भास्कर न्यूज | जालंधर स्कूली विद्यार्थियों के लिए सत्र 2025-26 के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के लिए ऑनलाइन नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। छात्र इसके लिए 15 जून से 15 अगस्त तक अपने आइडिया ऑनलाइन सब्मिट कर सकेंगे। इनोवेटिव आइडिया को डेवलप करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग चयनित स्टूडेंट्स को 10-10 हजार रुपए इनाम के तौर पर देगा। स्टूडेंट्स को जागरूक करने के लिए राज्य विद्या खोज एवं सिखलाई परिषद की ओर से समूह जिला शिक्षा अफसरों, नोडल अफसरों को पत्र जारी किया गया है। स्टूडेंट्स को ईएमआईएएस पोर्टल पर आइडिया अपलोड करना होगा। इंस्पायर अवॉर्ड योजना में जिन स्टूडेंट्स का सिलेक्शन होगा, उन्हें अपने आइडिया को जिला स्तर पर मॉडल के जरिए प्रदर्शित करना होगा। विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में कोई भी नया आइडिया व इनोवेशन नॉमिनेशन पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। हर साल छात्रों द्वारा भेजे गए विचारों को विशेषज्ञों की टीम शॉर्टलिस्ट करती है। चयनित विचारों को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी के माध्यम से परखा जाता है। इनमें से सर्वश्रेष्ठ 60 विचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिए जाते हैं। इंस्पायर अवॉर्ड योजना 2010 में शुरू की गई थी। अभ्यर्थियों की आयु सीमा 10 से 15 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल पांच आइडिया भेज सकते हैं। जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इसके लिए स्कूल की तरफ से बेस्ट पांच आइडिया भेजे जाएं। वहीं इस स्कीम के आधीन जापान विज्ञान और टेक्नोलॉजी एजेंसी के सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम के आधीन मानक प्रोग्राम के नेशनल विजेता विद्यार्थियों को जापान का दौरा करने का मौका भी दिया जाएगा। आइडिया बॉक्स भी सेटअप भी किए जा सकते हैं, ताकि विद्यार्थी इसमें अपने आइडिया डाल सकें। नॉमिनेशन ओरिजनल होना चाहिए। इसलिए स्कूल मुखी विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आवेदन के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हर साल आयोजित किए जाने वाले इस अवॉर्ड में विद्यार्थियों के आइडिया जोन, राज्य और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर परखे जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने वाले विद्यार्थियों के आइडिया को साकार करने के लिए इनोवेशन टीम के साथ काम करने का भी अवसर देने के साथ-साथ उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करें। इसके लिए स्कूल सभा, नोटिस बोर्ड और गर्मी की छुट्टियों के असाइनमेंट के माध्यम से जानकारी दी जाए। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल स्तर पर प्रतियोगिता करवाई जाए। विचारों का चयन नवीनता, सामाजिक उपयोगिता, प्रभाव और विस्तार की संभावना के आधार पर किया जाए। वहीं स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चयनित छात्रों के पास चालू बैंक खाता हो। नामांकन करते समय छात्र का नाम, बैंक खाता संख्या और आईएफसी कोड सही हो। स्कूलों को यह भी कहा गया है कि वे पोर्टल पर यू डाइस कोड अपडेट करें। यदि कोड नहीं है तो पहले स्कूल का पंजीकरण करवाएं। नामांकन अपलोड करने के बाद उसे जिला स्तर पर भेजना अनिवार्य है। उसकी रसीद डाउनलोड कर सुरक्षित रखें। भास्कर न्यूज | जालंधर स्कूली विद्यार्थियों के लिए सत्र 2025-26 के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के लिए ऑनलाइन नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। छात्र इसके लिए 15 जून से 15 अगस्त तक अपने आइडिया ऑनलाइन सब्मिट कर सकेंगे। इनोवेटिव आइडिया को डेवलप करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग चयनित स्टूडेंट्स को 10-10 हजार रुपए इनाम के तौर पर देगा। स्टूडेंट्स को जागरूक करने के लिए राज्य विद्या खोज एवं सिखलाई परिषद की ओर से समूह जिला शिक्षा अफसरों, नोडल अफसरों को पत्र जारी किया गया है। स्टूडेंट्स को ईएमआईएएस पोर्टल पर आइडिया अपलोड करना होगा। इंस्पायर अवॉर्ड योजना में जिन स्टूडेंट्स का सिलेक्शन होगा, उन्हें अपने आइडिया को जिला स्तर पर मॉडल के जरिए प्रदर्शित करना होगा। विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में कोई भी नया आइडिया व इनोवेशन नॉमिनेशन पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। हर साल छात्रों द्वारा भेजे गए विचारों को विशेषज्ञों की टीम शॉर्टलिस्ट करती है। चयनित विचारों को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी के माध्यम से परखा जाता है। इनमें से सर्वश्रेष्ठ 60 विचारों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार दिए जाते हैं। इंस्पायर अवॉर्ड योजना 2010 में शुरू की गई थी। अभ्यर्थियों की आयु सीमा 10 से 15 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्रत्येक स्कूल पांच आइडिया भेज सकते हैं। जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि इसके लिए स्कूल की तरफ से बेस्ट पांच आइडिया भेजे जाएं। वहीं इस स्कीम के आधीन जापान विज्ञान और टेक्नोलॉजी एजेंसी के सकुरा साइंस हाई स्कूल प्रोग्राम के आधीन मानक प्रोग्राम के नेशनल विजेता विद्यार्थियों को जापान का दौरा करने का मौका भी दिया जाएगा। आइडिया बॉक्स भी सेटअप भी किए जा सकते हैं, ताकि विद्यार्थी इसमें अपने आइडिया डाल सकें। नॉमिनेशन ओरिजनल होना चाहिए। इसलिए स्कूल मुखी विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें आवेदन के लिए प्रोत्साहित करेंगे। हर साल आयोजित किए जाने वाले इस अवॉर्ड में विद्यार्थियों के आइडिया जोन, राज्य और उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर परखे जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचने वाले विद्यार्थियों के आइडिया को साकार करने के लिए इनोवेशन टीम के साथ काम करने का भी अवसर देने के साथ-साथ उन्हें ट्रेनिंग भी दी जाती है। स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे छात्रों को नवाचार के लिए प्रेरित करें। इसके लिए स्कूल सभा, नोटिस बोर्ड और गर्मी की छुट्टियों के असाइनमेंट के माध्यम से जानकारी दी जाए। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल स्तर पर प्रतियोगिता करवाई जाए। विचारों का चयन नवीनता, सामाजिक उपयोगिता, प्रभाव और विस्तार की संभावना के आधार पर किया जाए। वहीं स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चयनित छात्रों के पास चालू बैंक खाता हो। नामांकन करते समय छात्र का नाम, बैंक खाता संख्या और आईएफसी कोड सही हो। स्कूलों को यह भी कहा गया है कि वे पोर्टल पर यू डाइस कोड अपडेट करें। यदि कोड नहीं है तो पहले स्कूल का पंजीकरण करवाएं। नामांकन अपलोड करने के बाद उसे जिला स्तर पर भेजना अनिवार्य है। उसकी रसीद डाउनलोड कर सुरक्षित रखें। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में AAP दफ्तर पर वर्करों का हंगामा:धरना देकर बैठे, पूर्व मंत्री और विधायक पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप पंजाब में निकाय चुनाव की घोषणा के साथ ही घमासान भी शुरु हो गया है। पैसे लेकर टिकटें बांटने का आरोप तो हर बार हर पार्टी पर लगता है, लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी के वर्कर सीधा धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि जिन्होंने मेहनत की है उन्हें टिकट नहीं दिया गया, लेकिन जिसे कोई जानता नहीं उसे पैसे लेकर टिकट दिया गया है। वर्कर एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए आम आदमी पार्टी अमृतसर के वर्करों ने भंडारी पुल पर स्थित पार्टी दफ्तर में जमकर हंगामा किया। फोन पर उच्च पधिकारियों से बात की, लेकिन वहां कोई नहीं पहुंचा। आम आदमी पार्टी के एससी विंग के स्टेट सेक्रेट्ररी रोहित कुमार ने कहा कि वह 2019 से पार्टी के साथ जुड़े हैं। उन्होंने लाखों रुपए खर्च किए हैं। गुजरात, दिल्ली और कई राज्यों में कई-कई दिन तक पार्टी के काम किए। पार्टी हमेशा कहती रही कि वह नशे के खिलाफ है लेकिन आज शराब, हेरोइन बेचने वालों को सीट दी गई है। 