उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाने पर राज ठाकरे के बेटे अमित का बड़ा बयान, कहा- ‘दोनों भाइयों को…’

उद्धव ठाकरे से हाथ मिलाने पर राज ठाकरे के बेटे अमित का बड़ा बयान, कहा- ‘दोनों भाइयों को…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे ने गुरुवार (5 जून) को कहा कि गठबंधन मीडिया में बात करने से नहीं होता और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को गठबंधन की किसी भी संभावना को लेकर एक-दूसरे से बात करनी चाहिए. राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इस बात का संकेत देने वाले बयान देकर संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है कि वे &lsquo;&lsquo;छोटे-मोटे मुद्दों&rsquo;&rsquo; को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटुतापूर्ण मतभेदों के बाद हाथ मिला सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’छोटी-मोटी लड़ाइयां किनारे रखने के लिए हैं तैयार'</strong><br />मनसे प्रमुख ने कहा है कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है और उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, &lsquo;&lsquo;दोनों भाइयों को बात करनी चाहिए. (दोनों के अलावा) इस मुद्दे पर हमारे बात करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मुझे दोनों भाइयों के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मैंने 2014, 2017 (तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करने के मनसे के असफल प्रयास का संदर्भ) में यह देखा है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;<a title=”कोरोना वायरस” href=”https://www.abplive.com/coronavirus-covid-19″ data-type=”interlinkingkeywords”>कोरोना वायरस</a> महामारी के दौरान भी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब राज ठाकरे ने उनका समर्थन किया था. अगर वह (उद्धव) चाहें तो फोन कर सकते हैं. मीडिया में बात करने से गठबंधन नहीं होता. उनके पास एक-दूसरे के मोबाइल नंबर हैं, वे एक-दूसरे से बात कर सकते हैं.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अपने पहले चुनाव में हार का सामना करने वाले अमित ठाकरे की टिप्पणी शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे के इस बयान के बाद आई है कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है, तो &lsquo;&lsquo;हम भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमित ठाकरे ने संजय राउत पर साधा निशाना&nbsp;</strong><br />उद्धव ठाकरे के बेटे एवं राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी की मंशा बिल्कुल साफ है. शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत पर निशाना साधते हुए अमित ठाकरे ने कहा, &lsquo;&lsquo;सुबह-सुबह बोलने वाले….आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं?&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राउत ने गुरुवार (5 जून) को पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के नेता शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच गठबंधन को लेकर बहुत सकारात्मक हैं.&nbsp;राउत ने कहा, &lsquo;&lsquo;हमारे विचार स्पष्ट हैं. महाराष्ट्र के हित में हम कोई भी त्याग कर सकते हैं.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनसे के नेता प्रकाश महाजन ने बुधवार (4 जून) को कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाजन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (उबाठा) में &lsquo;&lsquo;उचित&rsquo;&rsquo; कद के किसी नेता को संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पास जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए'</strong><br />उन्होंने कहा कि अगर किसी कनिष्ठ नेता को बातचीत के लिए भेजा जाता है तो राज ठाकरे भी किसी कनिष्ठ पदाधिकारी को भेजेंगे. महाजन ने कहा, &lsquo;&lsquo;अगर गठबंधन करना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए. अगर आदित्य ठाकरे (बातचीत के लिए) आगे आते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे. मराठी लोगों में एक साथ आने की भावना है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाजन ने कहा कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों (उद्धव एवं राज ठाकरे) के साथ आने के इस प्रयोग में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;हमने (मनसे) 2014 और 2017 में यह प्रयोग किया था. अगर वे गंभीर हैं, तो इस संबंध में नेतृत्व करने में कोई समस्या नहीं है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे अबू आजमी, इस नेता के खिलाफ उठाया कदम” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/abu-azmi-reached-mumbai-police-commissioner-office-against-bjp-leader-kirit-somaiya-2957174″ target=”_self”>मुंबई पुलिस कमिश्नर के दफ्तर पहुंचे अबू