<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार (9 जून) को किन्नौर जिले के शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने परियोजना के विद्युत गृह स्थल कड़छम और बैराज स्थल पोवारी का भी निरीक्षण किया. परियोजना के बैराज स्थल में चल रही विभिन्न निर्माण गतिविधियों की भी जानकारी हासिल की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुक्खू ने शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना के इंजीनियरों व कामगारों के साथ परियोजना में चल रही निर्माण गतिविधियों को लेकर संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 450 मैगावॉट क्षमता की इस पन बिजली परियोजना को समयबद्ध तरीके से नवम्बर, 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियाशील हो जाने से प्रदेश को सालाना लगभग एक हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पानी प्रदेश का बहता हुआ सोना'</strong><br />उन्होंने कहा कि यह परियोजना पिछले 13 सालों से निर्माणाधीन है, लेकिन वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष के दौरान इसके निर्माण कार्य में तेजी लाई है और इस परियोजना को तय समय अवधि में पूरा कर प्रदेश को समर्पित किया जाएगा. सीएम सुक्खू आगे ने कहा कि पानी हिमाचल प्रदेश का बहता हुआ सोना है और हमारी सरकार इसका पूरा सदुयोग करेगें. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने प्रदेश की इस अमूल्य संपदा को लूटने दिया. वर्तमान सरकार प्रदेश की इस अमूल्य संपदा को प्रदेश हित में समुचित दोहन सुनिश्चित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रोजेक्ट में हुए व्यय का किया जा रहा मूल्यांकन</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धौलासिद्ध, लुहरी व सुन्नी पन बिजली परियोजनाओं को अपने अधीन लेने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर अब तक कुल कितनी राशि व्यय हो चुकी है जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी शर्तों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाएगी ताकि प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखा जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू ने कहा कि किन्नौर के टापरी में जियो थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित करने की दिशा में भी प्रदेश सरकार आगे बढ़ रही है. राज्य में सोलर व ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन कर प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में और उन्नत बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्दियों में अक्टूबर से मार्च माह तक प्रदेश सरकार 5 से 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरप्लस ऊर्जा राज्य है. इस दौरान सरकार को बिजली न खरीदनी पड़े इसके लिए प्रदेश में सौर उर्जा उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प'</strong><br />उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल के माध्यम से प्रदेश में लगभग 626 मैगावॉट क्षमता की सौर परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. राज्य सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य, 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध एवं सशक्त राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य आरंभ कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले मुख्यमंत्री का चोलिंग हेलीपैड में पहुंचने पर स्थानीय विधायक और राजस्व, बागवानी एवं जन जातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों एवं लोक संस्कृति के साथ गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार (9 जून) को किन्नौर जिले के शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने परियोजना के विद्युत गृह स्थल कड़छम और बैराज स्थल पोवारी का भी निरीक्षण किया. परियोजना के बैराज स्थल में चल रही विभिन्न निर्माण गतिविधियों की भी जानकारी हासिल की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री सुक्खू ने शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना के इंजीनियरों व कामगारों के साथ परियोजना में चल रही निर्माण गतिविधियों को लेकर संवाद भी किया. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 450 मैगावॉट क्षमता की इस पन बिजली परियोजना को समयबद्ध तरीके से नवम्बर, 2026 तक पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के क्रियाशील हो जाने से प्रदेश को सालाना लगभग एक हजार करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’पानी प्रदेश का बहता हुआ सोना'</strong><br />उन्होंने कहा कि यह परियोजना पिछले 13 सालों से निर्माणाधीन है, लेकिन वर्तमान सरकार ने अपने कार्यकाल के दो वर्ष के दौरान इसके निर्माण कार्य में तेजी लाई है और इस परियोजना को तय समय अवधि में पूरा कर प्रदेश को समर्पित किया जाएगा. सीएम सुक्खू आगे ने कहा कि पानी हिमाचल प्रदेश का बहता हुआ सोना है और हमारी सरकार इसका पूरा सदुयोग करेगें. उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों ने प्रदेश की इस अमूल्य संपदा को लूटने दिया. वर्तमान सरकार प्रदेश की इस अमूल्य संपदा को प्रदेश हित में समुचित दोहन सुनिश्चित बनाने की दिशा में ठोस कदम उठा रही है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रोजेक्ट में हुए व्यय का किया जा रहा मूल्यांकन</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार धौलासिद्ध, लुहरी व सुन्नी पन बिजली परियोजनाओं को अपने अधीन लेने के लिए कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर अब तक कुल कितनी राशि व्यय हो चुकी है जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी शर्तों पर पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण कार्यों को आगे बढ़ाएगी ताकि प्रदेश के हितों को सुरक्षित रखा जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम सुक्खू ने कहा कि किन्नौर के टापरी में जियो थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट स्थापित करने की दिशा में भी प्रदेश सरकार आगे बढ़ रही है. राज्य में सोलर व ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा उत्पादन कर प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में और उन्नत बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सर्दियों में अक्टूबर से मार्च माह तक प्रदेश सरकार 5 से 6 रुपये प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, यह स्थिति तब है जब प्रदेश सरप्लस ऊर्जा राज्य है. इस दौरान सरकार को बिजली न खरीदनी पड़े इसके लिए प्रदेश में सौर उर्जा उत्पादन को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने का संकल्प'</strong><br />उन्होंने कहा कि एचपीपीसीएल के माध्यम से प्रदेश में लगभग 626 मैगावॉट क्षमता की सौर परियोजनाएं निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं. राज्य सरकार ने प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य, 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध एवं सशक्त राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य आरंभ कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले मुख्यमंत्री का चोलिंग हेलीपैड में पहुंचने पर स्थानीय विधायक और राजस्व, बागवानी एवं जन जातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी की अगुवाई में स्थानीय लोगों ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों एवं लोक संस्कृति के साथ गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. </p> हिमाचल प्रदेश भरतपुर में गुर्जर महापंचायत के बाद रोकी थी ट्रेन, अब आंदोलनकारियों पर हुआ ये एक्शन
CM सुक्खू ने किया शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत प्रोजेक्ट का दौरा, कहा- ‘2032 तक हिमाचल को…’
