ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर CM उमर अब्दुल्ला ने जताई चिंता, की यह अपील

ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा को लेकर CM उमर अब्दुल्ला ने जताई चिंता, की यह अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah on Israel-Iran:</strong> ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते युद्ध जैसे हालात के बीच भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है. खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले छात्रों के परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है, जो फिलहाल ईरान में पढ़ाई कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (13 जून) को विदेश मंत्रालय से अपील की कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने एक्स पर विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा, “@MEAIndia से अनुरोध है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को तत्काल सुनिश्चित किया जाए. उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं. हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईरान में पढ़ रहे हैं करीब 1300 कश्मीरी छात्र- JKSA</strong><br />इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाते हुए जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (JKSA) ने जानकारी दी कि वर्तमान में ईरान में करीब 1300 कश्मीरी छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मेडिकल यानी MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं. एसोसिएशन ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर आगाह किया कि ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने वहां मौजूद छात्रों को असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है. पत्र में लिखा गया, “ईरान और इजराइल के बीच शत्रुता में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद, वर्तमान में ईरान में पढ़ रहे सैकड़ों और हज़ारों कश्मीरी छात्रों के सामने एक गंभीर स्थिति है. इस अस्थिर सुरक्षा माहौल ने हजारों भारतीय छात्रों को बेहद असुरक्षित और तत्काल खतरे में डाल दिया है, जिनमें से अधिकांश कश्मीर घाटी से हैं. ये छात्र देश के आर्थिक रूप से व्यवहार्य शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के कारण पेशेवर शिक्षा, विशेष रूप से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए थे.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>JKSA ने कहा कि एसोसिएशन को सूचित किया गया था कि कई छात्र ऐसे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और रणनीतिक स्थलों के बेहद करीब स्थित हैं. “वे लगातार हवाई हमलों, वायु रक्षा सायरन और उनके आसपास बढ़ती सैन्य गतिविधियों की आवाजे सुन रहे हैं. कल रात से, स्थिति तेजी से बिगड़ गई है. कुछ छात्र ऐसे शहरों में भी हैं जहां सीधे इज़रायली हवाई हमलों की सूचना मिली है. छात्र डरे हुए हैं और पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहे हैं,” इसमें लिखा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्र में लिखी गई हैं और भी बातें</strong><br />इसमें आगे कहा गया है, “तत्काल जोखिम और बढ़ते मनोवैज्ञानिक नुकसान को देखते हुए, हम आपके सम्मानित कार्यालय से इन छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्काल उपाय शुरू करने का आग्रह करते हैं. हम विदेश मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह ईरान में भारतीय छात्रों और तेहरान में भारतीय दूतावास के बीच समर्पित और उत्तरदायी संचार लाइनें स्थापित करे, और सत्यापित जानकारी, आपातकालीन दिशा-निर्देश और अपडेट प्रसारित करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि इससे पहले इजरायल ने ईरान पर हमला किया था और बाद में जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायली क्षेत्र की ओर 100 से अधिक ड्रोन दागे थे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Omar Abdullah on Israel-Iran:</strong> ईरान और इजरायल के बीच लगातार बढ़ते युद्ध जैसे हालात के बीच भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है. खासतौर पर जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले छात्रों के परिवारों में बेचैनी बढ़ गई है, जो फिलहाल ईरान में पढ़ाई कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार (13 जून) को विदेश मंत्रालय से अपील की कि वह ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने एक्स पर विदेश मंत्रालय को टैग करते हुए लिखा, “@MEAIndia से अनुरोध है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को तत्काल सुनिश्चित किया जाए. उनके परिवार बहुत चिंतित हैं और हम इस कठिन समय में उनके साथ खड़े हैं. हमारे छात्रों की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाया जाना चाहिए.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईरान में पढ़ रहे हैं करीब 1300 कश्मीरी छात्र- JKSA</strong><br />इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाते हुए जम्मू-कश्मीर छात्र संघ (JKSA) ने जानकारी दी कि वर्तमान में ईरान में करीब 1300 कश्मीरी छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश मेडिकल यानी MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं. एसोसिएशन ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर आगाह किया कि ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष ने वहां मौजूद छात्रों को असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है. पत्र में लिखा गया, “ईरान और इजराइल के बीच शत्रुता में अभूतपूर्व वृद्धि के बाद, वर्तमान में ईरान में पढ़ रहे सैकड़ों और हज़ारों कश्मीरी छात्रों के सामने एक गंभीर स्थिति है. इस अस्थिर सुरक्षा माहौल ने हजारों भारतीय छात्रों को बेहद असुरक्षित और तत्काल खतरे में डाल दिया है, जिनमें से अधिकांश कश्मीर घाटी से हैं. ये छात्र देश के आर्थिक रूप से व्यवहार्य शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के कारण पेशेवर शिक्षा, विशेष रूप से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए ईरान गए थे.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>JKSA ने कहा कि एसोसिएशन को सूचित किया गया था कि कई छात्र ऐसे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में नामांकित हैं जो महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठानों और रणनीतिक स्थलों के बेहद करीब स्थित हैं. “वे लगातार हवाई हमलों, वायु रक्षा सायरन और उनके आसपास बढ़ती सैन्य गतिविधियों की आवाजे सुन रहे हैं. कल रात से, स्थिति तेजी से बिगड़ गई है. कुछ छात्र ऐसे शहरों में भी हैं जहां सीधे इज़रायली हवाई हमलों की सूचना मिली है. छात्र डरे हुए हैं और पूरी तरह से असहाय महसूस कर रहे हैं,” इसमें लिखा है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्र में लिखी गई हैं और भी बातें</strong><br />इसमें आगे कहा गया है, “तत्काल जोखिम और बढ़ते मनोवैज्ञानिक नुकसान को देखते हुए, हम आपके सम्मानित कार्यालय से इन छात्रों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्काल उपाय शुरू करने का आग्रह करते हैं. हम विदेश मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह ईरान में भारतीय छात्रों और तेहरान में भारतीय दूतावास के बीच समर्पित और उत्तरदायी संचार लाइनें स्थापित करे, और सत्यापित जानकारी, आपातकालीन दिशा-निर्देश और अपडेट प्रसारित करें.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि इससे पहले इजरायल ने ईरान पर हमला किया था और बाद में जवाबी कार्रवाई में ईरान ने इजरायली क्षेत्र की ओर 100 से अधिक ड्रोन दागे थे.</p>  जम्मू और कश्मीर गठबंधन की चर्चा के बीच CM फडणवीस ने राज ठाकरे के लिए किया खास पोस्ट, तस्वीर शेयर कर क्या लिखा?