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कपूरथला की 78 मंडियों में धान की खरीद शुरू:7.60 लाख MT धान खरीद का लक्ष्य, सुबह 6-10 के बीच कंबाइन से कटाई पर रोक
कपूरथला की 78 मंडियों में धान की खरीद शुरू:7.60 लाख MT धान खरीद का लक्ष्य, सुबह 6-10 के बीच कंबाइन से कटाई पर रोक कपूरथला जिले की मंडियों में आज से धान की खरीद सुचारु रूप से शुरू हो गई है। जिसमें धान की सरकारी खरीद के तहत जिले में किसानों को अब तक खरीदी गई फसल का 36 लाख रुपए का भुगतान निर्धारित समय के अंदर किया जा चुका है। DC अमित कुमार पांचाल ने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए 7 लाख 60 हजार MT धान की सरकारी खरीद लक्ष्य के तहत जिले की 78 मंडियों में 1124 मीट्रिक टन (MT) धान की आवक हो चुकी है, और 866 मीट्रिक टन धान की खरीद पूर्ण हो चुकी है। पंजाब स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से 39 मीट्रिक टन धान खरीदा गया उन्होंने कहा कि अगले सप्ताह में मंडियों में धान की आमद तेज हो जाएगी। खरीदे गए 866 मीट्रिक टन धान में से पनग्रेन से 150 मीट्रिक टन, मार्कफेड से 336 मीट्रिक टन, पनसप से 341 मीट्रिक टन और पंजाब स्टेट वेयरहाउस कॉर्पोरेशन से 39 मीट्रिक टन धान खरीदा गया है। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं सप्लाई विभाग को किसानों को खरीदे गये धान का भुगतान 48 घंटे के अंदर सुनिश्चित करने को भी कहा गया है। डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से रात में फसल नहीं काटने का आग्रह करते हुए कहा कि वे सूखा धान ही मंडी में लेकर आएं ताकि उनकी फसल अविलंब खरीदी जा सके। कंबाइन से धान की कटाई पर रोक गौरतलब है कि शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइन से धान की कटाई पर रोक लगा दी गई है। DC ने कहा कि मंडी बोर्ड के अधिकारियों को तिरपाल आदि की पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है, ताकि किसी भी संभावित खराब मौसम को देखते हुए धान को नुकसान से बचाया जा सके। इसके अलावा किसानों और श्रमिकों के लिए पीने के पानी आदि की भी व्यवस्था की गई है।
सिरसा में 3 स्कूल संचालकों-प्रिंसिपलों की होगी गिरफ्तारी:कोरोना काल में स्टूडेंट्स के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर एडमिशन कराए; बोर्ड ने रोक लिया था रिजल्ट
सिरसा में 3 स्कूल संचालकों-प्रिंसिपलों की होगी गिरफ्तारी:कोरोना काल में स्टूडेंट्स के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर एडमिशन कराए; बोर्ड ने रोक लिया था रिजल्ट हरियाणा के सिरसा में कोरोना काल में स्टूडेंट्स के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करने के मामले में शामिल 3 स्कूल संचालकों और प्रिंसिपलों समेत 7 लोगों की जल्द गिरफ्तारी होगी। एसपी विक्रांत भूषण ने सीआईए टीम को इसके निर्देश दिए हैं। पुलिस ने दो दिन पहले ही इस मामले में एक क्लर्क को गिरफ्तार किया था। साल 2022 में हुआ था केस दर्ज अप्रैल 2021 में गांव पतली डाबर स्थित प्राइवेट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में क्लर्क ने 11वीं क्लास के 8 बच्चों के फर्जी प्रमाण पत्र व फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट तैयार किए थे। इसके बाद इन बच्चों के 12वीं कक्षा के फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए थे, लेकिन बोर्ड ने रिजल्ट रोक लिया था। जिसके बाद फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव कृष्ण ने सिरसा में शहर थाना पुलिस को 30 सितंबर 2022 को शिकायत दी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने व भिवानी बोर्ड में फर्जी रिकॉर्ड भेजकर बोर्ड के साथ धोखाधड़ी करने का केस दर्ज किया था। उसके बाद तत्कालीन एसपी ने सीआईए को जांच सौंपी थी। इन स्कूल संचालकों व प्रिंसिपलों का नाम शामिल इस मामले में श्रीगुरु तेग बहादुर सीनियर सेकेंडरी स्कूल पतली डाबर, ज्ञान ज्योति पब्लिक स्कूल मानक दिवान, श्रीगुरु नानक देव सीनियर सेकेंडरी स्कूल भंगू के संचालक, प्रिंसिपल व लिपिक, श्रीसाई संस्थान द्वारिका पूरी इंस्टीट्यूट सिरसा के मालिक सीताराम, गुरदीप सिंह, बलजिंद्र सिंह गदराना व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इनमें से अभी तक गांव पतली डाबर के स्कूल में क्लर्क गांव भंबूर निवासी सुखविंद्र सिंह उर्फ गगन की ही गिरफ्तारी हुई है। इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत केस दर्ज है। ऐसा किया गया था फर्जीवाड़ा दरअसल, अप्रैल 2021 में कोरोना महामारी के कारण शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बोर्ड परीक्षाएं नहीं हुई थी। सभी स्टूडेंट्स को प्रमोट किया गया था और परीक्षाएं रद्द होने के कारण सीधा रिजल्ट घोषित किया जाना था। सीनियर सेकेंडरी की वार्षिक परीक्षा अप्रैल -2021 में सम्मिलित होने वाले स्टूडेंट्स, जिनके द्वारा सेकेंडरी परीक्षा अन्य राज्य के बोर्डों से पास की गई थी, उनकी परीक्षा की पात्रता से संबंधित दस्तावेज चेक किए गए। दस्तावेज चेक करने पर पाया गया कि कुछ परीक्षार्थियों के सेकेंडरी प्रमाण-पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की सेकेंडरी परीक्षा के समकक्ष नहीं है, यानी वह दस्तावेज फर्जी पाए गए। एडमिशन के समय स्कूल में इन दस्तावेजों की जांच नहीं हुई। 92 स्कूलों में 129 छात्रों के हुए थे फर्जी दाखिले बोर्ड सचिव की शिकायत के अनुसार 92 स्कूलों में उस समय 129 छात्रों के फर्जी दाखिले दर्शाए गए थे। शिकायत में बताया गया था कि स्कूलों में फर्जी डीएमसी के आधार पर 129 स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया और कोरोना काल में 12वीं कक्षा पास की। जांच में सामने आया कि इन स्टूडेंट्स ने हरियाणा, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड और बिहार समेत अन्य राज्यों के फर्जी बोर्ड से 10वीं कक्षा के फर्जी सर्टिफिकेट लेकर फर्जीवाड़ा किया।