हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कोर्ट ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी ट्यूशन टीचर को 20 साल कठोर जेल की सजा सुनाई है। दोषी आकाश मेहता निवासी पिहोवा पर कोर्ट ने 1 लाख 12 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। दोषी टीचर कोई नशीला पदार्थ खिलाकर छात्रा से दुष्कर्म करता था। भाई-बहन जाते थे ट्यूशन पढ़ने थाना शहर पिहोवा में शहर में रहने वाले व्यक्ति ने 24 फरवरी 2023 को शिकायत में बताया था कि उसके पास एक बेटा और बेटी है। उसके दोनों बच्चे आकाश मेहता के पास ट्यूशन पढ़ते थे। उसने अपने बच्चों को उसके पास से हटा लिया था। बाद में उसके बेटे ने बताया कि उनका ट्यूशन टीचर उनको पढ़ाने के दौरान नशीला पदार्थ खिलाता था। वह उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करता था। किसी को बताने पर आरोपी जान से मारने की धमकी देता था। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज जांच करते हुए आरोपी आकाश मेहता को गिरफ्तार किया था। सवा साल बाद आया फैसला उप जिला न्यायवादी प्रदीप मलिक ने बताया कि मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी आकाश मेहता को दोषी करार देते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 1.12 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर दोषी को 2 साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कोर्ट ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी ट्यूशन टीचर को 20 साल कठोर जेल की सजा सुनाई है। दोषी आकाश मेहता निवासी पिहोवा पर कोर्ट ने 1 लाख 12 हजार रुपए जुर्माना भी किया है। दोषी टीचर कोई नशीला पदार्थ खिलाकर छात्रा से दुष्कर्म करता था। भाई-बहन जाते थे ट्यूशन पढ़ने थाना शहर पिहोवा में शहर में रहने वाले व्यक्ति ने 24 फरवरी 2023 को शिकायत में बताया था कि उसके पास एक बेटा और बेटी है। उसके दोनों बच्चे आकाश मेहता के पास ट्यूशन पढ़ते थे। उसने अपने बच्चों को उसके पास से हटा लिया था। बाद में उसके बेटे ने बताया कि उनका ट्यूशन टीचर उनको पढ़ाने के दौरान नशीला पदार्थ खिलाता था। वह उसकी नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करता था। किसी को बताने पर आरोपी जान से मारने की धमकी देता था। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज जांच करते हुए आरोपी आकाश मेहता को गिरफ्तार किया था। सवा साल बाद आया फैसला उप जिला न्यायवादी प्रदीप मलिक ने बताया कि मामले की नियमित सुनवाई फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट में करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अदालत ने गवाहों व सबूतों के आधार पर आरोपी आकाश मेहता को दोषी करार देते हुए 20 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 1.12 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर दोषी को 2 साल का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा में अंदरूनी कलह के कारण BJP उम्मीदवार हारे:सोनीपत, हिसार और सिरसा में रिपोर्ट तैयार, पूर्व विधायकों से लेकर जिलाध्यक्षों तक के नाम
हरियाणा में अंदरूनी कलह के कारण BJP उम्मीदवार हारे:सोनीपत, हिसार और सिरसा में रिपोर्ट तैयार, पूर्व विधायकों से लेकर जिलाध्यक्षों तक के नाम हरियाणा के लोकसभा चुनाव में इस बार भाजपा की 3 लोकसभा सीटों पर भीतरघात की शिकायतें मिली थी। यहां पर BJP प्रत्याशियों का चुनाव में पार्टी के ही नेताओं ने विरोध किया था। जिसका खामियाजा यह हुआ कि भाजपा यहां हार गई। सबसे टफ फाइट सोनीपत सीट पर देखने को मिली। यहां अगर भीतरघात न हुआ होता भाजपा यह सीट जीत सकती थी। अब चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के फीडबैक और सीआईडी के जरिये रिपोर्ट तैयार कर रही है कि कौन सा प्रत्याशी किन कारणों से हारा। सोनीपत, हिसार और सिरसा में रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। इस रिपोर्ट में विधायक, पूर्व विधायक से लेकर जिलाध्यक्षों तक के नाम है। हालांकि पार्टी इस रिपोर्ट को उजागर नहीं करेगी मगर जिनके नाम भी रिपोर्ट में हैं उनकी जल्द संगठन से छुट्टी हो सकती है। इसके अलावा विधायक से लेकर पूर्व विधायकों के विधानसभा टिकट काटे जा सकते हैं। इसके जरिए हरियाणा भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सख्त संदेश भीतरघातियों को देना चाह रही। चुनाव के तुरंत बाद प्रत्याशियों ने जता दी थी आशंका चुनाव के बाद ही हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पंचकुला में सभी प्रत्याशियों की मीटिंग बुलाई थी। इस बैठक में पूर्व CM मनोहर लाल भी मौजूद थे। इस मीटिंग में प्रत्याशियों ने भीतरघात से होने वाले नुकसान के बारे में बताया था। मीटिंग में जो नाम सामने आए उसके आधार पर पार्टी ने कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेना शुरू कर दिया था। अब चूंकि नतीजों में साफ हो गया है कि भाजपा उन इलाकों में हार गई जहां सबसे ज्यादा शिकायतें थी। वहीं नतीजों से पहले CM नायब सैनी ने भीतरघातियों को स्पष्ट संदेश किया कि किसी को बक्शा नहीं जाएगा और दिल्ली दरबार में इसकी शिकायत की जाएगी। विधायकों और टिकट दावेदारों के यहां से भी हार गए भाजपा को सबसे बड़ी हैरानी यह है कि 4 महीने बाद ही हरियाणा में विधानसभा चुनाव है। ऐसे विधायक और पूर्व विधायक जो विधानसभा में भी मजबूत दावेदार हैं वह अपने बूथों से लेकर गांव और विधानसभा में हार गए। इन सबकी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। भाजपा की अलग-अलग टीमें इस पर काम कर रही हैं और यह भी देखा जा रहा है कि अगर इनके टिकट काटे जा सकते हैं तो इनकी जगह किसे टिकट दिया जा सकता है और उसका क्या प्रभाव होगा। यहां पढ़िये इन 3 लोकसभा सीटों पर भीतरघात की पूरी कहानी 1. हिसार लोकसभा : यहां भाजपा ने रणजीत चौटाला को उम्मीदवार बनाया था। रणजीत चौटाला का पूरा बैकग्राउंड कांग्रेसी है। रणजीत चौटाला ने अपनी राजनीति का अधिकतर समय कांग्रेस में बिताया है। कांग्रेस से विधानसभा में टिकट नहीं मिलने पर रणजीत चौटाला ने सिरसा की रानियां विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद भाजपा सरकार को समर्थन कर कैबिनेट मंत्री बन गए थे। भाजपा ने चुनाव से ऐन वक्त पहले रणजीत को भाजपा में शामिल करवाकर हिसार लोकसभा से टिकट दिया। यहां टिकट के दावेदार कुलदीप बिश्नोई, कैप्टन अभिमन्यु इस बात से नाराज हो गए थे। बाद में भाजपा के मनाने पर मान गए। मगर इनके अलावा भाजपा हिसार संगठन में कुछ लोग ऐसे रहे जिन्होंने भीतरघात किया। 