मोदी की रैली के लिए हमारी कच्ची फसल कटवा दी:वाराणसी के किसान बोले- बंटाई पर खेती कर रहे, हमें कीमत भी नहीं मिलेगी ‘हमने एक बीघा खेत में गेहूं बोए थे। बंटाई पर पंडित जी का खेत हर साल बोते हैं। हमें आधा अनाज मिलता था, लेकिन इस बार प्रधानमंत्री मोदी की रैली के लिए हमारी कच्ची फसल ही कटवा दी गई। हमें भूसा भी नहीं मिला। हमारी तो बुआई की लागत भी नहीं निकलेगी। इसी अनाज से अगली फसल की तैयारी करते।’ यह कहना है शीला देवी का, जिन्होंने खेत बंटाई पर ले रखा था। शीला ने जिस खेत पर लेकर गेहूं उगाया, वह उन 36 बीघा खेतों में आ रहा है, जहां 11 अप्रैल को PM मोदी की जनसभा होनी है। प्रशासन ने यहां हार्वेस्टर लगाकर शीला जैसे कई किसानों की गेहूं की फसल कटवा दी। दैनिक भास्कर ऐप की टीम मेहंदीगंज में ऐसे किसानों का दर्द समझने पहुंची। यहां विनायका तालाब और हादी शाह तालाब के बीच में स्थित 36 बीघा खेतों के 27 किसानों की फसल हटाई जा रही है। हमने किसानों से 2 सवालों के साथ बात की। पहला- क्या मुआवजा पर्याप्त है? दूसरा- क्या बंटाई कुछ मिलेगा? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले बंटाई पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों की बात… दिलीप बोले- इसको उजाड़ दिया, हमें मुआवजा भी नहीं मिलेगा PM का जनसभा स्थल राजा तालाब तहसील में आने वाले मेहंदीगंज इलाके में बनाया जा रहा है। इसके 2 तरफ से चक रोड जाती है। यहां मकान बनाकर रहने वाले दिलीप कुमार से मुलाकात हुई। वह कहते हैं- 5 साल से धीरज पांडेय का 10 बिस्सा खेत बंटाई पर जोत-बो रहे हैं। हमने प्याज बोया था, पानी भी लगाया था। अब सब नुकसान हो गया। अधिकारी और लेखपाल आए थे। हमने कहा कि साहब इसे मत उजाड़िए, लेकिन उन्होंने कहा कि मुआवजा मिलेगा। हमने कहा हम बंटाई पर खेती करते हैं। तब उन्होंने कहा कि तुम्हारे मालिक को रुपए मिल जाएंगे। हमने मालिक को फोन किया तो उन्होंने कहा कि हम तो बाहर हैं, आएंगे तो बात करेंगे। अब अगर उनकी इच्छा होगी, तब हमें कुछ अनाज या मुआवजा मिल सकेगा। शीला बोलीं- फसल गई, पैसा तो मालिक को मिलेगा महिला किसान शीला ने कहा- हमारे पास अनुपम पांडेय के खेत हैं। बंटाई पर फसल उगाते आ रहे हैं। 4 दिन पहले तहसील के लेखपाल आए थे। उन्होंने फसल हटाने के लिए कहा। बोले कि मुआवजा बनाएंगे, तब तुम्हें रुपए देंगे। हमने फसल नहीं हटाई, क्योंकि गेहूं पका नहीं था। तब हार्वेस्टर लगाकर गेहूं काट दिया गया। इसके बाद हम लोगों ने उसके बंडल बनाकर पंप पर ले जाकर रखा है। अब 22 बिस्सा में आधा भी अच्छा अनाज निकलना मुश्किल दिख रहा है। मुआवजा भी हमको नहीं मिलेगा, क्योंकि पैसा तो खेत के मालिक को मिलेगा। हेलीपैड बनाने के लिए उजाड़ी 5 बिस्सा फूल की खेती इसके बाद हम दुर्गेश से मिले। उनके खेतों पर हेलीपैड बनाना है। वह दिसंबर, 2024 से फूलों की खेती कर रहे