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स्वामी हरिगिरी महाराज बोले- दुकानों पर नेमप्लेट का फैसला सही:महाकुंभ में भी ID साथ लेकर आएं, साधु के रूप में कोई भी फायदा उठा सकता है
स्वामी हरिगिरी महाराज बोले- दुकानों पर नेमप्लेट का फैसला सही:महाकुंभ में भी ID साथ लेकर आएं, साधु के रूप में कोई भी फायदा उठा सकता है जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक स्वामी हरिगिरी महाराज ने महाकुंभ मेले में सभी को आईडी लेकर आने का मुद्दा उठाया। कहा- कुंभ आने वालों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी हो, इसकी लिस्ट प्रशासन के पास हो। सरकार को यह नियम लागू करना चाहिए। कानपुर पहुंचने पर स्वामी हरिगिरी से दैनिक भास्कर ने बात की। उन्होंने कहा- कभी साधु और सम्मानित व्यक्ति के रूप में भी कोई भी आसामाजिक व्यक्ति फायदा उठा सकता है। इस समय देश में तमाम विरोधी लोग हैं। कुंभ मेला तभी संपन्न करा पाएंगे, जब अच्छे बुरे की पहचान कर पाएंगे। उन्होंने कहा- कांवड़ की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का फैसला सही था। काशी विश्वनाथ मंदिर में सोने के घोटाले की बात करने वाले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का विरोध किया। पढ़िए सवाल-जवाब का पूरा सिलसिला.. सवाल- महाकुंभ मेले में आने वाले सभी लोगों को आईडी लानी होगी। ये मांग आपने क्यों उठाई?
जवाब- मैं कई कुंभ का आयोजन करा चुका हूं। उज्जैन, नासिक और हरिद्वार में भी आयोजन किए हैं। कभी साधु और सम्मानित व्यक्ति के रूप में भी आसामाजिक लोग फायदा उठा सकते हैं। उसमें प्रशासन के विचार के बाद भी कुंभ में आने वालों को आईडी लाकर देना होगा। वहां काम करने वालों को भी आईडी कार्ड देना होगा। इस समय देश में तमाम देश विरोधी लोग हैं। जिसको नुकसान पहुंचाना होता है, वो हिंसक व्यक्ति होता है। गाड़ी की आरसी भी देनी होगी। पुलिस उसकी जांच करेगी। सवाल- कांवड़ यात्रा में नेम प्लेट लगाने का फैसला सरकार ने लिया था। क्या फैसला सही था?
जवाब- ये अदालत का काम है। उनका हम लोग सम्मान करते हैं। कांवड़ के मेले में भीड़ किसी पंथ या संप्रदाय को नहीं देखती है। कांवड़ यात्रा, अमरनाथ मेला कई बार देश-विरोधी ताकतों के निशाने पर रहा है। व्यापारी को नेम प्लेट लगाने का फैसला ठीक था। सवाल- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद काशी विश्वनाथ मंदिर में सोना बदले जाने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं?
जवाब- देखिए, हमारे गुरु भाई हैं। अविमुक्तेश्वरानंद का हम सीधा विरोध नहीं कर सकते हैं। हमारी जगह वो होंगे तो विचार भी नहीं करेंगे। जब वो काशी पर बोल रहे हैं, वो भी गरिमा के विपरीत है। उन्हें गुरु पूर्णिमा के बाद नदी-नाला पार करने का अधिकार नहीं था। डंडी स्वामी जो भी होता है गुरु पूर्णिमा के बाद नदी नाला पार नहीं कर सकता है। हम उनकी बातों का खंडन नहीं कर सकते हैं, लेकिन दुख-पीड़ा जरूर है। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को अंबानी के यहां शादी में नहीं जाना चाहिए था। शादी में प्रधानमंत्री के गले में माला नहीं डालना था। सवाल- आपने बयान दिया कि सनातन धर्म को लेकर लोग हिंसक हो रहे हैं। ऐसे कौन लोग हैं जो कुंभ में भी आएंगे?
जवाब- देखिए, सनातन की जो व्यवस्थाएं हैं, लोग सहनशक्ति रखते हैं। यही कारण है कि हमारा देश सिकुड़ता जा रहा है। जमीनें छोड़ते जा रहे हैं। ऐसे कौन से लोग हैं जो अमरनाथ यात्रा से लेकर अयोध्या तक में अशांति फैलाना चाहते हैं। भारत सरकार नहीं कह सकती है कि कोई खतरा नहीं है। सवाल- आपको लगता है कि सनातन के लिए कुछ लोग खतरा हैं? क्या सनातनी लोगों को भी उसी राह पर चलना पड़ेगा?
जवाब- समय आएगा। पहले शासन-प्रशासन को बताने का काम होता है। उसके बाद भी सुनवाई नहीं होती है तो कोर्ट के पास जाते हैं। कानूनी लड़ाई लड़ने का हक है की नहीं। सनातन धर्म कमजोर नहीं है। जो हमारा विरोध करते हैं, उनको भी देखिए, तरस तो खाइए। संसद में लोग किसकी जय बोल रहे हैं। उनसे भी सवाल पूछने चाहिए। भारत के संविधान का यही अर्थ है। बिना नाम लिए ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा- लोग संसद में अलग-अलग राष्ट्रों की कसम खाएंगे। इनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका नहीं दाखिल होनी चाहिए क्या? अगर नहीं हुआ तो दिल्ली
में जंतर-मंतर में हमारे भी कई हजार लोग बैठेंगे। सवाल- संसद में राहुल गांधी ने भगवान शिव की तस्वीर दिखाई, कहा- त्रिशूल अहिंसा का प्रतीक है।
जवाब- राहुल गांधी को ये नहीं कह सकता हूं कि वो सनातनी नहीं हैं। ऐसा भी नहीं है कि विश्वनाथ जी और हनुमान जी की वो पूजा नहीं करते हैं। ऐसे किसी संप्रदाय में उन्हें दान नहीं कर सकता हूं। हनुमान जी उन्हें साहस दें। उनकी मां-पिता के साथ हम लोग भी जुड़े रहे हैं। रायबरेली में उन्होंने सबसे पहले हनुमान जी की पूजा की। सवाल- भाजपा अयोध्या क्यों हार गई, आपको क्या लगता है?
जवाब- कभी-कभी राम-राम कहते हुए भी राम-राम से मरा-मरा हो जाता है। ऐसे ही कभी झूठ बोलने वाला अधिक मात्रा में बोल गया। क्योंकि सत्य जब तक नहाता-धोता-जागता है, तब तक सत्य पृथ्वी के 17 चक्कर लगा लेता है। इसी तरह से कभी-कभी सत्य पराजय हो रहा है, लेकिन वो पराजय नहीं है। राम जन्मभूमि के अलावा भी पूरी अयोध्या में विकास काम कराने चाहिए थे। ये दुख के साथ कहना पड़ रहा है। यहां हम चूक गए। वहां के लोगों ने क्रोध में सीट हरवा दी है। सवाल- प्रदेश और देश में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा है। आप इसे कैसे देखते हैं?
जवाब- कानून के साथ-साथ लोगों को जागरूक करना होगा। समाज को जागरूक करना होगा। हर मोहल्ले में अलख जगाना होगा। धार्मिक संगठन किसी के लिए वोट नहीं मांगता है, लेकिन अपने विचार तो व्यक्त कर सकता है। असामाजिक तत्व फायदा न उठाए। कहां हम चूक रहे हैं, उस पर ध्यान देना होगा। 13 अखाड़े का संगठन है। संगठन बैठकर विचार करता है, निर्णय लेता है। इसको लेकर हमेशा चिंतन था, है और रहेगा। ये भी पढ़ें:- कांवड़ के बाद महाकुंभ में उठी पहचान पत्र की मांग: स्वामी हरिगिरि महाराज बोले- हिंसा से बचने को सरकार उठाए कदम यूपी में नेमप्लेट विवाद कांवड़ यात्रा से महाकुंभ तक पहुंच गया है। जूना अखाड़े के संरक्षक स्वामी हरि गिरि महाराज ने कहा- महाकुंभ में आने वाले लोग पहचान पत्र साथ लेकर आएं। उसकी कॉपी भी प्रमाणित करा कर लाएं। ये कॉपी किसी ऑफिसर, पार्षद, ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव से प्रमाणित होनी चाहिए। क्योंकि लोग फर्जी पहचान पत्र भी बनवा लेते हैं, ऐसे में दस्तावेजों की जांच जरूरी है। पढ़ें पूरी खबर….
‘मैं दूसरा निकाह करूंगा…’, शादी के 9 महीने बाद ही लंदन से शौहर ने दिया तीन तलाक
‘मैं दूसरा निकाह करूंगा…’, शादी के 9 महीने बाद ही लंदन से शौहर ने दिया तीन तलाक <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur Triple Talaq:</strong> महिलाओं पर हो रहे जुल्म ओ सितम हर रोज एक नए तरीके से उन्हें बेबस और कमजोर कर रहे हैं. सरकार महिलाओं को सशक्त करने के लिए नए-नए कानूनों से उन्हें मजबूत करने की कवायत कर रही है, बावजूद महिलाओं के साथ हो रहे उत्पीड़न कम नहीं हो रहे हैं. कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें एक फोन ने एक महिला का सब कुछ पल भर में खत्म कर दिया. लंदन में बैठे पति ने कानपुर में रह रही अपनी पत्नी को फोन पर तलाक, तलाक,तलाक बोलकर अपने रिश्ते के साथ तमाम रिश्तों ,भावनाओं और विश्वास को तोड़ दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये कहानी है कानपुर के चमनगंज में रहने वाली गुलनाज की, जिसका निकाह महज 9 महीने पहले बलिया के रहने वाले आसिफ जमाल से हुआ था. पिता अपनी बेटी गुनाज की शादी बड़े ही अरमानों के साथ की थी. शादी में लगभग 25 से 30 लाख रुपये भी खर्च किए थे, लेकिन गुलनाज को शादी के कुछ ही दिनों बाद तमाम तरह की बातें और प्रताड़ना मिलनी शुरू हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शादी के 9 महीने बाद ही दहेज को लेकर शुरू हो गईं लड़ाईयां </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बलिया स्थित ससुराल में आए दिन पैसों की मांग और दहेज को लेकर लड़ाइयां होने लगी. मोहल्ले में भी सभी को इस लड़ाई की जानकारी होने लगी, जिसे के चलते आसिफ ने अपनी ओर अपने परिवार की बेइज्जती का खयाल रखते हुए गुलनाज को अपने साथ लंदन ले गया, लेकिन लड़ाइयों का सिलसिला वहां भी खत्म नहीं हुआ, जिसके बाद लंदन से आसिफ ने गुलनाज को कानपुर भेज दिया और वहां से उनका वीजा भी कैंसिल करा दिया.<span class=”Apple-converted-space”> </span>कानपुर आकार गुलनाज ने अपने ससुराल जाना बेहतर समझा, लेकिन वहां फिर से उसे मारना पीटना शुरू कर दिया गया और वो 27 अगस्त को अपने मायके कानपुर आ गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लंदन से दिया तीन तलाक</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गुलनाज की मानें तो ससुराल से अपने मायके पहुंची गुलनाज को दूसरे दिन उसके पति आसिफ का फोन आया और उसने गुलनाज के साथ न रहने की बात कही. आसिफ ने कहा की मैं दूसरी शादी कर लूंगा और मैं तुम्हे तलाक देता हूं और इतना बोलने के बाद आसिफ ने लंदन में बैठकर फोन पर ही तीन बार तलाक तलाक तलाक बोलकर फोन काट दिया, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने कानपुर के चमनगंज थाने में तीन तलाक के साथ दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज करा दिया और पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरोपी को लंदन से कानपुर बुलाया जाएगा </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं चमनगंज थाने के प्रभारी दिनेश कुमार बिष्ट ने बताया कि गुलनाज नाम की महिला ने अपने पति और ससुरालियों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न मारपीट और लंदन से पति ने तीन बार तलाक बोलकर तलाक दिया. इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और भारतीय एंबेसी के माध्यम से लंदन से एंबेसी को संपर्क कर आरोपी पति को कानपुर बुलाने का कमा किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”राजाजी नेशनल पार्क के डायरेक्टर पद पर हुई नियुक्ति, PCCF समीर सिंहा को दी गई जिम्मेदारी” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-raja-ji-national-park-charge-given-to-pccf-wildlife-sameer-sinha-ann-2779031″ target=”_self”>राजाजी नेशनल पार्क के डायरेक्टर पद पर हुई नियुक्ति, PCCF समीर सिंहा को दी गई जिम्मेदारी</a></strong></p>
यूपी STF ने गोरखपुर से महिला कांस्टेबल को उठाया:मोबाइल में सिपाही भर्ती के 5 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले; तीन लड़के भी हिरासत में
यूपी STF ने गोरखपुर से महिला कांस्टेबल को उठाया:मोबाइल में सिपाही भर्ती के 5 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड मिले; तीन लड़के भी हिरासत में यूपी पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा आज शुक्रवार से शुरू हो रही है। परीक्षा से पहले लखनऊ में जहां पेपर मुहैया कराने का दावा कर रहे लोगों पर एफआईआर लिखी गई है। वहीं गड़बड़ी के शक में STF ने गुरुवार सुबह गोरखपुर से 4 लोगों को उठाया है। इनमें एक महिला कॉन्स्टेबल भी शामिल है। वह बांसगांव की रहने वाली है। एसटीएफ ने सिपाही को उसके घर से पकड़ा। साथ में तीन लड़कों को भी जीप में भरकर ले गई। पकड़े गए आरोपियों में एक व्यक्ति दिल्ली का रहने वाला है। STF को महिला सिपाही के मोबाइल में 5 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र मिले हैं। फिलहाल, STF और क्राइम ब्रांच की टीम सभी से पूछताछ कर रही है। प्रदेश में 23 अगस्त से परीक्षा शुरू हो रही है, जो 5 दिन तक चलेगी। श्रावस्ती में तैनात है महिला कॉन्स्टेबल
बांसगांव पुलिस को गुरुवार सुबह सूचना मिली कि श्रावस्ती में तैनात महिला कॉन्स्टेबल के घर कुछ लोग 4 पहिया गाड़ी से पहुंचे। इन लोगों ने कई अभ्यर्थियों को सिपाही भर्ती की परीक्षा पास कराने का भरोसा दिया है। इसके एवज में अभ्यर्थियों से रुपए मांग रहे हैं। जब इस बात की जानकारी अफसरों को हुई, तो तत्काल अलर्ट हो गए। दावा- अभ्यर्थियों से रुपए लेने दिल्ली से आया था
STF गोरखपुर यूनिट से जुड़े विश्वस्त सूत्रों ने बताया- टीम ने पूछताछ शुरू की, तो पता चला कि एक व्यक्ति दिल्ली का रहने वाला है। वह अभ्यर्थियों से रुपए लेने गोरखपुर आया था। पकड़े गए अन्य युवकों में एक ड्राइवर और दूसरा प्राइवेट सुरक्षाकर्मी है। रिश्तेदारों के एडमिट कार्ड बता रही महिला कॉन्स्टेबल
STF ने चारों के मोबाइल फोन को कब्जे में लिया है। जांच में जिन 5 अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड कॉन्स्टेबल के मोबाइल में मिले हैं, वह उन्हें अपना रिश्तेदार बता रही है। अब बात लखनऊ की… पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर बेचने पर लखनऊ में FIR
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले प्रश्न पत्र फिर से लीक होने का दावा किया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए पैसा लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जा रहा था। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड ने ऐसे सात लोगों के खिलाफ लखनऊ के हुसैनगंज थाने में FIR दर्ज कराई है। यूपी पुलिस की तरफ से भी अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि ऐसी किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पेपर लीक की अफवाह फैलाने के पीछे पुलिस सॉल्वर गैंग और ठगों का होना मान रही है। बताया जा रहा है कि कुछ जालसाज यूपी पुलिस सिपाही भर्ती के परीक्षार्थियों से ठगी की कोशिश कर रहे थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और इंस्टाग्राम के जरिए परीक्षार्थियों से संपर्क कर पेपर मुहैया कराने का दावा कर रहे थे। ठग QR कोड भेज पैसे की डिमांड कर रहे थे। पढ़ें पूरी खबर… 12 साल में जितने परीक्षा संबंधी अपराधी पकड़े गए, सभी रडार पर
यूपी एसटीएफ और अन्य एजेंसियों ने 1541 ऐसे अपराधियों की पहचान की है, जाे पिछले 12 सालों में किसी न किसी परीक्षाओं में गड़बड़ी करते हुए पकड़े गए हैं। इनमें कई जेल में हैं। एसटीएफ के रडार पर 10 टेलीग्राम चैनल भी हैं, जो सिपाही परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं। इस चैनल से जुड़े लोगों पर एसटीएफ नजर रख रही है। पुलिस महानिदेशक ने अपने निर्देश में कहा कि परीक्षा को लेकर असामाजिक तत्वों को चिह्नित कर जिले की पुलिस से लेकर एसटीएफ सतर्कता बरते। आपस में संवाद बनाए रखें। सत्यापन के दौरान मिले 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी
आधार सत्यापन के दौरान करीब 20 हजार संदिग्ध अभ्यर्थी पाए गए हैं। इन सभी को परीक्षा के दिन केंद्र पर सप्लीमेंट्री कागज (पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट) के साथ ढाई घंटे पहले पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं। इन सभी का परीक्षा केंद्र पर ई-केवाईसी किया जाएगा। इसके बाद ही इन्हें परीक्षा की अनुमति दी जाएगी। इन सभी अभ्यर्थियों की परीक्षा के बाद भी स्क्रूटनी की जाएगी। ये खबर भी पढ़ें… SP ने मारा छापा, थाने की दीवार फांदकर भागा इंस्पेक्टर:बरेली में आवास से मिले 10 लाख; नोटों की गड्डियों पर सोता था बरेली में फरीदपुर थाने का इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग निकला। एसपी मानुष पारीक ने रिश्वतखोरी की सूचना पर थाने में छापा मारा था। लेकिन, गाड़ी के सायरन की आवाज सुनते ही वह दीवार से कूदकर फरार हो गया। इंस्पेक्टर के कमरे में बेड से करीब 10 लाख रुपए कैश मिले हैं। वह नोटों की गडि्डयों पर सोता था। आरोपी इंस्पेक्टर जिस थाने का प्रभारी था, वहीं उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पूरी खबर पढ़ें…