धार्मिक श्रीखंड यात्रा के लिए देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी यह यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं हुई है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने 140 से अधिक श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया है। अभी किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। एसडीएम निरमंड मनमोहन ने बताया कि पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान दो श्रद्धालुओं और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें एक श्रद्धालु हरियाणा, दूसरा यूपी के बुलंदशहर और तीसरा स्थानीय व्यक्ति था। इसे देखते हुए प्रशासन ने फैसला लिया है कि किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वापस भेजे गए अधिकतर श्रद्धालु गैर हिमाचली यानी दूसरे राज्यों से आए थे। आधिकारिक तौर पर 14 जुलाई से शुरू होगी यात्रा एसडीएम ने बताया कि आधिकारिक तौर पर यात्रा 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। इस यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसलिए आधिकारिक यात्रा से पहले किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा श्रीखंड यात्रा दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा मानी जाती है। 18,570 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़, संकरे रास्तों से 32 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। हर समय हादसे का डर बना रहता है। पार्वती बाग से आगे कुछ इलाके ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन की भी कमी है। ऐसे में अगर श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या नीचे नहीं उतारा गया तो हादसे का डर बना रहता है। इस कारण कई श्रद्धालु भोले के दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो जाते हैं। यात्रा को आसान बनाने के लिए पांच स्थानों पर बनाए जा रहे बेस कैंप एसडीएम ने बताया कि यात्रा को आसान बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन पांच स्थानों पर बेस कैंप बना रहा है। पहले चरण में सिंघगाड़ में बेस कैंप बनाया जा रहा है। इसके अलावा थाचडू, कुंशा, भीमद्वार और पार्वती बाग में भी बेस कैंप बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट और उनके साथ पुलिस अधिकारी/प्रभारी के अलावा मेडिकल स्टाफ और बचाव दल भी तैनात रहेंगे। पहली बार बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी इस यात्रा में पहली बार पार्वती बाग में बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी, क्योंकि संकरा और खतरनाक रास्ता होने के कारण इस यात्रा के दौरान कई अनचाहे हादसे होते रहते हैं। खास तौर पर बारिश के कारण यह यात्रा बाधित होती है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया गया बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं भेजा जाएगा। देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं श्रीखंड श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती भरा होगा। धार्मिक श्रीखंड यात्रा के लिए देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी यह यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं हुई है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने 140 से अधिक श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया है। अभी किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। एसडीएम निरमंड मनमोहन ने बताया कि पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान दो श्रद्धालुओं और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें एक श्रद्धालु हरियाणा, दूसरा यूपी के बुलंदशहर और तीसरा स्थानीय व्यक्ति था। इसे देखते हुए प्रशासन ने फैसला लिया है कि किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वापस भेजे गए अधिकतर श्रद्धालु गैर हिमाचली यानी दूसरे राज्यों से आए थे। आधिकारिक तौर पर 14 जुलाई से शुरू होगी यात्रा एसडीएम ने बताया कि आधिकारिक तौर पर यात्रा 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। इस यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसलिए आधिकारिक यात्रा से पहले किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा श्रीखंड यात्रा दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा मानी जाती है। 18,570 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़, संकरे रास्तों से 32 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। हर समय हादसे का डर बना रहता है। पार्वती बाग से आगे कुछ इलाके ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन की भी कमी है। ऐसे में अगर श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या नीचे नहीं उतारा गया तो हादसे का डर बना रहता है। इस कारण कई श्रद्धालु भोले के दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो जाते हैं। यात्रा को आसान बनाने के लिए पांच स्थानों पर बनाए जा रहे बेस कैंप एसडीएम ने बताया कि यात्रा को आसान बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन पांच स्थानों पर बेस कैंप बना रहा है। पहले चरण में सिंघगाड़ में बेस कैंप बनाया जा रहा है। इसके अलावा थाचडू, कुंशा, भीमद्वार और पार्वती बाग में भी बेस कैंप बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट और उनके साथ पुलिस अधिकारी/प्रभारी के अलावा मेडिकल स्टाफ और बचाव दल भी तैनात रहेंगे। पहली बार बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी इस यात्रा में पहली बार पार्वती बाग में बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी, क्योंकि संकरा और खतरनाक रास्ता होने के कारण इस यात्रा के दौरान कई अनचाहे हादसे होते रहते हैं। खास तौर पर बारिश के कारण यह यात्रा बाधित होती है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया गया बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं भेजा जाएगा। देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं श्रीखंड श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती भरा होगा। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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