उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से नई दिल्ली में मुलाकात की। भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी 3.0 में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात रही। सीएम योगी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली में ही रात्रि विश्राम किया। सोमवार की सुबह वे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह व नितिन गडकरी से मुलाकात करने पहुंचे। तीनों नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने की शुभकामना दी। गौरतलब है कि राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की लखनऊ, अमित शाह गुजरात की गांधीनगर और नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा से चुनाव जीते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार भी किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनियुक्त केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी से नई दिल्ली में मुलाकात की। भाजपा के तीनों नेताओं ने रविवार को मोदी 3.0 में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। 2024 लोकसभा चुनाव जीतने के बाद तीनों वरिष्ठ नेताओं से योगी आदित्यनाथ की यह पहली मुलाकात रही। सीएम योगी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नई दिल्ली में ही रात्रि विश्राम किया। सोमवार की सुबह वे केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह व नितिन गडकरी से मुलाकात करने पहुंचे। तीनों नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल होने की शुभकामना दी। गौरतलब है कि राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की लखनऊ, अमित शाह गुजरात की गांधीनगर और नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर लोकसभा से चुनाव जीते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी की लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार भी किया था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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यूपी में पेपर लीक रोकने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम, दोषियों पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, जेल में बीतेगी जिन्दगी
यूपी में पेपर लीक रोकने के लिए अब तक का सबसे बड़ा कदम, दोषियों पर लगेगा 1 करोड़ का जुर्माना, जेल में बीतेगी जिन्दगी <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Paper Leak Rule:</strong> यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा और आरओ-एआरओ परीक्षा में हुए पेपर लीक को देखते हुए योगी सरकार उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा अध्यादेश 2024 लेकर आएगी. इसके तहत पेपर लीक में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास तक और एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इस प्रस्ताव को योगी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. वहीं, पेपर लीक या अन्य कारणों से परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले खर्च की भरपाई सॉल्वर गैंग से वसूली कर की जाएगी. साथ ही परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कंपनियों और सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक प्रेस नोट में योगी सरकार की ओर से बताया गया कि सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों, पेपरलीक को रोकने, साल्वर गिरोह पर प्रतिबन्ध लगाने और उससे जुड़े और उसके आनुषगिक मामलो का प्रावधान करने के उद्देश्य से भारत के संविधान के अनुच्छेद 213 के खण्ड-(1) द्वारा प्रदत शक्तियो का प्रयोग करके उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोक्थाम) अध्यादेश, 2024 का प्रख्यापन प्रस्तावित किया जा रहा है. उक्त परीक्षा प्राधिकारियों जैसे- उ०प्र० लोक सेवा आयोग, उ०प्र० अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उ०प्र० बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्था भी सम्मिलित है. उक्त अधिनियम का विस्तार सार्वजनिक सेवा भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति परीक्षाए, डिग्री डिप्लोमा, प्रमाण-पत्रों या शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की प्रवेश परीक्षा पर भी लागू होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-government-big-announcement-on-old-pension-scheme-great-news-for-up-government-employees-2723069″><strong>यूपी में इन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन! योगी सरकार का बड़ा ऐलान</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये काम करना अब दण्डनीय अपराध</strong><br />सरकार ने कहा कि फर्जी प्रश्नपत्र बाटना, फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि भी दण्डनीय अपराध बनाये गये हैं. अधिनियम के प्राविधानों के उल्लघन के लिये न्यूनतम दो वर्ष से लेकर आजीवन कारावास का दण्ड तथा एक करोड़ रूपये तक के दण्ड का भी प्राविधान किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जानकारी दी गई कि उक्त के अतिरिक्त यदि परीक्षा प्रभावित होती है, तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली कम्पनियों तथा सेवा प्रदाताओं को सदैव के लिए ब्लैक लिस्ट करने का भी प्रावधान किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>योगी सरकार ने बताया कि अधिनियम में अपराध की दशा में सम्पत्ति की कुर्की भी प्राविधानित की गयी है. अधिनियम के समस्त अपराध संज्ञेय. गैर जमानतीय एवं सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय एवं अशमनीय बनायी गयी है. जमानत के सम्बन्ध में भी कठोर प्राविधान किये गये हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरकार ने कहा कि वर्तमान में विधानमण्डल के सत्र में न होने के कारण विधेयक के स्थान पर अध्यादेश का प्रस्ताव किया जाना समीचीन होगा. अतः उत्तर प्रदेश शासन के गृह विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश, 2024 प्रख्यापित किये जाने के संबध में प्रस्ताव किया गया है.</p>
हरियाणा में स्थापित होगी सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा:डबवाली से चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय चौटाला का दांव, सितंबर में होगा अनावरण
हरियाणा में स्थापित होगी सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा:डबवाली से चुनाव जीतने के लिए दिग्विजय चौटाला का दांव, सितंबर में होगा अनावरण जन नायक जनता पार्टी(JJP) के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला सिरसा की डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वह इन दिनों डबवाली हलके में काफी सक्रिय हैं और लोगों के सुख-दुख बांट रहे हैं। दिग्विजय चौटाला ने यह कहकर चौका दिया है कि वह डबवाली में सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा लगाएंगे। दिग्विजय चौटाला का कहना है यह प्रतिमा अगले 2 माह में तैयार हो जाएगी। डबवाली में कोई निश्चित स्थान इसके लिए देखा जा रहा है। दिग्विजय ने बताया कि प्रतिमा लगाने के लिए सिद्धू मसूवाला के पिता बलकौर सिंह से वह इसकी इजाजत ले चुके हैं। प्रतिमा स्थापित हो जाने के बाद बलकौर सिंह खुद आकर सिद्धू मुसेवाला की प्रतिमा का अनावरण अपने हाथों से करेंगे। दिग्विजय ने कहा कि एक साधारण परिवार से सिद्धू मूसेवाला ने बेहद कम उम्र में अपनी मेहनत के दम पर पूरे देश और दुनिया में नाम कमाया जो सभी युवाओं के लिए एक मिसाल है। उनका कहना है कि डबवाली में मूसेवाला की प्रतिमा युवाओं को प्रेरणा देगी। प्रतिमा लगाने के पीछे हैं यह 3 कारण
1. डबवाली में पंजाबी वोटरों की संख्या अच्छी तादात में है। यह वोटर लोकसभा में कांग्रेस के साथ दिखाई दिया। सुखबीर बादल ओपी चौटाला की पार्टी INLD का साथ दे रहे हैं। JJP और INLD जब साथ में थे तो यह पंजाब वोट INLD को पड़ते थे साथ में बागड़ी वोट भी करीब-करीब एक जगह पड़ते थे। मगर पार्टी में विभाजन के बाद स्थिति बदल गई। 2. इसके अलावा डबवाली के नजदीक कालावाली, रानिया, सिरसा, फतेहाबाद, रतिया और टोहाना तक पंजाबी वोटरों का साधने का प्रयास JJP कर रही है। कभी यह क्षेत्र चौटाला परिवार का गढ़ माना जाता था मगर लोकसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में हालत खराब दिखी। सिरसा लोकसभा में JJP और INLD कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाई। 3. दिग्विजय चौटाला अब तक एक भी चुनाव नहीं जीत पाए हैं पिछले दो चुनाव में वह हारे हैं। उन्होंने सोनीपत सीट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ा मगर वह हार गए। इसके अलावा जींद उपचुनाव में किस्मत आजमाई मगर यहां भी वह हार गए। इसके बाद उन्होंने कोई चुनाव नहीं लड़ा मगर अब वह चौटाला परिवार की परंपरागत सीट से चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं। इस बार डबवाली विधानसभा में आमने-सामने होगा देवीलाल का कुनबा
हरियाणा में लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी चौटाला परिवार एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ सकता है। इतना ही नहीं ऐसा पहली बार होगा जब देवीलाल का कुनबा अलग-अलग पार्टियों से एक दूसरे के सामने होगा। हरियाणा की राजस्थान और पंजाब को छूती डबवाली विधानसभा में इस बार नए समीकरण बन रहे हैं। यहां मुकाबला रोचक होने वाला है। चौटाला परिवार जहां अपनी परंपरागत सीट दोबारा हासिल करने की जद्दोजहद में है तो वहीं देवीलाल के कुनबे से ही आने वाले अमित सिहाग दूसरी बार कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा जाने की तैयारी कर रहे हैं। डबवाली विधानसभा में इनेलो का सबसे अधिक कब्जा रहा है। इस बार यहां से इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला की पत्नी कांता चौटाला मैदान में उतर सकती हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय चौटाला JJP से और BJP से आदित्य चौटाला मैदान में उतर सकते हैं। ऐसा पहली बार होगा जब 4 दलों से परिवार आपस में लड़ेगा। चौटाला गांव से बने ज्यादा विधायक
डबवाली में पंजाबी और बागड़ी बेल्ट दोनों शामिल हैं। राजस्थान के साथ लगते इलाके में बागड़ी बेल्ट और पंजाब के साथ लगते क्षेत्र में पंजाबी मतदाता अधिक हैं। चौटाला परिवार की पकड़ दोनों ही बेल्ट में मजबूत मानी जाती है। गांव चौटाला, गंगा, कालुआना, बनवाली और ओढ़ा यहां के बड़े गांव हैं। इस बार चार उम्मीदवार एक ही गांव चौटाला के हो सकते हैं। हालांकि इसी गांव से ज्यादा विधायक बनते आए हैं। ताऊ देवीलाल के परिवार के हैं ये सब लोग
दिग्विजय चौटाला अजय चौटाला के छोटे बेटे हैं और देवीलाल की पड़ पौत्र हैं। वहीं आदित्य चौटाला ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। डॉ. केवी सिंह देवीलाल के भतीजे हैं और इनका बेटा अमित सिहाग मौजूदा विधायक हैं। कांता चौटाला देवीलाल की पौत्र बहू है। ऐसे में चारों ही दावेदारों की नजदीकी रिश्तेदारियां हैं। कांता चौटाला दिग्विजय चौटाला की चाची और आदित्य चौटाला की भाभी हैं। डॉ. केवी सिंह कांता चौटाला के ससुर हैं। डॉ. केवी सिंह और आदित्य का चाचा-भतीजे का नाता है। ऐसे में हरियाणा में शायद डबवाली ही ऐसी इकलौती सीट होगी, जहां इस पर प्रदेश के एक बड़े सियासी घराने के सदस्य आमने-सामने होंगे।
जम्मू में बजरंग दल का प्रदर्शन, फारूक अब्दुल्ला पुतला फूंका, पूर्व CM को जेल भेजने की मांग
जम्मू में बजरंग दल का प्रदर्शन, फारूक अब्दुल्ला पुतला फूंका, पूर्व CM को जेल भेजने की मांग <p style=”text-align: justify;”><strong>Bajrang Dal Protest Against Farooq Abdullah:</strong> जम्मू में बजरंग दल ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम का पुतला भी फूंका. फारूक अब्दुल्ला के हाल के बयानों से तिलमिलाए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार से उन्हें सलाखों के पीछे डालने की मांग की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बजरंग दल के निशाने पर फारूक अब्दुल्ला का वह बयान था, जिसमें हाल ही में उन्होंने कहा था कि सरकार को अस्थिर करने के लिए कश्मीर और जम्मू में यह हमले किए जा रहे हैं. बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बजरंग दल के जम्मू के अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा, ”यह प्रदर्शन फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ किया गया क्योंकि वह समय-समय देश विरोधी बयान देते रहते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’फारूक अब्दुल्ला के बयान से पाकिस्तान प्रेम झलकता है'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, ”ऐसे बयानों से डॉ. फारूक अब्दुल्ला का पाकिस्तान प्रेम साफ झलकता है. बजरंग दल ने फारूक अब्दुल्ला से सवाल किया कि अगर उन आतंकियों को जो देश में सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं, जो मासूम को निशाना बनाते हैं, उन्हें मारा नहीं जाना चाहिए तो उनके साथ क्या किया जाना चाहिए.”<br /> <br />बजरंग दल ने फारूक अब्दुल्ला के उस बयान को भी आड़े हाथों लिया जिसमें उन्होंने कहा कि एजेंसियां मिलकर प्रदेश सरकार को अस्थिर करने के लिए यह हमले करवा रहे हैं. राकेश बजरंगी ने कहा, ”फारूक अब्दुल्ला के इस बयान से साफ लगता है कि वह आतंकवाद के मामले पर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं.”<br /> <br /><strong>फारूक अब्दुल्ला को जेल में डाल देना चाहिए- राकेश बजरंगी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बजरंग दल ने केंद्र सरकार से फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की. उन्होंने कहा, ”जो भारत में रहकर कुर्सी का सुख भोगते हैं, भारत का खाते भी हैं लेकिन पाकिस्तान और आतंकवाद के समर्थन में बात करते हैं, उन्हें जेल में डाल दिया जाना चाहिए.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: </strong><strong><a title=”‘जम्मू को स्थायी राजधानी घोषित करें’, उद्धव गुट का प्रदर्शन, CM उमर अब्दुल्ला से की मांग” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/jammu-kashmir-shiv-sena-uddhav-thackeray-leader-manish-sahni-protest-demanded-jammu-permanent-capital-of-state-ann-2816558″ target=”_self”>’जम्मू को स्थायी राजधानी घोषित करें’, उद्धव गुट का प्रदर्शन, CM उमर अब्दुल्ला से की मांग</a></strong></p>