2. सिरसा लोकसभा : इस सीट पर भाजपा ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रहे डॉ. अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया था। रणजीत चौटाला की तरह ही अशोक तंवर को पार्टी ज्वॉइन करते ही लोकसभा का टिकट मिल गया था। पैराशूट उम्मीदवार से भाजपा के स्थानीय नेता असहज हो गए थे मगर वह खुलकर कहीं विरोध नहीं कर पाए मगर अंदर ही अंदर तंवर के साथ चुनाव में भीतर घात हुआ। इस सीट पर मौजूदा सांसद रही सुनीता दुग्गल अधिकतर समय इलेक्शन कैपेंन से बाहर रही। वहीं कई नेताओं ने दिखावटी प्रचार किया। प्रत्याशी के साथ कोर्डिनेशन नहीं बनाया यहां तक की पार्टी को बोगस बिलों के जरिए चुना लगाने का काम किया। 3. सोनीपत लोकसभा : इस सीट पर भाजपा ने प्रदेश के ही महामंत्री एवं राई से विधायक मोहन लाल बड़ौली को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था। यहां सांसद रमेश कौशिक का टिकट काटकर भाजपा ने संगठन महामंत्री पर विश्वास जताया था। इससे नाराज रमेश कौशिक बड़ौली के प्रचार से दूर रहे। इसके अलाव बड़ौली को चुनाव में स्थानीय नेताओं ने साथ नहीं दिया। प्रचार में साथ दिखे मगर दूसरे दलों से भी संपर्क में रहे। इसकी शिकायत बड़ौली ने नायब सैनी और मनोहर लाल से की थी। साथ ही सुबूत भी दोनों नेताओं के सामने रखे थे। हाल ही में गन्नौर की विधायक निर्मल चौधरी के पति का ऑडियो भी वायरल हुआ है। इस ऑडियो में खुद को सुरेंद्र चौधरी बताते हुए एक व्यक्ति दूसरी तरफ बात करने वाले व्यक्ति को भाजपा को छोड़ कांग्रेस के उम्मीदवार सतपाल ब्रह्मचारी के पक्ष में खुल कर वोट डालने को बोल रहा है।
महेंद्रगढ़ में नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन:काले बिल्ले लगाकर नारेबाजी की; बोलीं- केंद्र के समान 7200 रुपए भत्ता मिले
महेंद्रगढ़ में नर्सिंग स्टाफ का प्रदर्शन:काले बिल्ले लगाकर नारेबाजी की; बोलीं- केंद्र के समान 7200 रुपए भत्ता मिले हरियाणा के महेंद्रगढ़ में मंगलवार को नागरिक अस्पताल में जिला प्रधान नर्सिंग स्टाफ सुशीला कौशिक के नेतृत्व में नर्सिंग स्टाफ के सभी सदस्यों ने काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन किया। हरियाणा सरकार व स्वास्थ्य विभाग हरियाणा को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार व स्वास्थ्य विभाग हरियाणा उनकी मांगों को मानने में अभी भी सकारात्मक कार्यवाही अमल में नहीं लाता है तो 24 जुलाई को दोबारा काले बिल्ले लगाकर विरोध करेंगे तथा 25 जुलाई को सुबह 9 बजे से 11 बजे तक 2 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी। उसके बाद राज्य कार्यकारिणी की मीटिंग करके आगामी निर्णय लिया जाएगा। ये हैं प्रमुख मांगें उनकी मांग है कि तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार लंबे समय से की जा रही अपनी प्रमुख मांगों में केंद्र के समान नर्सिंग भत्ता 7200 रुपए देने, नर्सिंग अधिकारी के पद को केंद्र सरकार की तर्ज पर ग्रुप सी से ग्रुप बी में शामिल करने तथा डीजीएचएच हरियाणा, पंचकूला के कार्यालय में डिप्टी डायरेक्टर नर्सिंग व असिस्टेंट डायरेक्टर नर्सिंग के पदों पर नर्सिंग स्टाफ के कर्मचारियों की तुरन्त प्रभाव से नियुक्ति करने को लेकर है। इस अवसर पर जिला प्रमुख आडिटर बिमला बाई, जिला प्रेस सचिव नीतू कक्कड़, सिनियर नर्सिंग अधिकारी उर्मिला रानी,सुनीता यादव, सुनीता देवी,पूर्व जिला कोषाध्यक्ष,सरिता देवी,रजनी देवी, ज्योति बोहरा, ओम प्रभा,मुकेश देवी,मधु यादव, लक्ष्मी,मनोज देवी,कुलदीप गुज्जर आदि सभी नर्सिंग अधिकारीयों व नर्सिंग मौजूद रहे।