25-25 लाख में टिकट बांटने का आरोप उन्होंने कहा कि वह 85 नंबर वार्ड में कई सालों से काम कर रहे हैं लेकिन आज जिस आदमी को टिकट दिया गया है। वह पहले कांग्रेस के साउथ हल्के के पूर्व एमएलए इंदरबीर सिंह बुलारिया के साथ था और फिर अब उनके अपने विधायक और पूर्व मंत्री इंदरबीर सिंह निज्जर के साथ हैं। आज 25-25 लाख रुपए लेकर सीटें बांटी जा रही हैं। अन्य पार्टी वर्करों ने कहा कि आम आदमी पार्टी के संगठन की कोई वैल्यू नहीं है और सिर्फ एमएलए के कहने पर टिकट दिया गया है। किसी से भी सिफारिश नहीं की। वह स्टेट के लीडर हैं, लेकिन उन्हें बहुत दुख है। बाहर के आदमियों को टिकट दिया गया है। उन्होंने कहा कि अक्सर दूसरी पार्टियां भी पैसे लेकर टिकट बांटती हैं लेकिन वह अपने वॉलंटियर्स को ही टिकट देते हैं। जबकि आम आदमी पार्टी में बाहरी व्यक्ति को टिकट दी गई है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी बाहरी कैंडिडेट को जीतने नहीं देंगे।

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पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे
पर्ल ग्रुप के मालिक का आज अंतिम संस्कार:निर्मल सिंह भंगू के परिवार ने जारी किया पब्लिक नोटिस, कहा- निवेशक का पैसा लौटाएंगे पंजाब के रहने वाले पर्ल ग्रुप के मालिक व 45 हजार करोड़ घोटाले के मास्टरमाइंड निर्मल सिंह भंगू का आज चंडीगढ़ में अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार रात दिल्ली में उनकी मौत हो गई। अंतिम संस्कार से पहले परिवार ने पब्लिक नोटिस कर निवेषकों के पैसे लौटाने की बात कही है। ये पब्लिक नोट उनकी बेटी बरिंदर कौर भंगू की तरफ से जारी किया गया। जनवरी 2016 में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने भंगू को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के DDU अस्पताल में लाया गया। शाम 7.50 बजे उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। भंगू पर आरोप था कि उसने पोंजी स्कीम्स से करोड़ों का साम्राज्य इकट्ठा किया। भंगू ने 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को ऐसी स्कीम्स में फंसा कर हजारों करोड़ रुपए इकट्ठा किए और उसे विदेश में इन्वेस्ट कर दिया। जांच शुरू हुई तो जनवरी 2016 को CBI ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया। इसके बाद जांच एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी की। जानें क्या लिखा है पब्लिक नोटिस में अत्यंत दुःख के साथ निर्मल सिंह भंगू के 25 अगस्त, 2024 को नई दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में चिकित्सा उपचार के दौरान निधन के बारे में सूचित करते हैं। उनकी आत्मा सभी को दर्द और दुख की खाई में छोड़कर दुनिया से चली गई। मैं, बरिंदर कौर भंगू, स्वर्गीय सरदार निर्मल सिंह भंगू की बेटी, अत्यंत शोक संतप्त और शोकाकुल पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से संवाद करती हूं और अपने मूल्यवान निवेशकों के साथ इस अकल्पनीय नुकसान की खबर साझा करती हूं। निर्मल सिंह भंगू का जीवन पर्ल्स ग्रुप के प्रत्येक निवेशक को पैसे चुकाने के एक एकल, अटूट सपने के लिए समर्पित था। दिवंगत निर्मल सिंह भंगू पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी से संबंधित मुद्दों पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विचार किया जा रहा है, जिन्होंने 02 समितियां (लोढ़ा समिति और स्पेशल कमेटी) भी बनाई हैं। पीएसीएल लिमिटेड और पीजीएफ लिमिटेड के निवेशकों को धन की वापसी इन्हीं कमेटियों की निगरानी में की जाएगी। पर्ल्स ग्रुप परिवार की ओर से और अपने पिता के सम्मान में, मैं आपको अपना अटूट समर्थन देने और प्रत्येक निवेशक को पैसे के पुनर्भुगतान के संबंध में न्यायिक या अर्ध-न्यायिक अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग प्रदान करने का आश्वासन देती हूं। मैं तब तक चैन से नहीं बैठूंगी जब तक कि मैं अपने पिता के सपने को, जिसके लिए वह जीए और मर गए, को सच होते नहीं देख लेती। पीएसीएल लिमिटेड के साथ-साथ पीजीएफ लिमिटेड के प्रत्येक निवेशक को यह मेरा आश्वासन है कि मैं आपके अधिकारों की रक्षा करने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ूंगी और जब तक आप सभी को भुगतान नहीं मिल जाता, मैं हमेशा आपके हित को बरकरार रखूंगी। 