थे। दुर्गेश ने बताया- हम 5 बिस्सा में फूल की खेती बंटाई पर करते हैं। यह खेती हेलीपैड बनाने के लिए उजाड़ दी गई। खेत के जो मालिक हैं, उनसे हमने जब मुआवजे की बात की तो उन्होंने कहा कि हम आप को एक रुपया मुआवजा नहीं देंगे। क्योंकि शासन उतना ही मुआवजा देगा, जितना रुपया हमें खेती बेचने पर मिलता। दुर्गेश कहते हैं- अब हमारा इसमें 10 हजार रोज का नुकसान हो रहा है। खुद की 9 बिस्सा जमीन में भिंडी, उसे भी किया गया है चिह्नित दुर्गेश ने बताया- इसके अलावा खुद की जमीन 9 बिस्सा है, जिस पर भिंडी की फसल लहलहा रही है। रोजाना उससे 2 से 3 क्विंटल भिंडी निकल रही है। मंडी में 300 रुपए पसेरी के हिसाब से बेच रहे हैं। यह अगले 3 महीने तक लगातार बिकती। ऐसे में हमें हर महीने 1.80 लाख रुपए का नुकसान होगा। इसके लिए अभी तक लेखपाल ने कोई मुआवजे की बात नहीं की है। अब वो किसान, जिनके खुद के खेत… 12 बिस्सा खेत से मजबूरी में काटी कच्ची गेहूं की फसल मेहंदीगंज के राजेश कुमार वर्मा सभास्थल के बगल से निकली चकरोड के दाएं तरफ परिवार के साथ अपने गेहूं की थ्रेसरिंग करवाते दिखे। राजेश ने बताया- सभास्थल के लिए चिह्नित जमीन में हमारा 12 बिस्सा खेत आ रहा है। इसमें गेहूं बोया गया था। यह गेहूं अगले 10 दिन में पक जाता। लेकिन, प्रधानमंत्री के आने की वजह से खेत खाली करने का अल्टीमेटम अधिकारियों ने दे दिया। इस पर घरवालों के साथ मिलकर कच्ची फसल काटनी पड़ी। हमसे मुआवजे की बात नहीं की राजेश ने बताया- लेखपाल ने हमसे किसी भी तरह के मुआवजे की बात नहीं की। वहीं, कच्चा अनाज काटने से हमारी लागत भी अब नहीं निकल पाएगी। इस दौरान थ्रेसरिंग करवा रहीं उनकी पत्नी ने कहा- हम अब साल भर गुजारे का पता नहीं, यही गेहूं ही हमारा सहारा था। हीरालाल बोले- हमारा खेत भी चिह्नित
प्रधानमंत्री का हेलीपैड जिस जगह बन रहा, उसके पास ही हीरालाल का भिंडी का खेत है। हीरालाल ने बताया- हमारा खेत भी चिह्नित किया गया। ये करीब 9 बिस्सा है। इसमें भिंडी बोई है। इससे हमारे घर का खर्च चल रहा है, लेकिन इसे उजाड़ने की बात की जा रही है। अभी तक लेखपाल ने हमसे संपर्क नहीं किया है, हमारे अंदर डर बना हुआ है। बिछिया देवी बोलीं- मुआवजा के बाद भी हमारा नुकसान खेत के बाहर चकरोड पर बैठकर रो रही किसान मूसेपाल की पत्नी बिछिया देवी ने कहा- हम फसल कैसे हटाते, टमाटर के पौधे तो 2 महीने तक फल देते हैं। कच्ची फसल पर JCB चलवा दिया है। शुक्रवार को यह सब करने से पहले बता देते तो जो टमाटर पके थे, उन्हें तुड़वा लिया जाता। ये कोई गेहूं की फसल तो है नहीं। अब हमारा नुकसान हुआ है, उसको कहते हैं कि मुआवजा देंगे। लेकिन, वह तो आज की फसल का देंगे, पौधे से जो फल आने वाले थे, उसका कौन देगा भला? प्रशासन के एक्शन के बाद मूसेपाल के बेटे अनिल दौड़ते हुए खेत पर पहुंचे। उन्होंने बताया- 5-6 दिन पहले तहसील से लेखपाल आशुतोष कुमार आए थे। उन्होंने बताया था कि PM की जनसभा होनी है। इसके लिए हमको हमारे खेत खाली करने होंगे। उर्धवेंदु पांडेय और सुरेंद्र के खेतों की गेहूं की फसल पक चुकी थी। पंचायत और तहसील के करीब 30 कर्मियों ने उनके खेत पर खड़ी फसल को काटकर उसके बंडल बना दिए थे। 3 अप्रैल की सुबह तक थ्रेसरिंग कराकर गेहूं और भूसे को किसानों के घर तक पहुंचा दिया गया। उन्होंने आगे कहा- उनकी गेहूं की फसल थी, मगर हमारी टमाटर की फसल तो कच्ची थी। हम हटाते कैसे? हमारा नुकसान कौन भरेगा? 4 अप्रैल को तहसील से लोग आए और हमारे खेत पर JCB चलवा दी। अब हम उजड़ी हुई फसल को इकट्ठा कर रहे हैं। 27 किसानों के 36 बीघा खेत लिए जा रहे
प्रधानमंत्री की जनसभा के लिए वाराणसी रिंगरोड पर मेहंदीपुर में 36 बीघा जमीन पर कार्यक्रम स्थल बनाया जा रहा है। इसमें जनसभा स्थल, हेलीपैड, पार्किंग और एक ग्रीन हाउस बनेगा। इसके लिए 27 किसानों के खेत अधिग्रहीत किए जा रहे हैं। किसान उर्धवेंदु पांडेय के 16 बीघा खेत पर जनसभा स्थल बन रहा है। सुरेंद्र यादव के 4 बीघा खेत में हेलीपैड बनकर तैयार हो गया है। पार्किंग के लिए खेत अधिग्रहीत होना बाकी है। इसके लिए राजातालाब तहसील के SDM और लेखपालों से किसानों की बातचीत चल रही है। गुरुवार को किसान उर्धवेंदु और सुरेंद्र के खेत पर खड़ी गेहूं की फसल को काटकर उनके घर पहुंचा दिया गया था। अब इस जनसभा स्थल तक आने-जाने के रास्ते के लिए मूसेपाल के 0.55 बीघा खेत को अधिग्रहीत किया गया है। इस खेत में टमाटर की फसल खड़ी थी। वहीं लेखपाल आशुतोष कुमार ने कहा- किसान अनिल पाल को फसल हटाने के लिए कहा गया था, मगर उन्होंने फसल नहीं काटी। इसलिए JCB से हटवानी पड़ी, क्योंकि अब कार्यक्रम में ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। डीएम बोले- सभी को मुआवजा मिलेगा
वहीं, वाराणसी के जिलाधिकारी कार्यालय से जारी लेटर के अनुसार, कार्यक्रम स्थल और हेलीपैड को मिलाकर कुल 26 काश्तकारों की करीब 9 हेक्टेयर जमीन प्रभावित हो रही है। इन सभी काश्तकारों से लिखित सहमति ले ली गई है। मुआवजा के लिए नियमानुसार प्रकिया की जाएगी। ——————– यह खबर पढ़ें : संभल जामा मस्जिद में हवन करने पहुंचे लोग, वक्फ बिल का समर्थन करने पर नमाजी की पिटाई; मुनव्वर राणा की बेटी हाउस अरेस्ट; यूपी में हाईअलर्ट वक्फ संशोधन बिल संसद से पास हो गया है। इसका विपक्ष और मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं। लखनऊ में पुलिस ने शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा को हाउस अरेस्ट किया है। उनके घर के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा है। यूपी अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशफाक सैफी को वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने पर जान से मारने की धमकी मिली। पढ़िए पूरी खबर…