<div id=”:10x” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” style=”text-align: justify;” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:13b” aria-controls=”:13b” aria-expanded=”false”>
<p><strong>Gujjar Aarakshan Andolan:</strong> राजस्थान में एक बार फिर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन की सुगबुगाहट हुई शुरू हो गई है. रविवार को आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर की बयाना तहसील के पीलूपुरा में गुर्जर समाज ने महापंचायत का ऐलान किया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने पंचायत स्थल पर पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया. पंचायत स्थल से मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर है.<br /><br />महापंचायत की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. महापंचायत में समाज के हजारों लोग भाग लेंगे. विभिन्न राज्य सरकारों ने विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) और बाद में सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए गुर्जरों (और चार अन्य समुदायों) को कानून बनाए हैं, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने हमेशा कानूनों को खारिज कर दिया है.<br /><br />फरवरी 2019 में कांग्रेस सरकार ने एमबीसी श्रेणी के तहत पांच समुदायों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया और इसे कानूनी संरक्षण देने के लिए संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र भी लिखा.<br /><br />आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने बताया की कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के देहांत के बाद पहली महापंचायत है. काफी संख्या में समाज के लोग आएंगे. उन्होंने कहा- ’17 साल में समाज को दो ही चीजें मिली हैं. 5 प्रतिशत आरक्षण जो 2019 में मिला और देवनारायण योजना. देवनारायण योजनागड्डे में पड़ी है. न तो छात्रवृत्ति मिल रही है और न ही बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिल रहे हैं. न स्कूटी मिल रही है, न गुरुकुल योजना में बच्चे पढ़ पा रहे हैं. ‘<br /><br /><strong>गुर्जर समाज की सरकार से 7 मांगें</strong><br /><br />राजस्थान के भरतपुर समेत प्रदेश गुर्जरों की सरकार सात मांगों पर अमल की अपील की है. इनमें पहला एमबीसी कोटा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए. दूसरा पिछले आंदोलन में हुए समझौतों का उचित क्रियान्वयन किया जाए. तीसरा गुर्जर समाज को सरकारी नौकरियों में 5% का लाभ दिया जाए. चौथा देवनारायण योजना को प्रभावी तरीके से लागू करे प्रदेश सरकार. पांचवां आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस मामले वापस लिए जाएं. छछा पिछले आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए. सातवां एमबीसी के लिए रीट भर्ती के तहत 372 पदों को पूरा किया जाए.<br /><br /><strong>अलर्ट मोड में भरतपुर पुलिस</strong></p>
<p>जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया है की 8 जून को गुर्जर समाज द्वारा महापंचायत का ऐलान किया है. जो बयाना के पीलूपुरा में आयोजित की जा रही है. पंचायत के मद्देनजर प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है. समाज के लोगों से लगातार वार्ता जारी है. आईजी और संभागीय आयुक्त की तरफ से वार्ता के लिए न्योता भी दिया जा रहा है. पंचायत को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा. </p>
</div> <div id=”:10x” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” style=”text-align: justify;” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:13b” aria-controls=”:13b” aria-expanded=”false”>
<p><strong>Gujjar Aarakshan Andolan:</strong> राजस्थान में एक बार फिर से गुर्जर आरक्षण आंदोलन की सुगबुगाहट हुई शुरू हो गई है. रविवार को आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर की बयाना तहसील के पीलूपुरा में गुर्जर समाज ने महापंचायत का ऐलान किया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने पंचायत स्थल पर पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया. पंचायत स्थल से मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर है.<br /><br />महापंचायत की सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. महापंचायत में समाज के हजारों लोग भाग लेंगे. विभिन्न राज्य सरकारों ने विशेष पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) और बाद में सबसे पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के तहत 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए गुर्जरों (और चार अन्य समुदायों) को कानून बनाए हैं, लेकिन राजस्थान उच्च न्यायालय ने हमेशा कानूनों को खारिज कर दिया है.<br /><br />फरवरी 2019 में कांग्रेस सरकार ने एमबीसी श्रेणी के तहत पांच समुदायों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया और इसे कानूनी संरक्षण देने के लिए संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र को पत्र भी लिखा.<br /><br />आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने बताया की कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के देहांत के बाद पहली महापंचायत है. काफी संख्या में समाज के लोग आएंगे. उन्होंने कहा- ’17 साल में समाज को दो ही चीजें मिली हैं. 5 प्रतिशत आरक्षण जो 2019 में मिला और देवनारायण योजना. देवनारायण योजनागड्डे में पड़ी है. न तो छात्रवृत्ति मिल रही है और न ही बच्चों को स्कूल में एडमिशन मिल रहे हैं. न स्कूटी मिल रही है, न गुरुकुल योजना में बच्चे पढ़ पा रहे हैं. ‘<br /><br /><strong>गुर्जर समाज की सरकार से 7 मांगें</strong><br /><br />राजस्थान के भरतपुर समेत प्रदेश गुर्जरों की सरकार सात मांगों पर अमल की अपील की है. इनमें पहला एमबीसी कोटा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल किया जाए. दूसरा पिछले आंदोलन में हुए समझौतों का उचित क्रियान्वयन किया जाए. तीसरा गुर्जर समाज को सरकारी नौकरियों में 5% का लाभ दिया जाए. चौथा देवनारायण योजना को प्रभावी तरीके से लागू करे प्रदेश सरकार. पांचवां आंदोलनकारियों के खिलाफ पुलिस मामले वापस लिए जाएं. छछा पिछले आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए. सातवां एमबीसी के लिए रीट भर्ती के तहत 372 पदों को पूरा किया जाए.<br /><br /><strong>अलर्ट मोड में भरतपुर पुलिस</strong></p>
<p>जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया है की 8 जून को गुर्जर समाज द्वारा महापंचायत का ऐलान किया है. जो बयाना के पीलूपुरा में आयोजित की जा रही है. पंचायत के मद्देनजर प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है. समाज के लोगों से लगातार वार्ता जारी है. आईजी और संभागीय आयुक्त की तरफ से वार्ता के लिए न्योता भी दिया जा रहा है. पंचायत को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा. </p>
</div> राजस्थान इंदौर: सिविल अस्पताल से डराने वाली तस्वीर, नवजात को मुंह में दबाए भागता दिखा कुत्ता, CCTV में कैद घटना
Gurjar Mahapanchayat: भरतपुर में आज महापंचायत, गुर्जर आरक्षण आंदोलन का होगा ऐलान! विजय बैंसला के निशाने पर BJP सरकार