1980 में खोली खुद की कंपनी 70 के दशक में भंगू नौकरी की तलाश में कोलकाता चला गया। जहां उसने एक फेमस इन्वेस्टमेंट कंपनी पियरलेस में कुछ साल काम किया। उसके बाद इन्वेस्टर्स से करोड़ों की ठगी करने वाली हरियाणा की कंपनी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड में काम करने लगा। इस कंपनी के बंद होने के बाद वह बेरोजगार हो गया। इसी कंपनी के काम करने के आइडिया के तहत उसने 1980 में पर्ल्स गोल्डन फॉरेस्ट (पीजीएफ) नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी भी गोल्डन फॉरेस्ट इंडिया लिमिटेड की तर्ज पर लोगों से सागौन जैसे पेड़ों के प्लांटेशन पर इन्वेस्टमेंट करा कुछ वक्त बाद अच्छा मुनाफा लौटाने का वादा करती थी। 1996 तक कंपनी ने करोड़ों रुपए जुटा लिए। इनकम टैक्स और दूसरी जांच के चलते कंपनी को बंद कर दिया गया। विदेश में बनाया अपना साम्राज्य इसके बाद उसने पंजाब के बरनाला से एक नई कंपनी पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PACL) की शुरुआत की। ये एक चेन सिस्टम स्कीम्स थी। कंपनी के दिए बड़े मुनाफे के दावों और वादों के लालच में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने इसमें पैसा लगा दिया। इसके तहत लोगों से हर महीने मामूली रकम जमा करवाई जाती थी। लोगों से जुटाई गई छोटी-छोटी रकम से उसने देश ही नहीं विदेश में पर्ल्स ग्रुप का एम्पायर खड़ा कर लिया। करोड़ों रुपए को भंगू ने अलग-अलग तरह के कई कारोबार में इन्वेस्ट किया। जब वादे के मुताबिक इन्वेस्टर्स को उनका लगाया पैसा नहीं लौटाया गया तो कंपनी के खिलाफ लोगों शिकायत दर्ज करानी शुरू कर दी। इसके बाद मामला CBI के पास पहुंचा। CBI की जांच में क्या ? CBI की जांच के अनुसार लोगों से ठगी करने वाली कंपनियों की पहचान पर्ल्स इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, एआरएसएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और जैन इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के रूप में की गई।
उच्च रिटर्न के झूठे वादे पर लोगों को निवेश करने के लिए मनाने के लिए निर्मल भंगू की कंपनियों द्वारा योजनाएं शुरू की गईं थी। विभिन्न राज्यों के 5.50 करोड़ निवेशकों से जुटाई गई धनराशि का दुरुपयोग किया गया। निवेशकों को झूठे भूमि आवंटन पत्र दिए गए। दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में और उसके आसपास के अधिकांश लैंड या तो अस्तित्व में नहीं थी, वह सरकारी प्रॉपर्टी थी या उनके असल मालिकों की तरफ से बेची ही नहीं गई थी। 23 लाख से अधिक कमीशन एजेंटों को शामिल किया था और उनमें से 1700 से अधिक सीनियर लैवल के फील्ड ऑफिसर थे। इन्हें निवेशकों को लाने के लिए लाखों रुपए का मासिक कमीशन का भुगतान किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर आरोपियों ने बाद में एक योजना बंद कर दी, लेकिन पिछले निवेशकों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल की गई धनराशि इकट्ठा करने के लिए एक अलग कंपनी के नाम पर एक और योजना शुरू की। सेल संस्थाओं का उपयोग करके एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी डायवर्ट किया गया और ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों में लगभग 132.99 मिलियन आस्ट्रेलियन डॉलर का निवेश किया गया। सीएम मान ने प्रॉपर्टी सीज करवानी शुरू की मई 2023 में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पर्ल ग्रुप की प्रॉपर्टी को सीज कर इन्वेस्टर्स के पैसे लौटाने का वादा किया था। जिसके बाद पंजाब सरकार ने प्रॉपर्टी को सीज करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी थी। पिछले साल पत्नी हुई थी गिरफ्तार पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने सितंबर 2023 में निर्मल सिंह भंगू की पत्नी प्रेम कौर को भी गिरफ्तार किया था। प्रेम कौर को इस मामले में पर्ल ग्रुप की संपत्तियों को अलग करने और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन का आरोप था। प्रेम कौर ने संपत्तियों को बेचने के लिए एक करीबी रिश्तेदार को ट्रांसफर करने के लिए नामांकित किया गया था।