<p style=”text-align: justify;”><strong>Shani Shingnapur Temple Controversy:</strong> अहमदनगर जिले के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर में बड़ा फैसला लिया गया है. मंदिर ट्रस्ट ने 167 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इनमें 114 कर्मचारी मुस्लिम समुदाय से हैं. ट्रस्ट ने इस कार्रवाई का कारण अनुशासनहीनता और प्रशासनिक अनियमितताएं बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रस्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारी पिछले 5 महीने से बिना सूचना के काम पर नहीं आ रहे थे. जिन विभागों से कर्मचारी हटाए गए हैं, उनमें कृषि, कचरा प्रबंधन और शिक्षा विभाग शामिल हैं. इस पर आचार्य तुषार भोसले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शनि भक्तों और संगठनों को इस ‘विजय’ के लिए बधाई- तुषार भोसले </strong><br />आचार्य तुषार भोसले ने इस फैसले पर कहा, “शनि शिंगणापुर मंदिर में मुस्लिम कर्मचारी नियुक्त किए जाने के विरोध में हम सब ने सकल हिंदू समाज के नेतृत्व में भव्य मोर्चे का आयोजन किया है, लेकिन इस मोर्चे के दबाव में आकर मंदिर प्रशासन को झुकना पड़ा और उन्होंने निर्णय लिया कि वे मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं. मैं देश भर के सभी शनि भक्तों का और सकल हिंदू समाज का अभिनंदन करता हूं क्योंकि यह सकल हिंदू समाज के एकजुटता की जीत है और उनका बड़ा विजय है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार भोसले ने किया था आंदोलन का ऐलान</strong><br />हालांकि, इस फैसले के पीछे धार्मिक और राजनीतिक दबाव की भी चर्चा हो रही है. BJP के आध्यात्मिक समन्वय मोर्चा के प्रमुख आचार्य तुषार भोसले ने मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति का विरोध करते हुए 14 जून को बड़े आंदोलन का ऐलान किया था. आंदोलन से ठीक एक दिन पहले ट्रस्ट की बैठक हुई और उसी दौरान सामूहिक बर्खास्तगी का निर्णय लिया गया. इस कदम ने इलाके में राजनीतिक और धार्मिक बहस को जन्म दे दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के ट्रस्टी ने बताया- धर्म के आधार पर नहीं हुई कार्रवाई<br /></strong>मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अप्पासाहेब शेटे ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी को धर्म के आधार पर नहीं हटाया गया, बल्कि उनके कामकाज और अनुपस्थिति को आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट ने पहले ही सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन कई लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया, जिससे यह कठोर कदम उठाना पड़ा. फिलहाल इस मुद्दे पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Shani Shingnapur Temple Controversy:</strong> अहमदनगर जिले के प्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर में बड़ा फैसला लिया गया है. मंदिर ट्रस्ट ने 167 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इनमें 114 कर्मचारी मुस्लिम समुदाय से हैं. ट्रस्ट ने इस कार्रवाई का कारण अनुशासनहीनता और प्रशासनिक अनियमितताएं बताया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ट्रस्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारी पिछले 5 महीने से बिना सूचना के काम पर नहीं आ रहे थे. जिन विभागों से कर्मचारी हटाए गए हैं, उनमें कृषि, कचरा प्रबंधन और शिक्षा विभाग शामिल हैं. इस पर आचार्य तुषार भोसले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शनि भक्तों और संगठनों को इस ‘विजय’ के लिए बधाई- तुषार भोसले </strong><br />आचार्य तुषार भोसले ने इस फैसले पर कहा, “शनि शिंगणापुर मंदिर में मुस्लिम कर्मचारी नियुक्त किए जाने के विरोध में हम सब ने सकल हिंदू समाज के नेतृत्व में भव्य मोर्चे का आयोजन किया है, लेकिन इस मोर्चे के दबाव में आकर मंदिर प्रशासन को झुकना पड़ा और उन्होंने निर्णय लिया कि वे मुस्लिम कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रहे हैं. मैं देश भर के सभी शनि भक्तों का और सकल हिंदू समाज का अभिनंदन करता हूं क्योंकि यह सकल हिंदू समाज के एकजुटता की जीत है और उनका बड़ा विजय है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तुषार भोसले ने किया था आंदोलन का ऐलान</strong><br />हालांकि, इस फैसले के पीछे धार्मिक और राजनीतिक दबाव की भी चर्चा हो रही है. BJP के आध्यात्मिक समन्वय मोर्चा के प्रमुख आचार्य तुषार भोसले ने मुस्लिम कर्मचारियों की नियुक्ति का विरोध करते हुए 14 जून को बड़े आंदोलन का ऐलान किया था. आंदोलन से ठीक एक दिन पहले ट्रस्ट की बैठक हुई और उसी दौरान सामूहिक बर्खास्तगी का निर्णय लिया गया. इस कदम ने इलाके में राजनीतिक और धार्मिक बहस को जन्म दे दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के ट्रस्टी ने बताया- धर्म के आधार पर नहीं हुई कार्रवाई<br /></strong>मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अप्पासाहेब शेटे ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि किसी भी कर्मचारी को धर्म के आधार पर नहीं हटाया गया, बल्कि उनके कामकाज और अनुपस्थिति को आधार बनाकर यह कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्ट ने पहले ही सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी थी, लेकिन कई लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया, जिससे यह कठोर कदम उठाना पड़ा. फिलहाल इस मुद्दे पर राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है.</p> महाराष्ट्र गठबंधन की चर्चा के बीच CM फडणवीस ने राज ठाकरे के लिए किया खास पोस्ट, तस्वीर शेयर कर क्या लिखा?
शनि शिंगणापुर मंदिर से हटाए गए 114 मुस्लिम कर्मचारी, हिंदू संगठन ने किया था बड़े आंदोलन का ऐलान
