प्रयागराज में 400 करोड़ की ठगी का मामला HC पहुंचा:MD की फरार पत्नी के अरेस्ट पर रोक की याचिका, कोर्ट ने विवेचना की रिपोर्ट मांगी

प्रयागराज में 400 करोड़ की ठगी का मामला HC पहुंचा:MD की फरार पत्नी के अरेस्ट पर रोक की याचिका, कोर्ट ने विवेचना की रिपोर्ट मांगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार सौ करोड़ की ठगी मामले में निहारिका वेंचर्स की मालिक की गिरफ्तारी से रोक की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई। याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कंपनी की मालिक निहारिका द्विवेदी की याचिका पर दिया है। याची की अधिवक्ता का कहना था कि निहारिका के पति ने उसके नाम से फर्म बनाई है। उसके क्रियाकलाप में उसका कोई रोल नहीं है। उसे झूठा फंसाया गया है। इसलिए गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। विपक्षी निवेशकों के अधिवक्ता ने दलील दी कि निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी व उनकी पत्नी निहारिका द्विवेदी ने 400 करोड़ रुपये की ठगी की है। जिसकी प्रयागराज के शिवकुटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पति-पत्नी हैं फरार
निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर दोनों फरार हैं। कहा कि इन्होंने आम आदमी सहित वकीलों के साथ भी ठगी की है। 20 से 30 लाख लेकर गायब हैं। इस ठगी के पैसे से निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी ने पत्नी निहारिका द्विवेदी के नाम से कई प्लाट खरीदे हैं। इसलिए इन्हें राहत पाने का कोई अधिकार नहीं है।इस पर कोर्ट ने पुलिस से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आइए आपको बताते हैं क्या है 400 करोड़ की ठगी का मामला
रियल एस्टेट और शेयर बाजार में रुपए लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला 6 जून 2024 को पुलिस के पास पहुंचा। गोविंदपुर निवासी डॉ. ओम प्रकाश द्विवेदी के बेटे अभिषेक द्विवेदी ने वर्ष 2020 में पत्नी निहारिका के नाम से कंपनी बनाई। इसका नाम निहारिका वेंचर्स रखा। सिविल लाइंस के साईंधाम लैंडमार्क टावर में कार्यालय खोला गया। लोगों से कहा गया कि रियल स्टेट व शेयर बाजार में रुपए लगाने पर प्रतिमाह 6% तक मुनाफा मिलेगा। बड़ी संख्या में लोगों ने रुपए लगाए। बीच-बीच में अभिषेक द्विवेदी द्वारा लोगों को रुपए भी दिए गए, लेकिन इधर करीब छह माह से रुपए देने बंद कर दिए। निवेश करने वाले लोग उसके पास फोन करते तो वह टालमटोल करता। छह जून को निवेशकों को पता चला कि डा. ओम प्रकाश ने पुत्र अभिषेक को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है। अधिवक्ता कौशल सिंह के साथ लोग शिवकुटी थाने पहुंचे। यहां कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, निहारिका व डा. ओम प्रकाश द्विवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद संपत्तियों को खंगाला जाने लगा
400 करोड़ की ठगी और धोखाधड़ी के आरोपियों की नामी-बेनामी संपत्तियों को खंगाला जाने लगा है। पुलिस की 2 टीमें जालसाजों की संपत्ति खंगालने लगीं तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। मुख्य आरोपी पति-पत्नी फरार हैं। उनकी आखिरी लोकेशन अयोध्या के करीब मिली थी। ऐसे में पुलिस का शक है कि वह नेपाल में छिपे हो सकते हैं। एक टीम अयोध्या पहुंची है। रियल एस्टेट और शेयर बाजार में रुपए लगाने का लालच देकर अभिषेक द्विवेदी और उसकी पत्नी निहारिका ने 100 से ज्यादा लोगों से ठगी की है। पहले तो पुलिस ने इस मामले को मामूली माना, लेकिन अब अभिषेक पर FIR होने के बाद रोज कई लोग शिकायत लेकर सामने आ रहे हैं कि उन्हें भी ठगा गया। अब पुलिस निहारिका वेंचर्स कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, उसकी पत्नी निहारिका के नाम की संपत्तियों को खंगाल रही है। आरोपी अभिषेक के पिता को पुलिस ने अरेस्ट कियाअसल में जिस मामले को पुलिस मामूली ठगी और धोखाधड़ी मान रही थी अब वह कई करोड़ से 400 करोड़ तक पहुंचने लगा है। पुलिस को कई लोगों से शिकायत मिली तो पता चला कि 400 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। मामले में 8 जून 2024 को शिवकुटी थाना प्रभारी संजय गुप्ता ने डॉ. ओम प्रकाश द्विवेदी को गोविंदपुर टैक्सी स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी उनके बेटे और बहू के बारे में वह जानकारी नहीं दे सकता तो अंत में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। डीसीपी दीपक भूकर के मुताबिक, यह ठगी और जालसाजी योजनाबद्ध तरीके से की गई। शुरुआत में कुछ लोगों ने शिकायत की तो मामला दर्ज हो गया, लेकिन जांच में साफ होने लगा कि ठगी और जालसाजी 400 करोड़ रुपए तक पहुंच रही है। ऐसा निवेशकों ने शक जताया है। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई। अब आरोपी पति-पत्नी और रिश्तेदारों की संपत्तियां खंगाली जाने लगी हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार सौ करोड़ की ठगी मामले में निहारिका वेंचर्स की मालिक की गिरफ्तारी से रोक की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने पूछा है कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई। याचिका की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने कंपनी की मालिक निहारिका द्विवेदी की याचिका पर दिया है। याची की अधिवक्ता का कहना था कि निहारिका के पति ने उसके नाम से फर्म बनाई है। उसके क्रियाकलाप में उसका कोई रोल नहीं है। उसे झूठा फंसाया गया है। इसलिए गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। विपक्षी निवेशकों के अधिवक्ता ने दलील दी कि निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी व उनकी पत्नी निहारिका द्विवेदी ने 400 करोड़ रुपये की ठगी की है। जिसकी प्रयागराज के शिवकुटी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पति-पत्नी हैं फरार
निवेशकों के करोड़ों रुपये लेकर दोनों फरार हैं। कहा कि इन्होंने आम आदमी सहित वकीलों के साथ भी ठगी की है। 20 से 30 लाख लेकर गायब हैं। इस ठगी के पैसे से निहारिका वेंचर्स के एमडी अभिषेक द्विवेदी ने पत्नी निहारिका द्विवेदी के नाम से कई प्लाट खरीदे हैं। इसलिए इन्हें राहत पाने का कोई अधिकार नहीं है।इस पर कोर्ट ने पुलिस से विवेचना की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आइए आपको बताते हैं क्या है 400 करोड़ की ठगी का मामला
रियल एस्टेट और शेयर बाजार में रुपए लगाने के नाम पर करोड़ों की ठगी का मामला 6 जून 2024 को पुलिस के पास पहुंचा। गोविंदपुर निवासी डॉ. ओम प्रकाश द्विवेदी के बेटे अभिषेक द्विवेदी ने वर्ष 2020 में पत्नी निहारिका के नाम से कंपनी बनाई। इसका नाम निहारिका वेंचर्स रखा। सिविल लाइंस के साईंधाम लैंडमार्क टावर में कार्यालय खोला गया। लोगों से कहा गया कि रियल स्टेट व शेयर बाजार में रुपए लगाने पर प्रतिमाह 6% तक मुनाफा मिलेगा। बड़ी संख्या में लोगों ने रुपए लगाए। बीच-बीच में अभिषेक द्विवेदी द्वारा लोगों को रुपए भी दिए गए, लेकिन इधर करीब छह माह से रुपए देने बंद कर दिए। निवेश करने वाले लोग उसके पास फोन करते तो वह टालमटोल करता। छह जून को निवेशकों को पता चला कि डा. ओम प्रकाश ने पुत्र अभिषेक को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है। अधिवक्ता कौशल सिंह के साथ लोग शिवकुटी थाने पहुंचे। यहां कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, निहारिका व डा. ओम प्रकाश द्विवेदी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। इसके बाद संपत्तियों को खंगाला जाने लगा
400 करोड़ की ठगी और धोखाधड़ी के आरोपियों की नामी-बेनामी संपत्तियों को खंगाला जाने लगा है। पुलिस की 2 टीमें जालसाजों की संपत्ति खंगालने लगीं तो चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। मुख्य आरोपी पति-पत्नी फरार हैं। उनकी आखिरी लोकेशन अयोध्या के करीब मिली थी। ऐसे में पुलिस का शक है कि वह नेपाल में छिपे हो सकते हैं। एक टीम अयोध्या पहुंची है। रियल एस्टेट और शेयर बाजार में रुपए लगाने का लालच देकर अभिषेक द्विवेदी और उसकी पत्नी निहारिका ने 100 से ज्यादा लोगों से ठगी की है। पहले तो पुलिस ने इस मामले को मामूली माना, लेकिन अब अभिषेक पर FIR होने के बाद रोज कई लोग शिकायत लेकर सामने आ रहे हैं कि उन्हें भी ठगा गया। अब पुलिस निहारिका वेंचर्स कंपनी के एमडी अभिषेक द्विवेदी, उसकी पत्नी निहारिका के नाम की संपत्तियों को खंगाल रही है। आरोपी अभिषेक के पिता को पुलिस ने अरेस्ट कियाअसल में जिस मामले को पुलिस मामूली ठगी और धोखाधड़ी मान रही थी अब वह कई करोड़ से 400 करोड़ तक पहुंचने लगा है। पुलिस को कई लोगों से शिकायत मिली तो पता चला कि 400 करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। मामले में 8 जून 2024 को शिवकुटी थाना प्रभारी संजय गुप्ता ने डॉ. ओम प्रकाश द्विवेदी को गोविंदपुर टैक्सी स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी उनके बेटे और बहू के बारे में वह जानकारी नहीं दे सकता तो अंत में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। डीसीपी दीपक भूकर के मुताबिक, यह ठगी और जालसाजी योजनाबद्ध तरीके से की गई। शुरुआत में कुछ लोगों ने शिकायत की तो मामला दर्ज हो गया, लेकिन जांच में साफ होने लगा कि ठगी और जालसाजी 400 करोड़ रुपए तक पहुंच रही है। ऐसा निवेशकों ने शक जताया है। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई। अब आरोपी पति-पत्नी और रिश्तेदारों की संपत्तियां खंगाली जाने लगी हैं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर