जालंधर के विधीपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दो लुटेरों की हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आज इस मामले को लेकर जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंगुर गुप्ता ने विस्तार से जानकारी सांझा की। एसएसपी गुप्ता ने कहा कि, मृत युवकों ने डिलीवरी बॉयज के साथ लूट की थी। इसी से गुस्साए आरोपियों ने हत्या की। जिसके बाद उन्होंने अपने वॉट्सएप ग्रुप में आरोपियों ने एक मैसेज डाला और बताया कि हमारे एक साथी के साथ लूट हो गई। लूट का पता चलते ही सभी ने अपना काम बंद कर लुटेरों की तलाश शुरू कर दी थी। लुटेरे उन्हें मकसूदा चौक के पास मिले। आरोपी लुटेरों का पीछा करते हुए विधीपुर फाटक के पास पहुंचे और वहां ले जाकर सभी ने मिलकर तीनों लुटेरों की हत्या कर दी। क्राइम सीन से बरामद एक्टिवा लूट की थी आरोपियों ने हत्या रोड साइड पर पड़ी ईंटों से वार कर की थी, जो कि पुलिस ने केस एविडेंस के तौर पर अपने कब्जे में ले ली है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजीत नगर के रहे वाले पुनीत, बस्ती गुजा दिलबाग नगर के रहने वाले रोहित कुमार उर्फ काई, भार्गव कैंप के रहने वाले मगनदीप और शुभम सत्यवान उर्फ नेपाली निवासी न्यू दशमेश नगर के रूप में हुई है। साथ ही एसएसपी ने बताया कि जो एक्टिवा पुलिस को क्राइम सीन से बरामद हुई थी, उक्त एक्टिवा मृत लुटेरों ने गुलाब देवी रोड के पास से लूटी थी। फरार चल रहे तीन आरोपियों की फिलहाल तलाश जारी है, जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मर्डर किए गए आरोपी डिलीवरी बॉयज को करते थे टारगेट मारे गए दोनों आरोपी रोज रात में डिलीवरी बॉयज को टारगेट करते थे और उनके नकदी व फोन लूट लेते थे। 26 मई को जोमेटो डिलीवरी बॉय से लूट हुई तो सभी आरोपियों को खोजने में लग गए थे। 26 मई की रात मर्डर किए गए शिवा और उसके साथी बब्बल को डीएपी फ्लाईओवर के पास उन्होंने देखा और पीछा शुरू कर दिया। दोनों आरोपियों को विधिपुर पास घेर कर उसकी धुनाई कर दी। दोनों आरोपी धुनाई के दौरान ज्यादा जख़्मी हो गए थे। जिसे एक की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं, दूसरी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जल्द चारों आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जिससे फरार चल रहे बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। एरिया का डंप निकलवाने से ट्रेस हुए आरोपी जानकारी के अनुसार, पुलिस द्वारा ब्लाइंड मर्डर केस की जांच पिछले काफी समय से की जा रही है। पुलिस ने हाईवे पर कई सीसीटीवी खंगाले, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस ने विधिपुर रेलवे क्रॉसिंग के आसपास का मोबाइल डंप निकलवाया। जिससे उक्त आरोपियों की लोकेशन क्राइम सीन के आसपास पाई गई। पुलिस ने उक्त जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। जालंधर के विधीपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दो लुटेरों की हत्या करने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आज इस मामले को लेकर जालंधर देहात पुलिस के एसएसपी अंगुर गुप्ता ने विस्तार से जानकारी सांझा की। एसएसपी गुप्ता ने कहा कि, मृत युवकों ने डिलीवरी बॉयज के साथ लूट की थी। इसी से गुस्साए आरोपियों ने हत्या की। जिसके बाद उन्होंने अपने वॉट्सएप ग्रुप में आरोपियों ने एक मैसेज डाला और बताया कि हमारे एक साथी के साथ लूट हो गई। लूट का पता चलते ही सभी ने अपना काम बंद कर लुटेरों की तलाश शुरू कर दी थी। लुटेरे उन्हें मकसूदा चौक के पास मिले। आरोपी लुटेरों का पीछा करते हुए विधीपुर फाटक के पास पहुंचे और वहां ले जाकर सभी ने मिलकर तीनों लुटेरों की हत्या कर दी। क्राइम सीन से बरामद एक्टिवा लूट की थी आरोपियों ने हत्या रोड साइड पर पड़ी ईंटों से वार कर की थी, जो कि पुलिस ने केस एविडेंस के तौर पर अपने कब्जे में ले ली है। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में अजीत नगर के रहे वाले पुनीत, बस्ती गुजा दिलबाग नगर के रहने वाले रोहित कुमार उर्फ काई, भार्गव कैंप के रहने वाले मगनदीप और शुभम सत्यवान उर्फ नेपाली निवासी न्यू दशमेश नगर के रूप में हुई है। साथ ही एसएसपी ने बताया कि जो एक्टिवा पुलिस को क्राइम सीन से बरामद हुई थी, उक्त एक्टिवा मृत लुटेरों ने गुलाब देवी रोड के पास से लूटी थी। फरार चल रहे तीन आरोपियों की फिलहाल तलाश जारी है, जल्द उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मर्डर किए गए आरोपी डिलीवरी बॉयज को करते थे टारगेट मारे गए दोनों आरोपी रोज रात में डिलीवरी बॉयज को टारगेट करते थे और उनके नकदी व फोन लूट लेते थे। 26 मई को जोमेटो डिलीवरी बॉय से लूट हुई तो सभी आरोपियों को खोजने में लग गए थे। 26 मई की रात मर्डर किए गए शिवा और उसके साथी बब्बल को डीएपी फ्लाईओवर के पास उन्होंने देखा और पीछा शुरू कर दिया। दोनों आरोपियों को विधिपुर पास घेर कर उसकी धुनाई कर दी। दोनों आरोपी धुनाई के दौरान ज्यादा जख़्मी हो गए थे। जिसे एक की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं, दूसरी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया था। जल्द चारों आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। जिससे फरार चल रहे बाकी के आरोपियों की गिरफ्तारी हो सके। एरिया का डंप निकलवाने से ट्रेस हुए आरोपी जानकारी के अनुसार, पुलिस द्वारा ब्लाइंड मर्डर केस की जांच पिछले काफी समय से की जा रही है। पुलिस ने हाईवे पर कई सीसीटीवी खंगाले, मगर कुछ हाथ नहीं लगा। जिसके बाद पुलिस ने विधिपुर रेलवे क्रॉसिंग के आसपास का मोबाइल डंप निकलवाया। जिससे उक्त आरोपियों की लोकेशन क्राइम सीन के आसपास पाई गई। पुलिस ने उक्त जांच के बाद चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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फिरोजपुर में विवाहिता के साथ रेप:पति के दोस्त ने दिया घटना को अंजाम, घटना के वक्त मायके में अकेली थी पीड़िता पंजाब के फिरोजपुर में एक विवाहिता के साथ रेप का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि महिला के साथ उसके पति के दोस्त ने ही रेप किया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी सहित 2 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। मायके आई थी पीड़िता पुलिस को दिए गए बयान में पीड़िता ने बताया है कि वह 13 जून की दोपहर अपने ससुराल से फिरोजपुर शहर स्थित अपने मायके पैसे लेने के लिए आई थी। जब वह अपने मायके पहुंची तो पता चला कि उसकी मां कहीं गई हुई है। जबकि उसकी भाभी पड़ोसी के यहां गई हुई है। इसी बीच आरोपी प्रताप सिंह निवासी गुरूहरसहाय बाइक पर अपने दो दोस्तों के साथ आ गया। पति के दोस्त ने किया रेप आरोपी उनके पति का दोस्त है, जो पीड़िता के पति के साथ उनके मायके में पहले भी आ चुका है। घर में महिला को अकेली देख आरोपी ने रेप की घटना को अंजाम दिया। घटना के समय उसके दोनों दोस्त बाहर दरवाजे पर खड़े रहे। मामले की जांच में जुटी पुलिस फिरोजपुर सिटी थाने की एएसआई राजवंत कौर ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी प्रताप सिंह और उसके दो अज्ञात साथियों के विरूद्ध रेप और आईपीसी की दूसरी धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। SAD बागी गुट की तरफ से श्री अकाल तख्त साहिब पर 1 जुलाई को दिए गए माफीनामे पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से सभी तख्तों के जत्थेदारों की सोमवार को बैठक बुला ली है। इस बैठक में सभी जत्थेदार मिल कर SAD बागी गुट की तरफ से दिए गए माफीनामे पर विचार करेंगे। अकाली दल के लिए भविष्य के लिए ये बैठक अहम होने जा रही है। हाशिए पर खड़े अकाली दल को लेकर सिर्फ बागी गुट ही नहीं, विरोधी पार्टियां भी चिंतित हैं। वहीं, बागी गुट खुल कर झूंदा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहा है। इसके अलावा अकाली दल के अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल को हटाने की मांग भी प्रबल होती जा रही है। हालांकि इस पर अभी तक अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनकी तरफ से पदाधिकारियों की बैठकों को बुला कर अपना शक्ति प्रदर्शन जाहिर कर दिया गया है। माफीनामे के शब्द बढ़ा सकते हैं सुखबीर बादल की दिक्कतें श्री अकाल तख्त साहिब पर बागी गुट की तरफ से दिए गए माफी नामे में लिखी गई बातें अकाली दल सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। इस माफी नामे में बागी गुट ने साफ तौर पर सुखबीर बादल का साथ देने के लिए माफियां मांगी हैं, लेकिन इसके साथ ही बादल परिवार पर वे आरोप लगाए हैं, जिन्हें लेकर सिख समुदाय में लंबे समय से गुस्सा चला आ रहा है। जानें क्या लिखा है माफीनामे में बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। अकाली दल में फूट की वजह, 2 बार लगातार सरकार, फिर 2 बार हार अकाली दल में फूट की वजह सत्ता से बाहर होना है। 2008 तक अकाली दल प्रकाश सिंह बादल के हाथों में था, जबकि 2012 के चुनाव भी प्रकाश सिंह बादल की अगुआई में हुए। 2002 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 62 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जबकि अकाली दल ने 34 सीटें हासिल की। 2007 में अकाली दल फिर सत्ता में आई और 67 पर जीत हासिल की। इस दौरान कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई। 2012 के चुनावों में पहली बार अकाली दल ने खुद को रिपीट किया। प्रकाश सिंह बादल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और अकाली दल ने 68 और कांग्रेस ने 44 सीटें हासिल की। इसके बाद 2017 में अकाली दल को सुखबीर बादल ने अपने हाथों में लिया। उन्होंने चुनाव की अगुआई की। मगर अकाली दल 18 सीटों पर सिमट गया और कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर सरकार बना ली। इस चुनाव में अकाली दल तीसरे नंबर पर रहा क्योंकि 20 सीटें आम आदमी पार्टी जीत गई। 2022 में अकाली दल की स्थिति और दयनीय हो गई। आप 92, कांग्रेस 18 और अकाली दल मात्र 3 सीटों पर सिमट गई। लोकसभा में लगातार 2 बार 4 सीट जीती, अब एक सीट आई 2004 लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस ने 8, बीजेपी एक और शिरोमणि अकाली दल ने एक 4 सीट जीती थीं। जबकि साल 2014 में कांग्रेस 3, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 4, AAP 4 सीटों पर विजेता बनी थी। इसी तरह साल 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने 8, शिरोमणि अकाली दल 2, भाजपा 2 और AAP को एक सीट मिली। इसी तरह साल 2024 के चुनाव में कांग्रेस 7, आप 3, शिरोमणि अकाली दल एक, दो आजाद उम्मीदवार जीते। झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग हो रही ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ 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लुधियाना में कारोबारी को पाकिस्तानी नंबर से थ्रेट:बोला-भतीजा है पुलिस कस्टडी में,कत्ल केस के आरोपियों का है मददगार,50 हजार में होगा छुटकारा
लुधियाना में कारोबारी को पाकिस्तानी नंबर से थ्रेट:बोला-भतीजा है पुलिस कस्टडी में,कत्ल केस के आरोपियों का है मददगार,50 हजार में होगा छुटकारा पंजाब के लुधियाना में केसर गंज मंडी के एक कारोबारी को पाकिस्तान के नंबर से वॉट्सऐप काल आई। काल करने वाले ने खुद को लुधियाना सिटी पुलिस का कर्मचारी बताया। उसने अपने वॉट्सऐप की प्रोफाइल फोटो पर पंजाब पुलिस में तैनात IPS अधिकारी गुरप्रीत सिंह भुल्लर की तस्वीर लगाई हुई है। काल कर बदमाश बोला-इन्वेस्टिगेशन चल रही जितना पूछे उतना जवाब दो काल पर उक्त व्यक्ति ने कारोबारी का नाम लिया और उसके बेटे के बारे पूछा। लेकिन चुस्ती बरतते हुए कारोबारी ने कहा कि भइया बाहर गए है मैं उनका भाई बात कर रहा हूं। उसने पूछा कि आपके भाई का बेटा कहा पढ़ता है तो कारोबारी ने उसे कहा कि बेटा फगवाड़ा में पढ़ाई कर रहा है। उसने जब उससे पूछा कि वह उसके बेटे के बारे कैसे जानता है तो काल करने वाले ठग ने कहा कि ये इन्वेस्टिगेशन चल रही है जितना पूछा जाए उतना ही जवाब दो। काल करने वाले ने खुद को बताया ASI गुरप्रीत सिंह काल करने वाले ने अपना नाम ASI गुरप्रीत सिंह बताया। उसने कहा कि उनका भतीजा पुलिस कस्टडी में है। उसका कसूर यह है कि उसने दो चोरों की मदद की है। उन चोरों ने 10 लाख रुपए की डकैती की है और 1 मर्डर किया है। उनके बेटे को उन चोरों ने कहा कि उनका मोबाइल बंद हो गया है। वह उनकी हैल्प कर दे। उनके बेटे ने उन बदमाशों को अपने फोन से काल करवाई है। उनके बेटे का नंबर काल ट्रेसिंग से निकला है। बदमाश बोला-बाहर से ही छुड़वा लो बेटा काल करके बदमाश ने कहा कि उनके बेटे को जब वह पकड़ कर थाने ले जा रहे थे तो उसने घबरा कर परिवार का नंबर दिया। उसने कहा है कि परिवार से बात कर लो वो मुझे बाहर से ही छुड़वा लेंगे।
कारोबारी ने कहा कि उनके बेटे का नंबर नहीं मिल रहा तो बदमाश ने कहा कि पुलिस ने ही उसका नंबर अभी बंद किया है। इस कारण यदि उसे छुड़वाना है तो करीब 50 से 60 हजार रुपए लगेंगे। गूगल पे पर मांगी फिरौती की रकम कारोबारी ने जब बेटे से बात करने की जिद्द की तो काल करने वाले ने उसे गूगल पे करने के लिए कहा। कारोबारी ने उससे कहा कि वह अपना गूगल पे किसी से भी करवाने है तो करवा दे लेकिन अपने बेटे के बारे किसी से बात नहीं करनी क्योंकि हमारा विभाग बदनाम होता है। कारोबारी ने उसे बातों में उलझा कर 2 घंटे का समय मांगा लेकिन उक्त व्यक्ति उनके बेटे पर मामला दर्ज करने की धमकी देने लगा। बदमाश ने उनसे कहा कि आप काल काटना नहीं बात करते हुए ही पैसे उसके खाते में डाले। अपना गूगल पे स्कैनर डालने की कहकर उक्त व्यक्ति ने फोन काट दिया। कारोबारी ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि वह पुलिस चौकी भी शिकायत देने गया था। उसे पुलिस कर्मचारियों ने साइबर सेल जाने के लिए कहा है। अब वह साइबर सेल भी शिकायत दर्ज करवाएगा।