यूपी में गर्मी जानलेवा हो गई है। हीटवेव (लू) इतनी तेज है कि चलते-फिरते और बैठे-बैठे लोगों की सांसें उखड़ने लगी हैं। राहत की उम्मीद सिर्फ मानसून से है। 18 जून को आने वाला मानसून 10-12 दिनों से बंगाल में अटका रहा। थार से आ रही गर्म हवाओं ने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया। अच्छी बात यह है कि अब मानसून आगे बढ़ गया है। यह बिहार में प्रवेश कर गया। 7 दिन में उत्तर प्रदेश में एंट्री होने की उम्मीद है। मानसून 8 जून को बंगाल पहुंचा था, पर वहीं रुका रहा। 18 जून को इसने बिहार बॉर्डर को क्रॉस किया है। इससे बिहार के किशनगंज में बारिश हुई। किशनगंज की यूपी बॉर्डर से दूरी 550 किलोमीटर से ज्यादा है। मानसून की रफ्तार तेज होने की उम्मीद
सोमवार से वातावरण में नमी बढ़ने लगी है। इससे मानसून की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। अगर, अभी की रफ्तार से मानसून आगे बढ़ा, तो जून के आखिरी हफ्ते यानी 27-28 जून तक पूरे यूपी को कवर कर लेगा। यूपी में मानसून आने की तारीख 18 जून है। मानसून के आने में देरी पहली बार नहीं है। 8 सालों में मानसून सिर्फ एक बार टाइम पर आया है। 2022 में तो करीब एक महीने देरी से यानी 16 जुलाई को आया था। अगर बात मौसम की करें तो अब पहले जैसी गर्मी नहीं रहेगी। इसकी वजह नमी है। पड़ोसी राज्य बिहार और मध्य प्रदेश में मानसून सक्रिय हो रहा है। इसकी वजह से हवाओं में नमी रहेगी। थोड़ी राहत मिलेगी। क्या 7 दिन में आ ही जाएगा मानसून, देरी होने से कम बारिश होगी, आपके मन में उठ रहे ऐसे सवालों के जवाब CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञान विभाग के हेड डॉ. SN सुनील पांडेय से बताए… सवाल- मानसून पश्चिम बंगाल से आगे क्यों नहीं बढ़ा?
जवाब- मानसून की हवाओं के दो सिरे होते हैं। दोनों सिरे एक हफ्ते तक आगे नहीं बढ़े। इसकी दो वजह है। पहली- इस बार साइक्लोन ज्यादा नहीं बने, जो मानसून की हवाओं को तेज गति से आगे बढ़ाते हैं। दूसरी- थार मरुस्थल से आने वाली गर्म हवाएं भी काफी तेज हैं, जो मानसून को यूपी-बिहार में प्रवेश करने से रोके रखीं। लेकिन, अब ह्यूमिडिटी (आद्रता) बढ़ने की वजह से तेजी से मानसून आगे बढ़ेगा। सवाल- यूपी में मानसून कब तक आएगा?
जवाब- प्रदेश में इस हफ्ते कोई बड़ी राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है। प्रदेश के तराई क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी शाम के वक्त हो सकती है। तापमान बढ़ने की वजह से तराई क्षेत्रों में बूंदाबांदी होगी। प्रदेश में मानसून 24 से 25 जून के बीच आ सकता है। जून के आखिरी हफ्ते तक यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। अभी सभी परिस्थितियां मानसून के अनुकूल हैं। सवाल- प्री-मानसून एक्टिविटी कब शुरू होगी?
जवाब- 1 जून से होने वाली बारिश मानसूनी बारिश में ही दर्ज की जाती है। लेकिन, तकनीकी रूप से जब तक मानसून आने की घोषणा नहीं हो जाती है, तब तक मानसूनी बारिश घोषित नहीं की जाती है। 1 जून से पहले होने वाली बारिश प्री-मानसून बारिश कहलाती है। सवाल- झांसी, आगरा-अलीगढ़ में बारिश हुई, इसका क्या कारण है?
जवाब- अरब सागर से आने वाली नम हवाएं जहां तक पहुंच रही हैं, वहां बारिश हो जा रही है। ये हवाएं मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग तक आ रही हैं। इसके चलते MP के सटे इलाकों में बारिश हो रही है। सवाल- क्या मानसून के देरी से आने से बारिश कम हो सकती है?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं होता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं के ऊपर ही निर्भर करता है कि बारिश कितनी होगी। सवाल- मानसून एक जगह ठहर क्यों जाता है?
जवाब- मानसून को आगे बढ़ाने के लिए हवाओं की गति बेहद अनुकूल होनी चाहिए। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं जम्मू-कश्मीर तक जाती हैं। अभी राजस्थान, थार मरुस्थल की तरफ से आने वाली हवाएं ज्यादा तेज हैं। इसकी वजह से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा। ये हवाएं धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गईं, इसके बाद मानसून तेजी से आगे बढ़ना शुरू हो जाएगा। सवाल- मानसून के आगे बढ़ने के लिए क्या जरूरी होता है?
जवाब- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं ही मानसून को आगे बढ़ाती हैं। अरब सागर में अगर कोई साइक्लोन आ जाता है, तो मानसून की हवाओं की गति और तेजी से आगे बढ़ने लगती है। ये खबरें भी पढ़ें… यूपी में अचानक हुई मौतों पर सबसे बड़ी पड़ताल: मरने वालों में 96% पुरुष; किसी को नहीं हुआ था कोरोना, लेकिन सभी ने लगवाई थी वैक्सीन कोविड महामारी के बाद से 2 साल में ऐसी डेथ के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ सामने आए तो कुछ गुमनाम रह गए। साइलेंट डेथ का सच जानने के लिए दैनिक भास्कर ने अब तक की सबसे बड़ी पड़ताल की। टीम उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के ऐसे 25 परिवारों के पास पहुंची, जिनके परिवार में किसी न किसी की अचानक मौत हुई। पूरी खबर पढ़ें… यूपी में गर्मी जानलेवा हो गई है। हीटवेव (लू) इतनी तेज है कि चलते-फिरते और बैठे-बैठे लोगों की सांसें उखड़ने लगी हैं। राहत की उम्मीद सिर्फ मानसून से है। 18 जून को आने वाला मानसून 10-12 दिनों से बंगाल में अटका रहा। थार से आ रही गर्म हवाओं ने इसे आगे नहीं बढ़ने दिया। अच्छी बात यह है कि अब मानसून आगे बढ़ गया है। यह बिहार में प्रवेश कर गया। 7 दिन में उत्तर प्रदेश में एंट्री होने की उम्मीद है। मानसून 8 जून को बंगाल पहुंचा था, पर वहीं रुका रहा। 18 जून को इसने बिहार बॉर्डर को क्रॉस किया है। इससे बिहार के किशनगंज में बारिश हुई। किशनगंज की यूपी बॉर्डर से दूरी 550 किलोमीटर से ज्यादा है। मानसून की रफ्तार तेज होने की उम्मीद
सोमवार से वातावरण में नमी बढ़ने लगी है। इससे मानसून की रफ्तार तेज होने की उम्मीद है। अगर, अभी की रफ्तार से मानसून आगे बढ़ा, तो जून के आखिरी हफ्ते यानी 27-28 जून तक पूरे यूपी को कवर कर लेगा। यूपी में मानसून आने की तारीख 18 जून है। मानसून के आने में देरी पहली बार नहीं है। 8 सालों में मानसून सिर्फ एक बार टाइम पर आया है। 2022 में तो करीब एक महीने देरी से यानी 16 जुलाई को आया था। अगर बात मौसम की करें तो अब पहले जैसी गर्मी नहीं रहेगी। इसकी वजह नमी है। पड़ोसी राज्य बिहार और मध्य प्रदेश में मानसून सक्रिय हो रहा है। इसकी वजह से हवाओं में नमी रहेगी। थोड़ी राहत मिलेगी। क्या 7 दिन में आ ही जाएगा मानसून, देरी होने से कम बारिश होगी, आपके मन में उठ रहे ऐसे सवालों के जवाब CSA यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञान विभाग के हेड डॉ. SN सुनील पांडेय से बताए… सवाल- मानसून पश्चिम बंगाल से आगे क्यों नहीं बढ़ा?
जवाब- मानसून की हवाओं के दो सिरे होते हैं। दोनों सिरे एक हफ्ते तक आगे नहीं बढ़े। इसकी दो वजह है। पहली- इस बार साइक्लोन ज्यादा नहीं बने, जो मानसून की हवाओं को तेज गति से आगे बढ़ाते हैं। दूसरी- थार मरुस्थल से आने वाली गर्म हवाएं भी काफी तेज हैं, जो मानसून को यूपी-बिहार में प्रवेश करने से रोके रखीं। लेकिन, अब ह्यूमिडिटी (आद्रता) बढ़ने की वजह से तेजी से मानसून आगे बढ़ेगा। सवाल- यूपी में मानसून कब तक आएगा?
जवाब- प्रदेश में इस हफ्ते कोई बड़ी राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं दिख रही है। प्रदेश के तराई क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी शाम के वक्त हो सकती है। तापमान बढ़ने की वजह से तराई क्षेत्रों में बूंदाबांदी होगी। प्रदेश में मानसून 24 से 25 जून के बीच आ सकता है। जून के आखिरी हफ्ते तक यह पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। अभी सभी परिस्थितियां मानसून के अनुकूल हैं। सवाल- प्री-मानसून एक्टिविटी कब शुरू होगी?
जवाब- 1 जून से होने वाली बारिश मानसूनी बारिश में ही दर्ज की जाती है। लेकिन, तकनीकी रूप से जब तक मानसून आने की घोषणा नहीं हो जाती है, तब तक मानसूनी बारिश घोषित नहीं की जाती है। 1 जून से पहले होने वाली बारिश प्री-मानसून बारिश कहलाती है। सवाल- झांसी, आगरा-अलीगढ़ में बारिश हुई, इसका क्या कारण है?
जवाब- अरब सागर से आने वाली नम हवाएं जहां तक पहुंच रही हैं, वहां बारिश हो जा रही है। ये हवाएं मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग तक आ रही हैं। इसके चलते MP के सटे इलाकों में बारिश हो रही है। सवाल- क्या मानसून के देरी से आने से बारिश कम हो सकती है?
जवाब- ऐसा कुछ नहीं होता है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाओं के ऊपर ही निर्भर करता है कि बारिश कितनी होगी। सवाल- मानसून एक जगह ठहर क्यों जाता है?
जवाब- मानसून को आगे बढ़ाने के लिए हवाओं की गति बेहद अनुकूल होनी चाहिए। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं जम्मू-कश्मीर तक जाती हैं। अभी राजस्थान, थार मरुस्थल की तरफ से आने वाली हवाएं ज्यादा तेज हैं। इसकी वजह से मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा। ये हवाएं धीरे-धीरे कम होना शुरू हो गईं, इसके बाद मानसून तेजी से आगे बढ़ना शुरू हो जाएगा। सवाल- मानसून के आगे बढ़ने के लिए क्या जरूरी होता है?
जवाब- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं ही मानसून को आगे बढ़ाती हैं। अरब सागर में अगर कोई साइक्लोन आ जाता है, तो मानसून की हवाओं की गति और तेजी से आगे बढ़ने लगती है। ये खबरें भी पढ़ें… यूपी में अचानक हुई मौतों पर सबसे बड़ी पड़ताल: मरने वालों में 96% पुरुष; किसी को नहीं हुआ था कोरोना, लेकिन सभी ने लगवाई थी वैक्सीन कोविड महामारी के बाद से 2 साल में ऐसी डेथ के मामले तेजी से बढ़े हैं। कुछ सामने आए तो कुछ गुमनाम रह गए। साइलेंट डेथ का सच जानने के लिए दैनिक भास्कर ने अब तक की सबसे बड़ी पड़ताल की। टीम उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के ऐसे 25 परिवारों के पास पहुंची, जिनके परिवार में किसी न किसी की अचानक मौत हुई। पूरी खबर पढ़ें… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर