मेरठ में फेसबुक अलर्ट ने एक प्रोफेसर की जान बचा ली। बुधवार शाम प्रोफेसर फेसबुक लाइव आकर ट्रेन से कटकर सुसाइड करने जा रहा था। अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर में जैसे ही इसका वीडियो दिखाई दिया, टीम ने UP पुलिस मुख्यालय को अलर्ट भेजा। पुलिस मुख्यालय लखनऊ से मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर मेरठ पुलिस ने प्रोफेसर को बचा लिया। झगड़े के बाद पत्नी मायके से नहीं आ रही थी
पुलिस के मुताबिक, सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रोफेसर शहर के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाते हैं। प्रोफेसर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पत्नी से कुछ अनबन हुई थी। इसके बाद वो मायके चली गई और वापस नहीं आ रही थी। इसी घरेलू कलह के कारण मैं सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से कटकर सुसाइड करने जा रहा था। अलर्ट के 7 मिनट में पहुंची पुलिस
GRP इंस्पेक्टर विनोद ने बताया कि प्रोफेसर फेसबुक लाइव पर आकर सुसाइड करने जा रहा था। फिर पुलिस हेडक्वार्टर लखनऊ से मेरठ पुलिस और GRP को मिली। तत्काल थाना सदर बाजार पुलिस, थाना सिविल लाइन पुलिस और थाना प्रभारी GRP मेरठ LIVE लोकेशन ट्रैस कर प्रोफेसर के पास पहुंच गए। अलर्ट मिलने के 7 मिनट में ही पहुंचकर पुलिस और GRP ने उसे सुसाइड करने से बचा लिया। इतनी जल्दी पुलिस कैसे पहुंची, जानिए
SO सदर बाजार शशांक द्विवेदी ने फेसबुक लाइव आए प्रोफेसर के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि वह सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं। फिर सिविल लाइन थाना प्रभारी को बताया कि प्रोफेसर के परिजनों को सूचना दे। कुछ ही देर में पुलिस सिटी रेलवे स्टेशन पहुंच गई। GRP के जवान भी सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। लेकिन, फेसबुक लाइव आए प्रोफेसर वहां नहीं मिले। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर LIVE लोकेशन निकाली तो वह परतापुर की निकली। परतापुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने प्रोफेसर को कॉल कर समझाया कि ऐसा न करें। थोड़ी देर प्रोफेसर को बातों में उलझाए रखा, इतने में पुलिस उनके पास पहुंच गई। सोशल मीडिया कंपनी से अलर्ट मिलने पर टीम कैसे काम करती है सोशल मीडिया कंपनियां AI का इस्तेमाल सुसाइड की घटनाएं रोकने में कर रही हैं, जानिए कैसे… मेरठ में फेसबुक अलर्ट ने एक प्रोफेसर की जान बचा ली। बुधवार शाम प्रोफेसर फेसबुक लाइव आकर ट्रेन से कटकर सुसाइड करने जा रहा था। अमेरिका के कैलिफोर्निया में फेसबुक और इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा हेडक्वार्टर में जैसे ही इसका वीडियो दिखाई दिया, टीम ने UP पुलिस मुख्यालय को अलर्ट भेजा। पुलिस मुख्यालय लखनऊ से मोबाइल लोकेशन ट्रैक कर मेरठ पुलिस ने प्रोफेसर को बचा लिया। झगड़े के बाद पत्नी मायके से नहीं आ रही थी
पुलिस के मुताबिक, सिविल लाइन थाना क्षेत्र के रहने वाले प्रोफेसर शहर के एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाते हैं। प्रोफेसर ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि पत्नी से कुछ अनबन हुई थी। इसके बाद वो मायके चली गई और वापस नहीं आ रही थी। इसी घरेलू कलह के कारण मैं सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से कटकर सुसाइड करने जा रहा था। अलर्ट के 7 मिनट में पहुंची पुलिस
GRP इंस्पेक्टर विनोद ने बताया कि प्रोफेसर फेसबुक लाइव पर आकर सुसाइड करने जा रहा था। फिर पुलिस हेडक्वार्टर लखनऊ से मेरठ पुलिस और GRP को मिली। तत्काल थाना सदर बाजार पुलिस, थाना सिविल लाइन पुलिस और थाना प्रभारी GRP मेरठ LIVE लोकेशन ट्रैस कर प्रोफेसर के पास पहुंच गए। अलर्ट मिलने के 7 मिनट में ही पहुंचकर पुलिस और GRP ने उसे सुसाइड करने से बचा लिया। इतनी जल्दी पुलिस कैसे पहुंची, जानिए
SO सदर बाजार शशांक द्विवेदी ने फेसबुक लाइव आए प्रोफेसर के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि वह सिविल लाइन क्षेत्र में रहते हैं। फिर सिविल लाइन थाना प्रभारी को बताया कि प्रोफेसर के परिजनों को सूचना दे। कुछ ही देर में पुलिस सिटी रेलवे स्टेशन पहुंच गई। GRP के जवान भी सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। लेकिन, फेसबुक लाइव आए प्रोफेसर वहां नहीं मिले। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर LIVE लोकेशन निकाली तो वह परतापुर की निकली। परतापुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने प्रोफेसर को कॉल कर समझाया कि ऐसा न करें। थोड़ी देर प्रोफेसर को बातों में उलझाए रखा, इतने में पुलिस उनके पास पहुंच गई। सोशल मीडिया कंपनी से अलर्ट मिलने पर टीम कैसे काम करती है सोशल मीडिया कंपनियां AI का इस्तेमाल सुसाइड की घटनाएं रोकने में कर रही हैं, जानिए कैसे… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर