हिसार जिले के कोथ कलां स्थित दादा काला पीर डेरे में रविवार को एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान पीर जताई नाथ को मठ का नया पीर बनाया गया। उन्हें भेख भगवान और ग्रामीणों ने चद्दर ओढ़ाकर रस्म पूरी की। कार्यक्रम में हरियाणा-पंजाब सहित सैकड़ों गांवों से श्रद्धालु पहुंचे। उझाना डेरे के पीर राजनाथ महाराज ने डेरे की बही में जताई नाथ को दादा काला पीर डेरे का पक्का पीर दर्ज किया। समारोह में धनौरी पीर हरिनाथ, पीर सांगल शेरनाथ, बोहर मठ से सोमवार नाथ, रबड़ा से चमन नाथ महाराज, शुवाई नाथ और रत्न नाथ सहित कई साधु उपस्थित रहे। शुक्राई नाथ विवाद के बाद नियुक्ति यह नियुक्ति पूर्व महंत शुक्राई नाथ के विवादों के बाद की गई है। 2 मार्च को ग्रामीणों ने एक बच्ची के हाथ पर आपत्तिजनक शब्द लिखने को लेकर शुक्राई नाथ के खिलाफ पंचायत की थी। ग्रामीणों ने उन पर डेरे में महिलाओं से जबरन नृत्य करवाने, रात में बाहरी महिलाओं को डेरे में रखने और डेरे के धन का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे। साथ ही उन पर गांव में राजनीति फैलाकर भाईचारा तोड़ने का भी आरोप था। कार्यक्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि 26 मई को बाबा मस्तनाथ मठ में चद्दर रस्म के साथ जताई नाथ को मठ का पीर घोषित किया गया था। यह लोग रहे उपस्थित कार्यक्रम में बाराह खाप प्रधान रतन मिलकपुर, सरपंच महा सिंह, सुरेश कोथ, उदयवीर मिर्चपुर, पूर्व सरपंच अमीर, पूर्व सरपंच सरजीत, पूर्व सरपंच उदय सिंह, हरकेश मिलकपुर, कृष्ण फौजी, पूर्व सरपंच अनिल संधू, रघबीर पहलवान, धर्मबीर पहलवान, रामनिवास, शमशेर नाड़ा, शीलू, रामस्वरूप, राजा, सतबीर नबरदार, जग्गू नंबरदार, सत्यवान पटवारी, अशोक मुनीम व दिलबाग इत्यादि मौजूद रहे। 28 मई की रात 3 बजे डेरा छोड़कर भागा था शुक्राई नाथ
बता दें कि, 28 मई को सुबह गांव के लोग दादा काला पीर डेरे में अखंड ज्योत पर माथा टेकने आए तो उन्हें पता चला कि शुक्राई नाथ अल सुबह करीब 3 बजे ही डेरा छोड़कर भाग गया है। ग्रामीणों ने गांव के सरपंच महा सिंह को सूचना दी और जब सरपंच व ग्रामीण वहां पर पहुंचे तो डेरे के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था। वहां पर मौजूद एक व्यक्ति ने उनको गेट की चाबी दी। उन्होंने जब गेट खोलकर डेरे के अंदर प्रवेश किया तो डेरे के अंदर से लगभग सारा सामान गायब मिला और अखंड ज्योत भी बंद मिली। बाबा के पक्ष में वीडियो बनाना पड़ा महंगा
वहीं, मामले में जींद जिले के उचाना के डीएसपी संजय सिंह के गनमैन रहे कोथ खुर्द निवासी एएसआई राजेश कुमार को सरकारी कर्मचारी होते हुए विवादित मामले में बाबा शुक्राई नाथ के पक्ष में वीडियो बनाना महंगा पड़ गया। 22 मई को वीडियो बनाकर गांवों व खाप के लोगों के बारे में गलत टिप्पणियां की थी। जिस पर पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर लाइन हाजिर कर दिया है। हिसार जिले के कोथ कलां स्थित दादा काला पीर डेरे में रविवार को एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान पीर जताई नाथ को मठ का नया पीर बनाया गया। उन्हें भेख भगवान और ग्रामीणों ने चद्दर ओढ़ाकर रस्म पूरी की। कार्यक्रम में हरियाणा-पंजाब सहित सैकड़ों गांवों से श्रद्धालु पहुंचे। उझाना डेरे के पीर राजनाथ महाराज ने डेरे की बही में जताई नाथ को दादा काला पीर डेरे का पक्का पीर दर्ज किया। समारोह में धनौरी पीर हरिनाथ, पीर सांगल शेरनाथ, बोहर मठ से सोमवार नाथ, रबड़ा से चमन नाथ महाराज, शुवाई नाथ और रत्न नाथ सहित कई साधु उपस्थित रहे। शुक्राई नाथ विवाद के बाद नियुक्ति यह नियुक्ति पूर्व महंत शुक्राई नाथ के विवादों के बाद की गई है। 2 मार्च को ग्रामीणों ने एक बच्ची के हाथ पर आपत्तिजनक शब्द लिखने को लेकर शुक्राई नाथ के खिलाफ पंचायत की थी। ग्रामीणों ने उन पर डेरे में महिलाओं से जबरन नृत्य करवाने, रात में बाहरी महिलाओं को डेरे में रखने और डेरे के धन का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए थे। साथ ही उन पर गांव में राजनीति फैलाकर भाईचारा तोड़ने का भी आरोप था। कार्यक्रम में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। उल्लेखनीय है कि 26 मई को बाबा मस्तनाथ मठ में चद्दर रस्म के साथ जताई नाथ को मठ का पीर घोषित किया गया था। यह लोग रहे उपस्थित कार्यक्रम में बाराह खाप प्रधान रतन मिलकपुर, सरपंच महा सिंह, सुरेश कोथ, उदयवीर मिर्चपुर, पूर्व सरपंच अमीर, पूर्व सरपंच सरजीत, पूर्व सरपंच उदय सिंह, हरकेश मिलकपुर, कृष्ण फौजी, पूर्व सरपंच अनिल संधू, रघबीर पहलवान, धर्मबीर पहलवान, रामनिवास, शमशेर नाड़ा, शीलू, रामस्वरूप, राजा, सतबीर नबरदार, जग्गू नंबरदार, सत्यवान पटवारी, अशोक मुनीम व दिलबाग इत्यादि मौजूद रहे। 28 मई की रात 3 बजे डेरा छोड़कर भागा था शुक्राई नाथ
बता दें कि, 28 मई को सुबह गांव के लोग दादा काला पीर डेरे में अखंड ज्योत पर माथा टेकने आए तो उन्हें पता चला कि शुक्राई नाथ अल सुबह करीब 3 बजे ही डेरा छोड़कर भाग गया है। ग्रामीणों ने गांव के सरपंच महा सिंह को सूचना दी और जब सरपंच व ग्रामीण वहां पर पहुंचे तो डेरे के मेन गेट पर ताला लगा हुआ था। वहां पर मौजूद एक व्यक्ति ने उनको गेट की चाबी दी। उन्होंने जब गेट खोलकर डेरे के अंदर प्रवेश किया तो डेरे के अंदर से लगभग सारा सामान गायब मिला और अखंड ज्योत भी बंद मिली। बाबा के पक्ष में वीडियो बनाना पड़ा महंगा
वहीं, मामले में जींद जिले के उचाना के डीएसपी संजय सिंह के गनमैन रहे कोथ खुर्द निवासी एएसआई राजेश कुमार को सरकारी कर्मचारी होते हुए विवादित मामले में बाबा शुक्राई नाथ के पक्ष में वीडियो बनाना महंगा पड़ गया। 22 मई को वीडियो बनाकर गांवों व खाप के लोगों के बारे में गलत टिप्पणियां की थी। जिस पर पुलिस विभाग द्वारा कार्रवाई करते हुए उसे सस्पेंड कर लाइन हाजिर कर दिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