हरियाणा के पूर्व CM चौटाला की पार्टी को लास्ट चांस:विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन न करने पर रद्द होगी मान्यता; छिन जाएगा चश्मा
हरियाणा के पूर्व CM चौटाला की पार्टी को लास्ट चांस:विधानसभा में अच्छा प्रदर्शन न करने पर रद्द होगी मान्यता; छिन जाएगा चश्मा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को भारत चुनाव आयोग (ECI) ने लास्ट चांस दिया है। 2024 में विधानसभा चुनाव में यदि पार्टी तय वोट प्रतिशत नहीं लेकर आती है तो पार्टी की मान्यता रद्द हो जाएगी। साथ ही पार्टी का चुनाव चिन्ह (चश्मा) वापस ले लिया जाएगा। पूर्व डिप्टी CM और जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेता दुष्यंत चौटाला भी कह चुके हैं कि इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) का सिंबल छिन सकता है। ऐसे समझें इनेलो से सिंबल छिनने के खतरे का गणित…
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार किसी भी पार्टी को लगातार 2 चुनाव (लोकसभा व विधानसभा) में निर्धारित वोट नहीं मिलते हैं तो स्टेट पार्टी का दर्जा छिन जाता है। लोकसभा चुनाव में 6% वोट और एक सीट या 8% वोट की जरूरत होती है। विधानसभा में 6% वोट और 2 सीटें होनी चाहिए। नियम के अनुसार, अगर लगातार 2 चुनाव (2 लोस व 2 विस) में ये सब नहीं होता है तो पार्टी का चुनाव चिह्न भी छिन सकता है। इनेलो का चुनाव में प्रदर्शन
विभाजन से पहले हरियाणा में इनेलो का मत प्रतिशत ठीक रहा है। इनेलो लगातार लोकसभा चुनाव में 15 से 28 प्रतिशत वोट हासिल करती रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इनेलो के दो सांसद थे और उन्हें 24.4 प्रतिशत वोट मिले थे। 2019 में विभाजन के बाद इनेलो का सबसे खराब प्रदर्शन रहा और उसे मात्र 1.9 प्रतिशत वोट मिले। 2019 के लोकसभा चुनाव में जजपा का प्रदर्शन भी कुछ खास नहीं रहा। उसे केवल 4.9 प्रतिशत ही वोट मिले थे। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सिर्फ 1.47% की वोट शेयर मिला। 2016 में मिल चुकी राहत
2016 में चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश में संशोधन से INLD को राहत जरूर मिली है। संशोधन के बाद अब किसी राजनीतिक दल को अगले लोकसभा या राज्य विधानसभा चुनावों में मान्यता खोने के बाद भी ‘स्टेट पार्टी’ या ‘नेशनल पार्टी’ का टैग बनाए रखने की अनुमति मिलती है। हालांकि, अगर पार्टी राज्य विधानसभा या लोकसभा के लिए होने वाले चुनावों में अपनी पात्रता हासिल करने में विफल रहती है, तो वह राज्य या राष्ट्रीय पार्टी का अपना दर्जा खो देगी। कानूनी विश्लेषकों का कहना है कि INLD फिलहाल इसी श्रेणी में आती है। इसकी पुष्टि विधानसभा के पूर्व अतिरिक्त सचिव राम नारायण यादव ने की है। पूर्व डिप्टी PM देवीलाल ने बनाई थी INLD
पूर्व डिप्टी PM ताऊ देवीलाल ने 1987 में इंडियन नेशनल लोकदल के नाम से क्षेत्रीय दल बनाया था, जिसके अध्यक्ष अब उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला हैं। वर्तमान में हरियाणा में इनेलो और जजपा ही दो क्षेत्रीय दल हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में 2 सीटों हिसार व सिरसा पर जीत दर्ज करने वाली INLD 2019 के आम चुनावों में अधिकतर सीटों पर जमानत नहीं बचा पाई थी। इसी तरह विधानसभा चुनाव में भी सिर्फ अभय सिंह चौटाला ही जीत दर्ज कर सके, जो इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के बेटे हैं।