प्रयागराज में फादर्स-डे पर पिता का सुसाइड:’मैं जिंदगी से हार गया हूं बेटा…मेरा अंतिम संस्कार मत करना’ लिखकर फंदे पर लटक गया

प्रयागराज में फादर्स-डे पर पिता का सुसाइड:’मैं जिंदगी से हार गया हूं बेटा…मेरा अंतिम संस्कार मत करना’ लिखकर फंदे पर लटक गया

प्रयागराज में रविवार को फादर्स डे के दिन NGO संचालक संजय सक्सेना (40) ने सुसाइड कर लिया। पत्नी, बेटे कहीं गए हुए थे। जब वह लौटे तो संजय कहीं नजर नहीं आए। घरवालों ने सोचा ऊपर के कमरे में सो रहे हैं। जब जाकर देखा तो उनकी लाश रस्सी से लटक रही थी। पत्नी बेहोश होकर गिर गई। पुलिस को जानकारी दी। मौके पर जब कमरे की जांच की, तो एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा- ‘डियर बेटा, मैं अपनी जिंदगी से हार चुका हूं। तुम और अनामिका अपना ध्यान रखना। सॉरी लव यू बेटा।’ परिवार वाले बोलने को तैयार नहीं
पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। अब परिवार से बातचीत कर रही है। चक रघुनाथ नैनी के रहने वाले संजय सक्सेना श्याम बिहारी सक्सेना के बेटे थे। वह NGO चलाने वाले के तौर पर जाने जाते थे। इन दिनों उनके पास कोई काम नहीं था। रिश्तेदार बता रहे हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से वह काफी दिनों से परेशान चल रहे थे। हालांकि संजय के परिवार वाले इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे परिवार के लोगों ने कहा कि हमें कुछ नहीं कहना। पढ़िए हू ब हू सुसाइड नोट डियर बेटा लव, मैं अपनी परेशानियों से हार चुका हूं, तुमको इस तरह से परेशान नहीं देख सकता हूं। इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। अब बेटा मेरे पास न कुछ कहने को है न कुछ सहने को। मैं जिंदगी से हार गया हूं। तुम और अनामिका ध्यान रखना। अब सहन की क्षमता नहीं रह गई। कोई कार्यक्रम मत करना, बस ऐस ही कहीं फेंक देना। लव यू बेटा। प्रयागराज में रविवार को फादर्स डे के दिन NGO संचालक संजय सक्सेना (40) ने सुसाइड कर लिया। पत्नी, बेटे कहीं गए हुए थे। जब वह लौटे तो संजय कहीं नजर नहीं आए। घरवालों ने सोचा ऊपर के कमरे में सो रहे हैं। जब जाकर देखा तो उनकी लाश रस्सी से लटक रही थी। पत्नी बेहोश होकर गिर गई। पुलिस को जानकारी दी। मौके पर जब कमरे की जांच की, तो एक सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा- ‘डियर बेटा, मैं अपनी जिंदगी से हार चुका हूं। तुम और अनामिका अपना ध्यान रखना। सॉरी लव यू बेटा।’ परिवार वाले बोलने को तैयार नहीं
पुलिस ने सुसाइड नोट कब्जे में ले लिया है। अब परिवार से बातचीत कर रही है। चक रघुनाथ नैनी के रहने वाले संजय सक्सेना श्याम बिहारी सक्सेना के बेटे थे। वह NGO चलाने वाले के तौर पर जाने जाते थे। इन दिनों उनके पास कोई काम नहीं था। रिश्तेदार बता रहे हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से वह काफी दिनों से परेशान चल रहे थे। हालांकि संजय के परिवार वाले इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे परिवार के लोगों ने कहा कि हमें कुछ नहीं कहना। पढ़िए हू ब हू सुसाइड नोट डियर बेटा लव, मैं अपनी परेशानियों से हार चुका हूं, तुमको इस तरह से परेशान नहीं देख सकता हूं। इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं। अब बेटा मेरे पास न कुछ कहने को है न कुछ सहने को। मैं जिंदगी से हार गया हूं। तुम और अनामिका ध्यान रखना। अब सहन की क्षमता नहीं रह गई। कोई कार्यक्रम मत करना, बस ऐस ही कहीं फेंक देना। लव यू बेटा।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर