लुधियाना में करंट लगे मरीज को नहीं मिला स्ट्रैचर:सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में E-रिक्शा लेकर अंदर घुसे, युवक ने तोड़ा दम

लुधियाना में करंट लगे मरीज को नहीं मिला स्ट्रैचर:सिविल अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में E-रिक्शा लेकर अंदर घुसे, युवक ने तोड़ा दम

पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मंगलवार रात करीब सवा दस बजे एक राहगीर ई-रिक्शा चालक करंट लगने से घायल को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आया। मरीज की पत्नी भी उसके साथ थी। उसे इमरजेंसी में भर्ती करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज के परिजनों और ई-रिक्शा चालक कंवलजीत सिंह ने जब काफी शोर मचाया तो अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि अगर स्ट्रेचर लेना है तो शवगृह जाना पड़ेगा। किसी तरह लोगों की मदद से मरीज अजय मेहता को ई-रिक्शा से नीचे उतारा गया और हाथ-पैर पकड़कर इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। मरीज अजय मेहता की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया। स्ट्रेचर न मिलने पर इमरजेंसी में ई-रिक्शा घुसाया कंवलजीत के अनुसार परिजनों ने मरीज को इमरजेंसी से बाहर ले जाने के लिए दोबारा स्ट्रेचर की मांग की। जब किसी ने स्ट्रेचर नहीं दिया तो मरीज की जान बचाने के लिए वह ई-रिक्शा चलाकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले गया ताकि मरीज को जल्दी से लादकर निजी अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से उसकी कहासुनी हो गई। इसके बाद वह मरीज अजय मेहता को सीएमसी अस्पताल ले गया लेकिन उसकी मौत हो गई। राजमिस्त्री का काम करता था मृतक जानकारी देते हुए मृतक अजय की पत्नी अजयमती ने बताया कि उसका पति राजमिस्त्री का काम करता है। वह कुछ दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसकी 1 बेटी और दो बेटे हैं। वह अपने परिवार के साथ बैंक कॉलोनी में रहती है। मंगलवार रात को जब उसका पति कमरे में प्रवेश कर रहा था तो मीटर बॉक्स के पास बिजली की तार से उसका हाथ छू गया। जिससे वह झुलस गया। लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अजय के शव को अब पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखा जाएगा। पंजाब के लुधियाना का सिविल अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मंगलवार रात करीब सवा दस बजे एक राहगीर ई-रिक्शा चालक करंट लगने से घायल को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आया। मरीज की पत्नी भी उसके साथ थी। उसे इमरजेंसी में भर्ती करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला। मरीज के परिजनों और ई-रिक्शा चालक कंवलजीत सिंह ने जब काफी शोर मचाया तो अस्पताल स्टाफ ने उन्हें बताया कि अगर स्ट्रेचर लेना है तो शवगृह जाना पड़ेगा। किसी तरह लोगों की मदद से मरीज अजय मेहता को ई-रिक्शा से नीचे उतारा गया और हाथ-पैर पकड़कर इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। मरीज अजय मेहता की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया। स्ट्रेचर न मिलने पर इमरजेंसी में ई-रिक्शा घुसाया कंवलजीत के अनुसार परिजनों ने मरीज को इमरजेंसी से बाहर ले जाने के लिए दोबारा स्ट्रेचर की मांग की। जब किसी ने स्ट्रेचर नहीं दिया तो मरीज की जान बचाने के लिए वह ई-रिक्शा चलाकर अस्पताल की इमरजेंसी में ले गया ताकि मरीज को जल्दी से लादकर निजी अस्पताल ले जाया जा सके। लेकिन वहां मौजूद पुलिस कर्मियों से उसकी कहासुनी हो गई। इसके बाद वह मरीज अजय मेहता को सीएमसी अस्पताल ले गया लेकिन उसकी मौत हो गई। राजमिस्त्री का काम करता था मृतक जानकारी देते हुए मृतक अजय की पत्नी अजयमती ने बताया कि उसका पति राजमिस्त्री का काम करता है। वह कुछ दिन पहले ही बिहार से लुधियाना आया है। उसकी 1 बेटी और दो बेटे हैं। वह अपने परिवार के साथ बैंक कॉलोनी में रहती है। मंगलवार रात को जब उसका पति कमरे में प्रवेश कर रहा था तो मीटर बॉक्स के पास बिजली की तार से उसका हाथ छू गया। जिससे वह झुलस गया। लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अजय के शव को अब पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में रखा जाएगा।   पंजाब | दैनिक भास्कर