पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट भी शेयर की। 9 जून को यह मामला सामने आने के बाद से चंद्रशेखर ने आज (14 जून को) चुप्पी तोड़ी। कहा- मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि किसी भी महिला का भूल से भी अपमान न हो। मैंने सुना है कि वो (रोहिणी) कोर्ट जा रहे हैं, तो मैं भी अपना जवाब और सच कोर्ट में बताऊंगा। चंद्रशेखर आज झांसी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोल रहे थे। हालांकि, इस दौरान चंद्रशेखर ने रोहिणी का नाम नहीं लिया। भीड़ को संभालने के लिए खुद माइक संभाला
प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन एक मैरिज गार्डन में आयोजित किया गया। शाम 4 बजे चंद्रशेखर आजाद वहां पहुंचे। समर्थक उनकी झलक पाने के लिए बेकाबू हो रहे थे। लेकिन, मंच पर पहुंचे सांसद ने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए खुद ही माइक संभाल लिया। अपने ही अंदाज में सभी को बैठने के लिए कहा। कहने लगे- ये प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि कुछ लोगों ने ब्राह्मण वादियों को ही प्रबुद्ध मान लिया है। हमें इसी मानसिकता से खुद को अलग करना है। हमारा मकसद बहुजन समाज बनाना है। जिसमें आंबेडकरवादी, अल्पसंख्यक, बौद्ध, सिख और शोषित वर्ग शामिल हैं। अब बहुजन समाज किसी का वोट बैंक नहीं बनकर अपना राज्य स्थापित करेगा। पढ़िए चंद्रशेखर की कही बड़ी बातें मैंने बहुजन समाज को झुकने नहीं दिया
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- मैं जब बहुजन समाज के महापुरुषों के रास्ते पर निकला, तो सामंतवादियों ने मेरे ऊपर अत्याचार शुरू कर दिए। मुझे 16 महीने जेल में रखा गया। मेरे नाखून उखाड़े गए। शरीर में जितनी हड्डियां नहीं, उससे कहीं ज्यादा लाठियां मुझ पर चलाईं। मेरी रीढ़ की हड्डी 3 जगह से जख्मी की गई, जिससे मैं कभी चल नहीं पाऊं। लेकिन, मैंने बहुजन समाज को झुकने नहीं दिया। सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि बहुजन समाज आगे न बढ़े
चंद्रशेखर ने कहा- सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि बहुजन समाज आगे न बढ़े। लेकिन, अब हम अपने हक के लिए संगठित होंगे। सरकारी संस्थाओं में निजीकरण कर आरक्षण खत्म किया जा रहा है। मैं संसद में हर एक मुद्दे को उठता हूं। लेकिन, अभी मेरे पास वह ताकत नहीं है कि मैं कानून बना सकूं। इस पंचायत चुनाव में आजाद समाज पार्टी की ताकत सत्ता को दिखानी है। मेरा विश्वास करें कि जिस दिन हमारी पार्टी सत्ता में आई, उस दिन प्रमोशन में आरक्षण भी लागू करूंगा। मैं मायावती जी का सम्मान करता हूं। लेकिन, अब उनसे महापुरुषों का आंदोलन नहीं बढ़ रहा है। जनता अब आजाद समाज पार्टी की ओर देख रही है। प्रदेश में डर की राजनीति चल रही
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- सत्ता में बैठे लोग जनता को डराकर रखना चाहते हैं। दलित और माइनॉरिटी पर इस समय सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। जो इनके खिलाफ आवाज उठाता है, उस पर मुकदमे लिखे जाते हैं। घर पर बुलडोजर चलाया जाता है। ऐसे ही लोगों के हक के लिए भीम आर्मी जमीन पर काम कर रही है। हमारे नौजवान पुलिस से पहले पीड़ित तक पहुंचते हैं। उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं। कहा जनता चाहती है कि उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव 2026 में ही हो जाए। जानिए क्या है पूरा विवाद मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। डॉ. रोहिणी घावरी स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और एनजीओ भी चला रही हैं। चंद्रशेखर की चुप्पी से उठ रहे थे सवाल
रोहिणी घावरी के गंभीर आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने भी सांसद चंद्रशेखर आजाद से बात करने की कोशिश की थी। उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन न तो उन्होंने फोन पिक किया, न ही मैसेज का रिप्लाई दिया। ऐसे में रोहिणी घावरी के सोशल मीडिया और मीडिया में गंभीर आरोपों के बाद भी सांसद चंद्रशेखर आजाद की चुप्पी से सवाल उठ रहे थे। चुप्पी रोहिणी घावरी के आरोपों को बल दे रही थी। ———————— ये खबर भी पढ़िए- चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा, रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी ‘चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी।’ ये दावा है रोहिणी घावरी का… पढ़ें पूरी खबर पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट भी शेयर की। 9 जून को यह मामला सामने आने के बाद से चंद्रशेखर ने आज (14 जून को) चुप्पी तोड़ी। कहा- मेरी मां ने मुझे सिखाया है कि किसी भी महिला का भूल से भी अपमान न हो। मैंने सुना है कि वो (रोहिणी) कोर्ट जा रहे हैं, तो मैं भी अपना जवाब और सच कोर्ट में बताऊंगा। चंद्रशेखर आज झांसी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में बोल रहे थे। हालांकि, इस दौरान चंद्रशेखर ने रोहिणी का नाम नहीं लिया। भीड़ को संभालने के लिए खुद माइक संभाला
प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन एक मैरिज गार्डन में आयोजित किया गया। शाम 4 बजे चंद्रशेखर आजाद वहां पहुंचे। समर्थक उनकी झलक पाने के लिए बेकाबू हो रहे थे। लेकिन, मंच पर पहुंचे सांसद ने भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए खुद ही माइक संभाल लिया। अपने ही अंदाज में सभी को बैठने के लिए कहा। कहने लगे- ये प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि कुछ लोगों ने ब्राह्मण वादियों को ही प्रबुद्ध मान लिया है। हमें इसी मानसिकता से खुद को अलग करना है। हमारा मकसद बहुजन समाज बनाना है। जिसमें आंबेडकरवादी, अल्पसंख्यक, बौद्ध, सिख और शोषित वर्ग शामिल हैं। अब बहुजन समाज किसी का वोट बैंक नहीं बनकर अपना राज्य स्थापित करेगा। पढ़िए चंद्रशेखर की कही बड़ी बातें मैंने बहुजन समाज को झुकने नहीं दिया
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- मैं जब बहुजन समाज के महापुरुषों के रास्ते पर निकला, तो सामंतवादियों ने मेरे ऊपर अत्याचार शुरू कर दिए। मुझे 16 महीने जेल में रखा गया। मेरे नाखून उखाड़े गए। शरीर में जितनी हड्डियां नहीं, उससे कहीं ज्यादा लाठियां मुझ पर चलाईं। मेरी रीढ़ की हड्डी 3 जगह से जख्मी की गई, जिससे मैं कभी चल नहीं पाऊं। लेकिन, मैंने बहुजन समाज को झुकने नहीं दिया। सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि बहुजन समाज आगे न बढ़े
चंद्रशेखर ने कहा- सत्ता में बैठे लोग चाहते हैं कि बहुजन समाज आगे न बढ़े। लेकिन, अब हम अपने हक के लिए संगठित होंगे। सरकारी संस्थाओं में निजीकरण कर आरक्षण खत्म किया जा रहा है। मैं संसद में हर एक मुद्दे को उठता हूं। लेकिन, अभी मेरे पास वह ताकत नहीं है कि मैं कानून बना सकूं। इस पंचायत चुनाव में आजाद समाज पार्टी की ताकत सत्ता को दिखानी है। मेरा विश्वास करें कि जिस दिन हमारी पार्टी सत्ता में आई, उस दिन प्रमोशन में आरक्षण भी लागू करूंगा। मैं मायावती जी का सम्मान करता हूं। लेकिन, अब उनसे महापुरुषों का आंदोलन नहीं बढ़ रहा है। जनता अब आजाद समाज पार्टी की ओर देख रही है। प्रदेश में डर की राजनीति चल रही
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- सत्ता में बैठे लोग जनता को डराकर रखना चाहते हैं। दलित और माइनॉरिटी पर इस समय सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। जो इनके खिलाफ आवाज उठाता है, उस पर मुकदमे लिखे जाते हैं। घर पर बुलडोजर चलाया जाता है। ऐसे ही लोगों के हक के लिए भीम आर्मी जमीन पर काम कर रही है। हमारे नौजवान पुलिस से पहले पीड़ित तक पहुंचते हैं। उन्हें न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते हैं। कहा जनता चाहती है कि उत्तर प्रदेश में 2027 का विधानसभा चुनाव 2026 में ही हो जाए। जानिए क्या है पूरा विवाद मध्यप्रदेश के इंदौर की रहने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया। डॉ. रोहिणी घावरी इंदौर के बीमा अस्पताल में काम करने वाली सफाईकर्मी की बेटी हैं। वह 2019 में हायर एजुकेशन के लिए स्विट्जरलैंड गई थीं। पढ़ाई के दौरान ही वह और चंद्रशेखर एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। डॉ. रोहिणी घावरी स्विट्जरलैंड में जॉब कर रही हैं और एनजीओ भी चला रही हैं। चंद्रशेखर की चुप्पी से उठ रहे थे सवाल
रोहिणी घावरी के गंभीर आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने भी सांसद चंद्रशेखर आजाद से बात करने की कोशिश की थी। उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन न तो उन्होंने फोन पिक किया, न ही मैसेज का रिप्लाई दिया। ऐसे में रोहिणी घावरी के सोशल मीडिया और मीडिया में गंभीर आरोपों के बाद भी सांसद चंद्रशेखर आजाद की चुप्पी से सवाल उठ रहे थे। चुप्पी रोहिणी घावरी के आरोपों को बल दे रही थी। ———————— ये खबर भी पढ़िए- चंद्रशेखर कहते छोड़कर गई तो सुसाइड कर लूंगा, रोते-रोते आंखें सूज जाती; रोहिणी-सांसद की लवस्टोरी ‘चंद्रशेखर से मेरी पहली मुलाकात 25 अक्टूबर, 2021 को दिल्ली में हुई। मैं स्विटजरलैंड से दिल्ली आई थी। दिल्ली में करीब दो-तीन दिन हम लोग साथ रहे। उसके बाद चंद्रशेखर मुझे छोड़ने इंदौर तक गए। फिर मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया। हम रिलेशनशिप में आ गए। मेरे पास हर चीज का प्रूफ है, कोर्ट मांगेगा तो हर सबूत दूंगी।’ ये दावा है रोहिणी घावरी का… पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
रोहिणी पर चंद्रशेखर का पलटवार- अब कोर्ट में ही बोलूंगा:झांसी में कहा- मेरी मां ने सिखाया किसी महिला का अपमान न हो
