RTI में जानकारी न देने पर एमपी हाई कोर्ट सख्त, IAS ऋजु बाफना पर लगाया जुर्माना

RTI में जानकारी न देने पर एमपी हाई कोर्ट सख्त, IAS ऋजु बाफना पर लगाया जुर्माना

<p style=”text-align: justify;”><strong>MP News Today:</strong> सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी नहीं देने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आईएएस ऋजु बाफना पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. नरसिंहपुर जिले में बिना किसी वजह के शस्त्र लाइसेंस के आवेदन को निरस्त करने और इससे संबंधित दस्तावेज आरटीआई के तहत उपलब्ध नहीं कराने पर हाई कोर्ट ने तत्कालीन कलेक्टर ऋजु बाफना पर सख्ती दिखाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने नरसिंहपुर कलेक्टर और अपर कलेक्टर पर एक- एक हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. इसके साथ ही आवेदक को बिना शुल्क जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश राज्य सूचना आयोग को दिया है. इस मामले में राज्य सूचना आयोग पहले ही एडीएम पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />मामला पूर्व कलेक्टर और वर्तमान में शाजापुर में पदस्थ आईएएस ऋजु बाफना के कार्यकाल का है.अधिवक्ता राहुल अवधिया ने दलील दी कि उन्होंने पिछले साल शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. बिना किसी कारण के तत्कालीन कलेक्टर ऋजु बाफना ने उसे निरस्त कर दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद उन्होंने 27 जुलाई 2023 को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कलेक्ट्रेट में शस्त्र लाइसेंस शाखा में लाइसेंस आवेदन निरस्तीकरण के कारण और अन्य दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी थी. अपर जिला दंडाधिकारी ने 1 अगस्त 2023 को पत्र के जरिए बताया कि उन्होंने एसडीएम नरसिंहपुर से शस्त्र लाइसेंस संबंधी अभिमत मांगा था, लेकिन वह अपर्याप्त है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन अधिकारी पर कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश</strong><br />इसके बाद राहुल अवधिया ने अपीलीय अधिकारी कलेक्टर के समक्ष भी अपना आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन वहां से भी निर्धारित 30 दिन की अवधि में किसी भी तरह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए. इससे परेशान होकर आवेदकों ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली, लेकिन वहां से भी उन्हें दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता ने सभी जानकारी निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ ही लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना अधिरोपित करने और क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का निवेदन किया था. याचिका का निराकरण करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलुवालिया ने राज्य सूचना आयोग को आदेशित किया है कि धारा 20 के तहत दोषी लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा लोक सूचना अधिकारी कलेक्टर और लोक सूचना अधिकारी अपर कलेक्टर के विरुद्ध जुर्माना अधिरोपित करें. आदेश के पालन का प्रतिवेदन भी हाई कोर्ट ने मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपीलार्थी को क्षतिपूर्ति देने का आदेश</strong><br />कोर्ट ने यह माना है कि जानकारी देने में कलेक्टर और अपर कलेक्टर द्वारा बेवजह देरी की गई. राज्य सूचना आयोग ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर पूर्व में प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग को निर्देशित कर एक हजार रुपये की क्षतिपूर्ति अपीलार्थी राहुल कुमार अवधिया को देने के आदेश दिए थे. इसका प्रतिवेदन 20 मई तक मांगा गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”आजादी के 659 दिन बाद क्यों आजाद हुआ भोपाल? जानें- इस रियासत के भारत में विलय की पूरी कहानी” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/bhopal-princely-state-merger-history-in-india-hoisting-tiranga-after-659-days-of-independence-ann-2703784″ target=”_blank” rel=”noopener”>आजादी के 659 दिन बाद क्यों आजाद हुआ भोपाल? जानें- इस रियासत के भारत में विलय की पूरी कहानी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News Today:</strong> सूचना का अधिकार (RTI) के तहत जानकारी नहीं देने पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आईएएस ऋजु बाफना पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. नरसिंहपुर जिले में बिना किसी वजह के शस्त्र लाइसेंस के आवेदन को निरस्त करने और इससे संबंधित दस्तावेज आरटीआई के तहत उपलब्ध नहीं कराने पर हाई कोर्ट ने तत्कालीन कलेक्टर ऋजु बाफना पर सख्ती दिखाई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस जीएस अहलूवालिया की सिंगल बेंच ने नरसिंहपुर कलेक्टर और अपर कलेक्टर पर एक- एक हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया. इसके साथ ही आवेदक को बिना शुल्क जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश राज्य सूचना आयोग को दिया है. इस मामले में राज्य सूचना आयोग पहले ही एडीएम पर एक हजार रुपये का जुर्माना लगा चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला?</strong><br />मामला पूर्व कलेक्टर और वर्तमान में शाजापुर में पदस्थ आईएएस ऋजु बाफना के कार्यकाल का है.अधिवक्ता राहुल अवधिया ने दलील दी कि उन्होंने पिछले साल शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. बिना किसी कारण के तत्कालीन कलेक्टर ऋजु बाफना ने उसे निरस्त कर दिया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद उन्होंने 27 जुलाई 2023 को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कलेक्ट्रेट में शस्त्र लाइसेंस शाखा में लाइसेंस आवेदन निरस्तीकरण के कारण और अन्य दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी थी. अपर जिला दंडाधिकारी ने 1 अगस्त 2023 को पत्र के जरिए बताया कि उन्होंने एसडीएम नरसिंहपुर से शस्त्र लाइसेंस संबंधी अभिमत मांगा था, लेकिन वह अपर्याप्त है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन अधिकारी पर कोर्ट ने दिया कार्रवाई का आदेश</strong><br />इसके बाद राहुल अवधिया ने अपीलीय अधिकारी कलेक्टर के समक्ष भी अपना आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन वहां से भी निर्धारित 30 दिन की अवधि में किसी भी तरह के दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए. इससे परेशान होकर आवेदकों ने राज्य सूचना आयोग की शरण ली, लेकिन वहां से भी उन्हें दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>याचिकाकर्ता ने सभी जानकारी निशुल्क उपलब्ध कराने के साथ ही लोक सूचना अधिकारी पर जुर्माना अधिरोपित करने और क्षतिपूर्ति दिलाए जाने का निवेदन किया था. याचिका का निराकरण करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलुवालिया ने राज्य सूचना आयोग को आदेशित किया है कि धारा 20 के तहत दोषी लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा लोक सूचना अधिकारी कलेक्टर और लोक सूचना अधिकारी अपर कलेक्टर के विरुद्ध जुर्माना अधिरोपित करें. आदेश के पालन का प्रतिवेदन भी हाई कोर्ट ने मांगा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>अपीलार्थी को क्षतिपूर्ति देने का आदेश</strong><br />कोर्ट ने यह माना है कि जानकारी देने में कलेक्टर और अपर कलेक्टर द्वारा बेवजह देरी की गई. राज्य सूचना आयोग ने जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर पूर्व में प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन, राजस्व विभाग को निर्देशित कर एक हजार रुपये की क्षतिपूर्ति अपीलार्थी राहुल कुमार अवधिया को देने के आदेश दिए थे. इसका प्रतिवेदन 20 मई तक मांगा गया था.</p>
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