आजमी, इस नेता के खिलाफ उठाया कदम</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेता अमित ठाकरे ने गुरुवार (5 जून) को कहा कि गठबंधन मीडिया में बात करने से नहीं होता और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को गठबंधन की किसी भी संभावना को लेकर एक-दूसरे से बात करनी चाहिए. राज ठाकरे, उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इस बात का संकेत देने वाले बयान देकर संभावित सुलह की अटकलों को हवा दे दी है कि वे &lsquo;&lsquo;छोटे-मोटे मुद्दों&rsquo;&rsquo; को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के कटुतापूर्ण मतभेदों के बाद हाथ मिला सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’छोटी-मोटी लड़ाइयां किनारे रखने के लिए हैं तैयार'</strong><br />मनसे प्रमुख ने कहा है कि मराठी मानुष के हित में एकजुट होना कठिन नहीं है और उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी लड़ाइयां किनारे रखने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को तरजीह न दी जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, &lsquo;&lsquo;दोनों भाइयों को बात करनी चाहिए. (दोनों के अलावा) इस मुद्दे पर हमारे बात करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मुझे दोनों भाइयों के साथ आने से कोई दिक्कत नहीं है लेकिन मैंने 2014, 2017 (तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन करने के मनसे के असफल प्रयास का संदर्भ) में यह देखा है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;<a title=”कोरोना वायरस” href=”https://www.abplive.com/coronavirus-covid-19″ data-type=”interlinkingkeywords”>कोरोना वायरस</a> महामारी के दौरान भी जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब राज ठाकरे ने उनका समर्थन किया था. अगर वह (उद्धव) चाहें तो फोन कर सकते हैं. मीडिया में बात करने से गठबंधन नहीं होता. उनके पास एक-दूसरे के मोबाइल नंबर हैं, वे एक-दूसरे से बात कर सकते हैं.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पिछले साल राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान अपने पहले चुनाव में हार का सामना करने वाले अमित ठाकरे की टिप्पणी शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे के इस बयान के बाद आई है कि अगर कोई महाराष्ट्र के हितों की रक्षा के लिए साथ आना चाहता है, तो &lsquo;&lsquo;हम भी उन्हें साथ लेकर चलेंगे.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अमित ठाकरे ने संजय राउत पर साधा निशाना&nbsp;</strong><br />उद्धव ठाकरे के बेटे एवं राज्य के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस मामले में उनकी पार्टी की मंशा बिल्कुल साफ है. शिवसेना (उबाठा) सांसद संजय राउत पर निशाना साधते हुए अमित ठाकरे ने कहा, &lsquo;&lsquo;सुबह-सुबह बोलने वाले….आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं?&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>राउत ने गुरुवार (5 जून) को पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी के नेता शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच गठबंधन को लेकर बहुत सकारात्मक हैं.&nbsp;राउत ने कहा, &lsquo;&lsquo;हमारे विचार स्पष्ट हैं. महाराष्ट्र के हित में हम कोई भी त्याग कर सकते हैं.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>मनसे के नेता प्रकाश महाजन ने बुधवार (4 जून) को कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर वाकई गंभीर है तो उसके नेता आदित्य ठाकरे को आगे आकर राज ठाकरे से मिलना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाजन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली शिवसेना (उबाठा) में &lsquo;&lsquo;उचित&rsquo;&rsquo; कद के किसी नेता को संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के पास जाना चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए'</strong><br />उन्होंने कहा कि अगर किसी कनिष्ठ नेता को बातचीत के लिए भेजा जाता है तो राज ठाकरे भी किसी कनिष्ठ पदाधिकारी को भेजेंगे. महाजन ने कहा, &lsquo;&lsquo;अगर गठबंधन करना है तो आदित्य ठाकरे को आगे आना चाहिए और राज साहेब के विचारों को समझना चाहिए. अगर आदित्य ठाकरे (बातचीत के लिए) आगे आते हैं तो दोनों पक्ष गंभीरता को समझेंगे. मराठी लोगों में एक साथ आने की भावना है.&rsquo;&rsquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>महाजन ने कहा कि राजनीतिक रूप से अलग हुए ठाकरे भाइयों (उद्धव एवं राज ठाकरे) के साथ आने के इस प्रयोग में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा, &lsquo;&lsquo;हमने (मनसे) 2014 और 2017 में यह प्रयोग किया था. अगर वे गंभीर हैं, तो इस संबंध में नेतृत्व करने में कोई समस्या नहीं है.&rsquo;&rsquo;</p>
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