगेंगे तो लोग इसे संभालकर रखेंगे। उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में भी यह शुल्क लिया जाता है। 12 से 15 हजार मरीज रोज सरकारी अस्पतालों में कराते हैं उपचार प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना तीन हजार से चार हजार के बीच मरीज उपचार को पहुंचते हैं। इसी तरह राज्य के मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में रोजाना 700 से दो हजार लोगों की ओपीडी है। इस तरह प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में रोजाना 12 से 15 हजार मरीज उपचार को पहुंचते हैं। सभी को अब 10 रुपए देने होंगे। हिमाचल प्रदेश के सभी अस्पतालों में मरीजों के लिए 10 रुपए की पर्ची अनिवार्य कर दी गई है। स्वास्थ्य सचिव ने इसे लेकर डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन, स्वास्थ्य निदेशक और डायरेक्टर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) को निर्देश जारी कर दिए हैa। यह शुल्क रोगी कल्याण समिति द्वारा वसूला जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने अपने आदेशों में कहा कि कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश पर यह निर्णय लिया गया है। अब तक सभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची मुफ्त में बनाई जाती थी। मगर, वर्तमान सरकार ने सालों पुरानी इस व्यवस्था को बदल दिया है। इसी तरह मरीजों को अब एक्स-रे और टेस्ट के भी भी पैसे देने होंगे। शुल्क के पीछे मंत्री का तर्क इसके पीछे स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने बीते माह तर्क दिया था कि मुफ्त पर्ची को लोग संभालकर नहीं रखते, इससे डॉक्टरों को भी परेशानी होती है। पर्ची बनाने के 10 रुपए लगेंगे तो लोग इसे संभालकर रखेंगे। उन्होंने कहा कि पीजीआई चंडीगढ़ में भी यह शुल्क लिया जाता है। 12 से 15 हजार मरीज रोज सरकारी अस्पतालों में कराते हैं उपचार प्रदेश में अकेले आईजीएमसी शिमला में रोजाना तीन हजार से चार हजार के बीच मरीज उपचार को पहुंचते हैं। इसी तरह राज्य के मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में रोजाना 700 से दो हजार लोगों की ओपीडी है। इस तरह प्रदेश के सभी चिकित्सा संस्थानों में रोजाना 12 से 15 हजार मरीज उपचार को पहुंचते हैं। सभी को अब 10 रुपए देने होंगे।   हिमाचल | दैनिक भास्कर