केंद्र में PM नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार का 9 जून को संभावित शपथग्रहण है। इसमें हरियाणा से 2 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिनमें राव इंद्रजीत सिंह को दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके लिए राव इंद्रजीत दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद से जीते कृष्णपाल गुर्जर के दोबारा मंत्री बनने के चांस कम नजर आ रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर की जगह भिवानी-महेंद्रगढ़ से जाट चेहरे चौधरी धर्मबीर या कुरूक्षेत्र से जीतने वाले नवीन जिंदल को जगह मिल सकती है। वहीं हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में हैं। भाजपा उन्हें जेपी नड्डा की जगह ये जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि उनको राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने की चर्चा भी तेज है। चूंकि हरियाणा में 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यहां से चुने गए सांसदों को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारियां मिलनी तय मानी जा रही हैं। खट्टर मोदी के पुराने साथी, संगठन का अनुभव
मनोहर लाल खट्टर करनाल से सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने अचानक उन्हें हरियाणा CM की कुर्सी से हटा लोकसभा टिकट दी थी। जिसमें उन्होंने चुनाव जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी की गुडबुक में हैं। वे मोदी के पुराने साथी रह चुके हैं। खुद मोदी ने चुनाव से पहले गुरुग्राम में कहा था कि जब वे हरियाणा में थे तो खट्टर के साथ बाइक पर रोहतक से गुरुग्राम आते थे। इसके अलावा खट्टर को संगठन का भी बड़ा अनुभव है। वह 2014 में ही विधायक का चुनाव लड़े। इससे पहले करीब 3 दशक से ज्यादा वक्त तक उन्होंने संगठन का काम किया। इस वजह से उनको अध्यक्ष बनाने की चर्चा है। चुनाव में जीत के बाद वे दिल्ली जाकर जेपी नड्डा और अमित शाह से भी मिल चुके हैं। उनको सरकार में लेने की भी पैरवी हो रही है। इसके लिए उनके साढ़े 9 साल हरियाणा में सरकार चलाने के अनुभव का हवाला दिया जा रहा है। अहीरवाल में 14 विधानसभा सीटों पर राव का दबदबा
राव इंद्रजीत सिंह की मंत्रिमंडल में दावेदारी इसलिए मजबूत हैं, क्योंकि वे अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता हैं। दक्षिणी हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह का खुद का प्रभाव रहा है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली हैं। इस बार भी राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को राव ने हरा दिया। वे छठी बार सांसद बने। ऐसे में राव को बाहर कर भाजपा दक्षिणी हरियाणा की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सियासी समीकरण देख लग सकता है धर्मबीर का नंबर
गुर्जर को मंत्रीपद न देने के बाद भी हरियाणा को भाजपा नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधानसभा चुनाव के समीकरण को देखते हुए भाजपा भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार जीतने वाले चौधरी धर्मबीर को मंत्री बना सकती है। धर्मबीर बड़े जाट चेहरे हैं। अभी राज्य में BJP की सरकार में बड़े लेवल पर जाटों का प्रतिनिधित्व कम है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सीटें हारने में जाटों की नाराजगी बड़ी वजह बनी। भाजपा इससे उसे साध सकती है। बहुमत न मिलने से कटेगा गुर्जर का पत्ता
फरीदाबाद से लगातार तीसरी बार जीते कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। मगर, इस बार उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के चांस कम है। कृष्णपाल गुर्जर ने भले ही 1 लाख, 72 हजार 914 के अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज कर ली, लेकिन BJP के पूर्ण बहुमत में नहीं आने की वजह से इस बार गठबंधन सहयोगियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यही वजह है कि कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री पद देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भी अभी तक कोई विचार नहीं किया है। केंद्र में PM नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार का 9 जून को संभावित शपथग्रहण है। इसमें हरियाणा से 2 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिनमें राव इंद्रजीत सिंह को दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके लिए राव इंद्रजीत दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद से जीते कृष्णपाल गुर्जर के दोबारा मंत्री बनने के चांस कम नजर आ रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर की जगह भिवानी-महेंद्रगढ़ से जाट चेहरे चौधरी धर्मबीर या कुरूक्षेत्र से जीतने वाले नवीन जिंदल को जगह मिल सकती है। वहीं हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में हैं। भाजपा उन्हें जेपी नड्डा की जगह ये जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि उनको राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने की चर्चा भी तेज है। चूंकि हरियाणा में 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यहां से चुने गए सांसदों को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारियां मिलनी तय मानी जा रही हैं। खट्टर मोदी के पुराने साथी, संगठन का अनुभव
मनोहर लाल खट्टर करनाल से सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने अचानक उन्हें हरियाणा CM की कुर्सी से हटा लोकसभा टिकट दी थी। जिसमें उन्होंने चुनाव जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी की गुडबुक में हैं। वे मोदी के पुराने साथी रह चुके हैं। खुद मोदी ने चुनाव से पहले गुरुग्राम में कहा था कि जब वे हरियाणा में थे तो खट्टर के साथ बाइक पर रोहतक से गुरुग्राम आते थे। इसके अलावा खट्टर को संगठन का भी बड़ा अनुभव है। वह 2014 में ही विधायक का चुनाव लड़े। इससे पहले करीब 3 दशक से ज्यादा वक्त तक उन्होंने संगठन का काम किया। इस वजह से उनको अध्यक्ष बनाने की चर्चा है। चुनाव में जीत के बाद वे दिल्ली जाकर जेपी नड्डा और अमित शाह से भी मिल चुके हैं। उनको सरकार में लेने की भी पैरवी हो रही है। इसके लिए उनके साढ़े 9 साल हरियाणा में सरकार चलाने के अनुभव का हवाला दिया जा रहा है। अहीरवाल में 14 विधानसभा सीटों पर राव का दबदबा
राव इंद्रजीत सिंह की मंत्रिमंडल में दावेदारी इसलिए मजबूत हैं, क्योंकि वे अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता हैं। दक्षिणी हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह का खुद का प्रभाव रहा है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली हैं। इस बार भी राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को राव ने हरा दिया। वे छठी बार सांसद बने। ऐसे में राव को बाहर कर भाजपा दक्षिणी हरियाणा की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सियासी समीकरण देख लग सकता है धर्मबीर का नंबर
गुर्जर को मंत्रीपद न देने के बाद भी हरियाणा को भाजपा नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधानसभा चुनाव के समीकरण को देखते हुए भाजपा भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार जीतने वाले चौधरी धर्मबीर को मंत्री बना सकती है। धर्मबीर बड़े जाट चेहरे हैं। अभी राज्य में BJP की सरकार में बड़े लेवल पर जाटों का प्रतिनिधित्व कम है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सीटें हारने में जाटों की नाराजगी बड़ी वजह बनी। भाजपा इससे उसे साध सकती है। बहुमत न मिलने से कटेगा गुर्जर का पत्ता
फरीदाबाद से लगातार तीसरी बार जीते कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। मगर, इस बार उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के चांस कम है। कृष्णपाल गुर्जर ने भले ही 1 लाख, 72 हजार 914 के अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज कर ली, लेकिन BJP के पूर्ण बहुमत में नहीं आने की वजह से इस बार गठबंधन सहयोगियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यही वजह है कि कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री पद देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भी अभी तक कोई विचार नहीं किया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर