<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Nursing Scam Case:</strong> मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले के खिलाफ भोपाल में राज्य भर से आए छात्रों ने आज प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि जुलाई 2023 में आयोजित परीक्षा का अब तक रिजल्ट नहीं आया है. फस्ट ईयर के तीन-तीन साल होने पर भी अब तक परीक्षा नहीं ली गयी. एनएसयूआई नेता रवि परमार ने बताया कि प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट पीएनएसटी की परीक्षा जुलाई 2023 में आयोजित करवाई गई थी. परीक्षा के बाद 1 से 2 महीने में रिजल्ट घोषित कर दिया जाता है, मगर रिजल्ट अभी तक नहीं आया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनएसयूआई मेडिकल विंग का नेतृत्व कर रहे रवि परमार ने कहा कि 66 हजार स्टूडेंट्स ने पीईबी के माध्यम से परीक्षा दी थी. करोड़ों रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में वसूले गये. एक साल बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में धड़ल्ले से प्रवेश हो रहे हैं. सरकार कि मंशा प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को मुनाफा पहुंचाने की है. इसलिए शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया. 2022 से मध्य प्रदेश के शासकीय नर्सिंग कालेजों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2020-21 में शुरू हुआ था घोटाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले की शुरुआत वर्ष 2020-21 के सत्र से हो गई थी. वर्ष 2019-20 के सत्र में मध्य प्रदेश में महज 448 नर्सिंग कॉलेज थे, लेकिन 2020-21 के सत्र में एक साथ 219 नर्सिंग कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी गई. इस तरह मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 448 से बढक़र 667 तक पहुंच गई. हालांकि वास्तविक स्थिति फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के पास भवन नहीं था, कुछ कॉलेज किराए के दो कमरों में संचालित हो रहे थे. कुछ कॉलेज दुकानों में चल रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात है कि फर्जी कॉलेजों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कॉलेजों को अनफिट तक बता दिया गया था. घोटाला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी. अब सीबीआई अफसर घोटाले में शामिल हो गए. उन्होंने 2 लाख से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को हरी झंडी दे दी. मामले का खुलासा होने के बाद सीबीआई अफसर सहित 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सलाखों के पीछे जानेवालों की सूची</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1. राहुल राज, सीबीआई अधिकारी <br />2. सचिन जैन, दलाल<br />3. सुमा रत्नाम भास्करन, प्रिंसिपल ए मलय नर्सिंग कॉलेज <br />4. अनिल भास्करन, मलय नर्सिंग कॉलेज<br />5. रवि भदौरिया, आरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज इंदौर <br />6. प्रिति तिलकवार <br />7. वेद प्रकाश शर्मा <br />8. तनवीर खान <br />9. ओम गिरी गोस्वामी <br />10. जुगल किशोर शर्मा, नर्सिंग कॉलेज संचालक <br />11. राधारमण शर्मा, जुगल किशोर का भाई <br />12. जलपना अधिकारी, प्राचार्य भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल <br />13. सुशील मजोकर, सीबीआई निरीक्षक</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नर्सिंग कॉलेज घोटाले का अपडेट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जनवरी 2022: नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर<br />मार्च 2022: मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार-कॉलेज को नोटिस जारी किये<br />जून 2022: सरकार की रिपोर्ट से पता चला, भवन विहीन कॉलेजों को भी मान्यता दी गई<br />अगस्त 2022: गड़बड़ी पर नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीला सिंजू को सस्पेंड कर प्रशासक की तैनात के आदेश<br />सितंबर 2022: ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई जांच के दिए आदेश<br />जुलाई 2023: सभी याचिकाएं हाईकोर्ट जबलपुर स्थानांतरित<br />फरवरी 2024: सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट में 169 कॉलेज सूटेबल, 66 अनसूटेबल, 74 डेफिसिएंट बताए<br />15 अप्रैल 2024: छात्र नेता रवि परमार ने की सीबीआई को सूटेबल कॉलेजों की शिकायत<br />19 मई 2024 : सीबीआई दिल्ली की टीम ने जांच अफसर और कॉलेज अधिकारियों को पकड़ा</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”उज्जैन में CM मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किया श्रमदान, दिया ये खास संदेश” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/ujjain-cm-mohan-yadav-did-shramdaan-under-jal-ganga-sanvardhan-abhiyan-in-police-line-ann-2715851″ target=”_self”>उज्जैन में CM मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किया श्रमदान, दिया ये खास संदेश</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Nursing Scam Case:</strong> मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाले के खिलाफ भोपाल में राज्य भर से आए छात्रों ने आज प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी छात्रों ने आरोप लगाया कि जुलाई 2023 में आयोजित परीक्षा का अब तक रिजल्ट नहीं आया है. फस्ट ईयर के तीन-तीन साल होने पर भी अब तक परीक्षा नहीं ली गयी. एनएसयूआई नेता रवि परमार ने बताया कि प्री नर्सिंग सिलेक्शन टेस्ट पीएनएसटी की परीक्षा जुलाई 2023 में आयोजित करवाई गई थी. परीक्षा के बाद 1 से 2 महीने में रिजल्ट घोषित कर दिया जाता है, मगर रिजल्ट अभी तक नहीं आया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एनएसयूआई मेडिकल विंग का नेतृत्व कर रहे रवि परमार ने कहा कि 66 हजार स्टूडेंट्स ने पीईबी के माध्यम से परीक्षा दी थी. करोड़ों रुपये परीक्षा शुल्क के रूप में वसूले गये. एक साल बाद भी रिजल्ट जारी नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों में धड़ल्ले से प्रवेश हो रहे हैं. सरकार कि मंशा प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को मुनाफा पहुंचाने की है. इसलिए शासकीय नर्सिंग कॉलेजों की प्रवेश परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया. 2022 से मध्य प्रदेश के शासकीय नर्सिंग कालेजों में एक भी एडमिशन नहीं हुआ. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2020-21 में शुरू हुआ था घोटाला</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें कि मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले की शुरुआत वर्ष 2020-21 के सत्र से हो गई थी. वर्ष 2019-20 के सत्र में मध्य प्रदेश में महज 448 नर्सिंग कॉलेज थे, लेकिन 2020-21 के सत्र में एक साथ 219 नर्सिंग कॉलेजों को खोलने की अनुमति दी गई. इस तरह मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या 448 से बढक़र 667 तक पहुंच गई. हालांकि वास्तविक स्थिति फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के पास भवन नहीं था, कुछ कॉलेज किराए के दो कमरों में संचालित हो रहे थे. कुछ कॉलेज दुकानों में चल रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात है कि फर्जी कॉलेजों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कॉलेजों को अनफिट तक बता दिया गया था. घोटाला उजागर होने के बाद हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच सौंपी. अब सीबीआई अफसर घोटाले में शामिल हो गए. उन्होंने 2 लाख से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेकर अपात्र नर्सिंग कॉलेजों को हरी झंडी दे दी. मामले का खुलासा होने के बाद सीबीआई अफसर सहित 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सलाखों के पीछे जानेवालों की सूची</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>1. राहुल राज, सीबीआई अधिकारी <br />2. सचिन जैन, दलाल<br />3. सुमा रत्नाम भास्करन, प्रिंसिपल ए मलय नर्सिंग कॉलेज <br />4. अनिल भास्करन, मलय नर्सिंग कॉलेज<br />5. रवि भदौरिया, आरडी मेमोरियल नर्सिंग कॉलेज इंदौर <br />6. प्रिति तिलकवार <br />7. वेद प्रकाश शर्मा <br />8. तनवीर खान <br />9. ओम गिरी गोस्वामी <br />10. जुगल किशोर शर्मा, नर्सिंग कॉलेज संचालक <br />11. राधारमण शर्मा, जुगल किशोर का भाई <br />12. जलपना अधिकारी, प्राचार्य भाभा नर्सिंग कॉलेज भोपाल <br />13. सुशील मजोकर, सीबीआई निरीक्षक</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नर्सिंग कॉलेज घोटाले का अपडेट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जनवरी 2022: नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता फर्जीवाड़े पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर<br />मार्च 2022: मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने सरकार-कॉलेज को नोटिस जारी किये<br />जून 2022: सरकार की रिपोर्ट से पता चला, भवन विहीन कॉलेजों को भी मान्यता दी गई<br />अगस्त 2022: गड़बड़ी पर नर्सिंग काउंसिल की पूर्व रजिस्ट्रार सुनीला सिंजू को सस्पेंड कर प्रशासक की तैनात के आदेश<br />सितंबर 2022: ग्वालियर खंडपीठ ने सीबीआई जांच के दिए आदेश<br />जुलाई 2023: सभी याचिकाएं हाईकोर्ट जबलपुर स्थानांतरित<br />फरवरी 2024: सीबीआई ने 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट में 169 कॉलेज सूटेबल, 66 अनसूटेबल, 74 डेफिसिएंट बताए<br />15 अप्रैल 2024: छात्र नेता रवि परमार ने की सीबीआई को सूटेबल कॉलेजों की शिकायत<br />19 मई 2024 : सीबीआई दिल्ली की टीम ने जांच अफसर और कॉलेज अधिकारियों को पकड़ा</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”उज्जैन में CM मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किया श्रमदान, दिया ये खास संदेश” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/ujjain-cm-mohan-yadav-did-shramdaan-under-jal-ganga-sanvardhan-abhiyan-in-police-line-ann-2715851″ target=”_self”>उज्जैन में CM मोहन यादव ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत किया श्रमदान, दिया ये खास संदेश</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> मध्य प्रदेश सीएम योगी ने विकास कार्यों और कानून व्यवस्था को लेकर की समीक्षा, अधिकारियों को दिए सख्त आदेश